वाराणसी (ब्यूरो)। बीएचयू स्थित चिकित्सा संस्थान, विज्ञान संस्थान एवं कृषि संस्थान के खेल मैदान में चल रही प्रदेशीय विद्यालयीय फुटबाल प्रतियोगिता में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। प्रतियोगिता में हिस्सा लेनी वाली देवी पाटन मंडल की टीम असली नहीं, बल्कि फर्जी है। खिलाडिय़ों के ओवर एज की शिकायत मिलने पर गुरुवार को जेडी एजुकेशन राम शरण सिंह बीएचयू पहुंचे। उन्होंने देवी पाटन मंडल के खिलाडिय़ों के आधार कार्ड मांगे तो पता चला कि अंडर-14 बालिका, अंडर-14 बालक और अंडर-19 बालक टीम फर्जी है। ये सभी खिलाड़ी देवी पाटन मंडल के नहीं, बल्कि वाराणसी के रहने वाले पाए गए। साथ ही सभी खिलाडिय़ों की वास्तविक उम्र भी बहुत ज्यादा मिली है। फर्जी टीम की जानकारी होते ही हड़कम्प मच गया। मौके पर सभी देवी पाटन मंडल के सभी खिलाड़ी और कोच फरार हो गए। फिलहाल पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर खेल निदेशालय लखनऊ भेज दी गई है। आगे की कार्रवाई वहां से होगी।
वाराणसी में ही तैयार की गई तीनों टीमें
जांच में पता चला कि फुटबाल प्रतियोगिता में देवी पाटन मंडल के प्रतिभाग करने वाली टीम अंडर 14 बालिका, अंडर 14 बालक और अंडर 19 बालक के सभी खिलाडिय़ों का फर्जी तरीके से चयन वाराणसी के बीएलडब्ल्यू में किया गया। रोहित सोनकर नाम के कोच प्रतियोगिता में सम्मिलित कराने के लिए बीएचयू लाये थे। पूछताछ में रोहित सोनकर ने बताया कि वे बीएलडब्ल्यू खेल मैदान में फुटबाल के कोच है, जो विगत कई वर्षों से राज्य स्तरीय फुटबाल प्रतियोगिता में फर्जी पात्रता प्रमाण पत्र तैयार कराकर प्रतिवर्ष फुटबाल प्रतियोगिता में अनियमित रूप से खिलाडिय़ों को प्रतिभाग कराते आ रहे हैं। मौके से विवेक प्रताप सिंह नाम के एक प्रधानाचार्य भी मिले, जो देवीपाटन मंडल के फर्जी खिलाडिय़ों को प्रतिभाग कराने के मुख्य सूत्रधार बताये गये.
27 फर्जी खिलाड़ी बनारस के पाए गए
जांच में अंडर 19 बालिका वर्ग में कुल 18 खिलाडिय़ों में से 15 के आधार कार्ड पर उनका आवासीय पता वाराणसी जनपद का पाया गया। आधार कार्ड के अनुसार इन खिलाडिय़ों की उम्र अधिक है, लेकिन इन लोगों को फर्जी तरीके से कक्षा- 7, कक्षा-8 में किसान इंटर कालेज, सोनापार बड़ाराय, गोंडा में नामांकित करवाकर प्रतियोगिता में शामिल कराया गया। इसी तरह अंडर-14 बालक में 12 खिलाड़ी वाराणसी के रहने वाले पाए गए, जिनके आधार कार्ड पर जनपद वाराणसी का पता अंकित है और उम्र भी अधिक पायी गयी। अंडर-19 बालक वर्ग के सभी खिलाड़ी विभिन्न जनपदों के पाए गए।
देवी पाटन मंडल की टीम एक भी मैच नहीं हारी
जांच अधिकारी के अनुसार तीनों टीमों ने फुटबाल प्रतियोगिता में अभी तक कुल चार मैच खेला है, जिसमें उन्होंने सामने वाली टीमों को कई गोल के अंतर से हरा दिया। सामने वाली टीमों के खिलाडिय़ों के सामने देवी पाटन के खिलाड़ी काफी अधिक उम्र के थे। इसके चलते वे सामने वाली टीम पर भारी पड़ जाते थे। देवी पाटन की टीमों के आगे अन्य मंडल के खिलाड़ी काफी कमजोर पड़ते थे। इनके सामने कोई खिलाड़ी टिक नहीं पाता था, इसलिए देवी पाटन की टीमें हर मैच में आसान से जीत जाती थी।
बीएलडब्ल्यू क्लब के लिए खेलते हैं सभी फर्जी खिलाड़ी
जांच में फर्जी पाए गए बनारस के 27 खिलाड़ी पेशेवर फुटबाल खिलाड़ी हैं। वे सभी खिलाड़ी वाराणसी के विभिन्न स्कूलों में 11वीं और 12वीं में पढ़ते हैं और उनकी आयु 16 से 18 साल के बीच पाई गई। कोच रोहित सोनकर के फर्जी तरीके से इन बच्चों को गोंडा और श्रावस्ती जिले में कक्षा-6, 7, 8 में एडमिशन कराया गया था। ये सभी बच्चे बीएलडब्ल्यू क्लब के लिए खेलते हैं.
देवी पाटन मंडल के अधिकारी को पता नहीं
जांच में फर्जी टीमों का खुलासा होने के बाद जेडी एजुकेशन राम शरण सिंह ने देवी पाटन मंडल के समकक्ष अधिकारी से संपर्क किया तो पता चला कि ऐसी कोई टीम तैयार नहीं की गई। बीएचयू में चल रही प्रदेशीय विद्यालयीय फुटबाल प्रतियोगिता के बारे में भी कोई सूचना नहीं है। उधर, फर्जी टीमों का खुलासा होने पर आयोजक ने देवी पाटन मंडल की सभी टीमों को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया है। देवी पाटन मंडल के सभी मैचों को अवैध करार कर दिया है।
अन्य टीमों के खिलाडिय़ों की शिकायत पर गुुरुवार को बीएचयू में जाकर जांच की गई तो देवी पाटन की सभी टीमें फर्जी निकलीं। ये सभी खिलाड़ी बनारस के हैं। फर्जी तरीके से टीमें बनाकर प्रतियोगिता में हिस्सा ले लिया। सभी फर्जी कोच और खिलाड़ी फरार हो गए। फिलहाल पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट बनाकर निदेशालय लखनऊ को भेज दिया गया है। आगे की कार्रवाई उन्हीं के निर्देशन में होगी.
- राम शरण सिंह, जेडी एजुकेशन वाराणसी