वाराणसी (ब्यूरो)। एसटीएफ की पूछताछ में अशोक कुमार ने कई ऐसी जानकारियां दीं, जिसे सुनकर होश उड़ गए। वाराणसी एसटीएफ प्रभारी विनोद सिंह ने बताया कि कैंट रोडवेज के पीछे चर्च कालोनी में अशोक कुमार ने गोदाम बना रखा था। यही से वह नकली दवा के धंधे को संचालित करता था। पूर्वांचल के गाजीपुर, सोनभद्र, भदोही, मिर्जापुर, आजमगढ़, बलिया, मऊ समेत अन्य जनपदों में नकली दवा की सप्लाई के लिए रोडवेज बसों का इस्तेमाल करता था। बसों पर माल रखने वाले कुलियों को ज्यादा पैसा देकर वह आसानी से इस काम को अंजाम देता था। यह सिलसिला पिछले तीन साल से चल रहा था। एसटीएफ के अनुसार रोडवेज बस के अलावा डग्गामार बस, टे्रनों व लहरतारा के ट्रांसपोर्टर की मदद से नकली दवा बिहार के पटना, गया, पूर्णिया, बक्सर, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, वर्धमान, उड़ीसा, हैदराबाद, अहमदाबाद, पश्चिमी यूपी के आगरा, बुलंदशहर में नकली दवा कारोबार करने वालों को सप्लाई करता था।
हिमाचल प्रदेश के बद्दी में बनती थी नकली दवा
एसटीएफ की पूछताछ में अशोक कुमार ने कई ऐसी जानकारियां दीं, जिसे सुनकर होश उड़ गए। अशोक ने बताया कि ब्रांडेड व नामी कंपनियों की दवा मोनोसेफ ओ, गाबापिन एनटी, क्लावैम-625 पैन-डी, पैन-40, सेफ एजेड, टाक्सिम ओ समेत तमाम जीवन रक्षक दवा को हिमाचल प्रदेश के बद्दी में कई दवा फैक्टरियों में तैयार कराता था। नामी-गिरामी कंपनियों के रैपर, प्रिटिंग व पैकेजिंग उत्तराखंड में होती थी। इसके बाद नकली दवायें बनाने वालों हरियाणा पंचकूला निवासी अमित दुआ, बद्दी के सुनील व रजनी भार्गव से फर्जी बिल्टी व बिल से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से दवा मंगाने लगा.
60 रुपये में खरीदकर 300 में बेची जाती थी नकली दवाएं
हिमाचल प्रदेश के बद्दी में बनने वाली नकली दवा मात्र 60 से 80 रुपये में आती थी, जबकि मार्केट में असली दवाओं की कीमत एक हजार से 12 सौ रुपये होती हैं। बनारस में नकली दवा मंगाकर अशोक कुमार इसे दो से तीन सौ रुपये बेचता था। इसे खरीदने वाले दुकानदार पांच से छह सौ रुपये में बेचते थे। बिल्कुल असली जैसी नजर आने वाली नकली दवाएं लगभग आधी कीमत में मिलने पर ग्राहक पर खास पूछताछ नहीं करते थे.
बनारस से यहां होती थी सप्लाई
बनारस के गोदाम में माल डंप करने के बाद अशोक रोडवेज बसों, ट्रेनों और ट्रांसपोर्ट के जरिए पूर्वांचल, बिहार के पटना, गया, पूर्णिया, बक्सर, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, वर्धमान, उड़ीसा, हैदराबाद, अहमदाबाद, पश्चिमी यूपी के आगरा, बुलंदशहर में नकली दवा कारोबार करने वालों को सप्लाई करता था। बनारस में वह सोनिया व सप्तसागर में भी कुछ मेडिकल स्टोर पर दवा देता था। कमिश्नरेट पुलिस अब उन दुकानदारों से पूछताछ करेगी, जहां नकली दवा की सप्लाई होती थी.