वाराणसी (ब्यूरो)। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सनातन परंपराओं को फिर से जानने का अवसर मिल रहा है। इसके लिए एक फरवरी से लगातार प्रोग्राम चल रहे हैं। यह प्रोग्राम सनातन संस्कृति के बारे में लोग भूल गए थे, उसे फिर आरंभ किया गया है। जितने तीज, त्योहार और संस्कृति हैं उसके बारे में अवेयर करने के लिए लगातार कार्यक्रम चल रहा है। विश्वनाथ धाम में इस तरह की नयी परंपरा की शुरुआत होने से सनातन संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा.
एक फरवरी से शुरुआत
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि सदियों पहले सनातन परंपराओं को मनाने का सिलसिला चला आ रहा है, लेकिन बीच में आक्रांताओं के आतंक से देवालय, शिवालयों और मंदिरों में सनातन परंपराएं लुप्त हो गयी थीं। अब तक सिर्फ पूजा-पाठ ही चल रहा था। तीज-त्योहार और अपनी परंपराएं कौन-कौन सी है इसके बारे में जागरूक करने के लिए विश्वनाथ मंदिर में सांस्कृतिक आयोजन की शुरुआत की गयी.
पहली पुस्तक का वितरण
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में पहला कार्यक्रम एक फरवरी को हुआ, तब से लगातार प्रोग्राम चल रहा है। एक फरवरी को जनपद के सभी संस्कृत के छात्रों में डे्रस और पुस्तकों का वितरण किया गया। इसके बाद संस्कृत ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें कक्षा 6 से लेकर 12 के तक के छात्रों में पुस्तक का वितरण किया गया।
अक्षय तृतीया पर आयोजन
इसके बाद महाशिवरात्रि, नंदिश्वर महोत्सव का आयोजन किया गया। तत्पश्चात अक्षय तृतीया पर्व पर भगवान परशुराम अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा त्रयम्बकेश्वर हॉल में विद्वत गोष्ठी का आयोजन हुआ। इसके बाद लगातार प्रोग्राम चल रहे हैं। इसमें शहर के विद्धान सनातन परंपराओं के बारे में जानकारी दी.
14 को गंगा सप्तमी
ब्रह्मकमंडल से मां गंगा के दैवीय रूप से ब्रह्मजलधारा का स्वरूप धारण कर महादेव शिव की जटाओं के लिए प्रवाह के पौराणिक कथानक के स्मृति पर्व गंगा सप्तमी को वृहद् महोत्सव के रूप में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में 14 को मनाया जाएगा। इसके लिए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में तैयारी जोरों पर चल रही है। इसके लिए 11 मई की रात्रि में प्रकाश सज्जा की व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के पश्चात निरंतर तीन दिनों से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
फीडबैक लिए जा रहे
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी तीज त्योहारों और परंपराओं के बारे में फीडबैक ले रहे हैं। इसके लिए वे श्रीकाशी विश्वनाथ डॉट काम पर फीडबैक मांग रहे हैं। इस ई मेल पर अभी एक भी फीडबैक नहीं आया है।
सभी सनातन संस्कृति और परंपराओं के बारे में जान सकें, इसके लिए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। पहले यह सब परंपराएं मंदिरों में होते थे, बीच में बंद हो गए थे.
विश्व भूषण मिश्रा, सीईओ, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर