- पांच लोगों को नौकरी व शराब का लाइसेंस दिलाने का किया था वादा
- कमिश्नरेट पुलिस ने नहीं सुनी तो कोर्ट ने दिया केस दर्ज करने का आदेश
- लालपुर-पांडेयपुर पुलिस जांच में जुटी, हंडिया में तैनात है सिपाही
कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने और पुलिस कमिश्नर ए। सतीश गणेश की सख्ती के बावजूद वाराणसी में धोखाधड़ी रुक नहीं रही है। अभी तक कोई कम्पनी, एजेंसी या नटवरलाल नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का कारनामा करता था, लेकिन रविवार को आबकारी विभाग का नाम आते ही हड़कम्प मच गया। यह कारनामा विभाग के एक सिपाही ने किया है। सिपाही ने पांच युवकों को नौकरी व एक को शराब ठेके का लाइसेंस दिलाने के नाम पर 15 लाख हड़प लिये।
पैसे वापस मांगने पर पुलिसिया रौब के साथ जान से मारने की धमकी देने लगा। जान-माल के लिए पीडि़तों ने कमिश्नरेट पुलिस का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर में पीडि़त अदालत की शरण में चले गए। सीजेएम कोर्ट के आदेश पर चौकाघाट स्थित आबकारी कालोनी निवासी सिपाही मनीष कुमार सिंह के खिलाफ लालपुर-पांडेयपुर थाने में धोखाधड़ी और धमकाने सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है।
किश्तों में दिए थे 15 लाख रुपये
दौलतपुर क्षेत्र की आवास विकास कॉलोनी निवासी अंजनी कुमार सिंह के अनुसार वर्ष 2019 में मूल रूप से बलिया के कोतवाली क्षेत्र के कर्नल बृजबिहारी के रहने वाले आरोपित सिपाही मनीष से उनकी जान-पहचान हुई थी। दोनों की करीबी बढ़ी तो मनीष ने कहा कि पैसा खर्च करे तो उसे शराब का ठेका दिलाने के साथ दोस्तों की आबकारी विभाग में नौकरी लगवा देंगे। अंजनी शराब ठेके और उनके पांच मित्र नौकरी के लिए तैयार हो गए। इसके साथ ही अलग-अलग किश्तों में मनीष को 15 लाख रुपये दिए गए। अंजनी ने बताया कि काफी समय बीत जाने के बाद भी न उन्हें शराब ठेका मिला और न उनके दोस्तों को नौकरी।
मेरे रिश्तेदार डीआईजी हैं
पीडि़तों द्वारा पैसे की मांग की गई तो मनीष ने कहा कि उसके रिश्तेदार पुलिस विभाग में डीआईजी हैं। कोई उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा। इसके बाद अंजनी ने लालपुर पांडेयपुर थाने से लेकर पुलिस महकमे के उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने प्रयागराज के हंडिया में आबकारी आफिस में तैनात सिपाही मनीष कुमार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।