वाराणसी (ब्यूरो)। नकली नोट ने एक बार फिर गुपचुप तरीके से मार्केट में आए हैं। सोनिया मार्केट में किसी ने धोखे से दुकानदारों को 20-20 के नकली नोट थमा दिए। कुछ दिन पहले मकबूल आलम रोड स्थित निजी बैंक में पांच-पांच सौ के 49 नोट नकली पकड़े गए थे। इन मामलों से यह स्पष्ट है कि एक बार फिर नकली नोट मार्केट में खपाए जा रहे हैं। आज इस खबर में पढ़ें कि नकली नोटों का नेटवर्क कैसा है और नकली नोटों से पहचान कैसे की जा सकती है।
बंगाल से बनारस आ रहे नकली नोट
अभी तक नकली नोट में जो भी लोग पकड़े गए हैं, वे सभी पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। 19 मार्च को मकबूल आलम रोड स्थित बैंक में एक लाख रुपये जमा करने पहुंचे युवक की पहचान पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के कासिम नगर (पाइपोर) निवासी मोरजेम हुसैन के रूप में हुई थी। इसी तरह करीब एक लाख फेक करेंसी के साथ पकड़े गए दीपक और चंदन की पहचान भी पश्चिम बंगाल के रूप में हुई थी। इनसे पूछताछ में पता चला कि बांग्लादेश से नकली इंडियन करेंसी को फरक्का, मालदा, बिहार, चंदौली के रास्ते बनारस में लाया जाता है। गाजीपुर और मऊ के रास्ते भी बनारस लाया जाता है। इसके बाद यहां से आजमगढ़, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र और जौनपुर के छोटे-छोटे बाजारों में खपाया जाता है। अभी तक लगभग एक करोड़ रुपए तक खपाए गए हैं। इन करंसी की तभी पहचान होगी, जब ये बैंक में जमा होने के लिए पहुंचेंगे।
ट्रेनों से तस्करी
वाराणसी समेत पूर्वांचल में नकली नोटों की तस्करी सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल से बिहार के रास्तों से होती है। यूपी के गाजीपुर, मऊ, बलिया, चंदौली जिलों की सीमा से जुड़े बिहार के जिलों से तस्कर वाराणसी तक पहुंच जाते हैं। सीवान समेत कई इलाके नकली नोटों की छपाई और तस्करी के लिए चर्चित हैं। वहीं, बांग्लादेश से कोलकाता के रास्ते भी तस्कर ट्रेनों से बनारस आते हैं.
छोटे बाजारों में बड़ी खपत
नकली नोटों की खेप बिहार-झारखंड से भी आती है। एटीएस ने पहले भी नोटों की बड़ी-बड़ी खेप पकड़ी थी। अधिकतर मामलों में तस्करी का केंद्र बिंदु पश्चिम बंगाल का मालदा रहा है। तस्करी में शामिल सबसे ज्यादा तस्कर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के रहने वाले बताए गए हैं। पूर्वांचल के छोटे बाजारों में नकली नोटों को खपाना तस्करों से लिए सबसे आसान होता है.
पड़ोसी देश में प्रिंटिंग
पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश के भी कई इलाकों में भारतीय मुद्रा समेत कई देशों की करंसी की छपाई होती है। इन जगहों पर भारतीय करंसी देने पर तीन गुना ज्यादा नोट मिलते हैं, जिन्हें लाने वाले तस्कर पूर्वांचल के बाजार में आधी कीमत पर बेच देते हैं। फिर उनके एजेंट बाजार में नोट को चलन में लाकर पूरी कीमत वसूलते हैं। पुलिस इन नकली नोट तस्करों का नेटवर्क खंगालेगी और जिलों में मिली सूचनाओं के आधार पर छापेमारी करेगी.
चार गुना नकली नोट
तीन से चार गुना तक अधिक रुपये देने का लालच देकर नकली नोटों की खेप लोगों को दी जाती है। इन नोटों को छोटे बाजारों के एजेंट को आधी कीमत में देकर खपा दिया जाता है। वाराणसी के अलावा गाजीपुर, सोनभद्र, बलिया, मऊ, आजमगढ़ में सर्वाधिक नोट खपाने पर फोकस रहता है.
नकली करंसी के खिलाफ कार्रवाई
20 जनवरी 2014 : रोडवेज बस स्टैंड के पास से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से एक लाख 95 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए थे।
9 सितंबर 2023 : चांदमारी क्षेत्र में रिंगरोड किनारे एक रेस्टोरेंट के पास से 5400 रुपये फेक करेंसी के साथ आदर्श उर्फ आशु को गिरफ्तार किया गया था.
25 जनवरी 2023 : नकली नोटों के तस्कर बबलू बिन्द उर्फ बाबिल को दबोचा, उस पर 50 हजार रुपये का इनाम था।
आम आदमी या दुकानदार के लिए नकली नोट की पहचान करना थोड़ा मुश्किल है। शक होने पर पास के बैंक में जाकर इसे चेक कराया जा सकता है। बैंकों में नकली-असली नोट की पहचान के बारे में जानकारी को लेकर पोस्टर चस्पा रहता है।
प्रभात सिन्हा, एलडीएम
एप के जरिए करें चेक
यह एंड्रॉइड पर फ्र ी में उपलब्ध है। इस ऐप के जरिए आप नकली नोट को पहचान सकते हैं। ऐप जैस-जैसा कहे आपको वैसे वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरी करनी है। यहां आपसे कुछ सवालों पूछे जाते हैं जिनका जवाब देने के बाद ऐप यह चेक करती है कि आपके पास जो नोट है वो असली हैं या नकली.
नकली नोट का पता लगाने के लिए, आप भारतीय रिजर्व बैंक शब्दों की टाइपोग्राफी की जांच कर सकते हैं। ये शब्द नकली नोट पर मोटे दिखाई देंगे, जबकि असली नोट पर ये कहीं ज्यादा स्मूद नजर आते हैं.
नोट पर इंक भी चेक करनी चाहिए। अगर आप फेक नोट को ध्यान से देखेंगे तो आपको खराब छपाई दिखाई देगी। अगर आपके पास एक नकली नोट है, तो आपको स्मज्ड इंक या ब्रोकन लाइन दिखाई देगी। इस तरह से भी आप पता लगा सकते हैं कि आपके पास जो करंसी है वो नकली है.
अगर आपके पास फेक नोट है तो आपको बीच में एक लाइन दिखाई देगी। इस लाइन को सिक्योरिटी थ्रेड कहा जाता है। नकली नोट में ये थ्रेड प्रिंटेड दिखाई देगा.