वाराणसी (ब्यूरो)उदासी, निराशा और फिर डिप्रेशनयह छोटी सी भावना गहरा जाए तो जानलेवा हो जाती हैपिछले कुछ दिनों से शहर में ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जोकि सबको झकझोर दे रही हंैमामला चाहे भोजपुरी एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे का हो या वकील की पत्नी काऐसे कई मामले हैं, जिनमें आधी आबादी ने फंदा लगाकर मौत को गले लगा लियायही नहीं समुदाय विशेष के एक युवक से युवती का प्रेम प्रसंग काफी दिनों से चला आ रहा था किंतु अचानक प्यार में धोखा मिलने से युवती ने मौत को गले लगा घातक कदम उठा लियाइसके अलावा भी दो और आत्महत्या हुईदैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पड़ताल में चौंकाने वाली जानकारी सामने आईबनारस में 26 से 45 आयु वर्ग की महिलाएं सुसाइड सबसे ज्यादा कर रही हैंइसके बाद 15 से 25 आयु वर्ग में यह प्रवृत्ति ज्यादा हैआंकड़ों की बात करें तो इस साल जनवरी से 15 मई तक 56 महिलाओं ने आत्महत्या की हैं, जबकि कुल सुसाइड की 82 घटनाएं हुईं.

प्रेम प्रसंग और पारिवारिक कलह में सुसाइड

पिछले पांच महीने में सुसाइड की 82 घटनाएं हुई हैं, जिसमें 56 महिलाएं भी शामिल हैंपड़ताल में सामने आया है कि महिला संबंधित सुसाइड की मुख्य वजह प्रेम प्रसंग और पारिवारिक कलह ही हैपारिवारिक कलह में पति से विवाद ज्यादा हैपुरुष मानसिकता से परेशान होकर महिलाएं सुसाइड ज्यादा कर रही हैंबदलते और आधुनिक दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे कदम बढ़ रही हैं, लेकिन घर-परिवार में महिला के बढ़ते कदम पति को अच्छा नहीं लग रहा है.

महिला सुसाइड में वरुणा जोन सबसे आगे

पुलिस के आंकड़ों की बात करें तो वाराणसी में सुसाइड करने में महिलाएं आगे हैंजनपद को काशी, वरुणा और गोमती जोन में बांटा गया हैसबसे अधिक वरुणा जोन में 72 महिलाओं ने सुसाइड की हैंदूसरे नंबर पर काशी और तीसरे नंबर गोमती है, जहां सुसाइड की क्रमश: 65 32 घटनाएं हैं.

सारनाथ सर्किल में महिला सबसे कमजोर

वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की कुल नौ सर्किल हैकाशी जोन में चार कोतवाली, भेलूपुर, दशाश्वमेध व चेतगंज हैपड़ताल सामने आया है कि महिला सुसाइड की घटना में सारनाथ सर्किल आगे हैंजनवरी से 15 मई तक कुल 9 महिलाओं ने सुसाइड किया, जबकि पिछले 2022 में यह आंकड़ा 30 थाइसके बाद भेलूपुर सर्किल है, जहां पिछले पांच महीने में 6 और 2022 में 22 है.

महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं, लेकिन सामाजिक व पारिवारिक माहौल में आज भी उनकी पहले जैसी स्थिति हैपुरुष मानसिकता के आगे वह बेबस व लाचार हैंइसलिए प्रेम प्रसंग व पारिवारिक कलह के चलते महिलाओं में सुसाइड की घटनाएं बढ़ रही हैंजब तक पुरुष मानसिकता में बदलाव नहीं आएगा तब तक महिला सुसाइड की घटनाएं होती रहेंगी.

ममता रानी, एडीसीपी महिला अपराध

मोबाइल की वजह से महिलाओं का सामाजिक ताना-बाना बिगड़ गया हैसामाजिक डर से वह अपनी फीलिंग या परेशानी शेयर नहीं करती हैंसपोर्ट नहीं मिलने से अंदर ही अंदर घुटन की वजह से डिप्रेशन तेजी से बढ़ता हैइसके चलते आसानी से महिलाएं मौत को गले लगा लेती हैं.

डाधर्मदेव दुबे, मनोचिकित्सक

पारिवारिक कलहों के पीछे कोई ठोस वजह तो नहीं होती, लेकिन छोटी छोटी बातों की वजह से ही सुख-शांति के माहौल में तनाव फैल जाता हैशादी के बाद जिस सहेली या दोस्त से अपनी हर बात शेयर करती थी, उससे दूरी बन जाती हैपारिवार में पति को सपोर्ट नहीं मिलने से वह खुद को अकेला महसूस करती हैंइसलिए सहेली या दोस्त परस्पर संपर्क में रहना चाहिएतनाव में वह मददगार साबित होती है

मनीष गोयल, काउंसलर