वाराणसी (ब्यूरो)। ज्ञानवापी में मिले शिवङ्क्षलग का जलाभिषेक करने की मांग कर रहीं किन्नर महामंडलेश्वर हेमांगी सखी ने अनुमति नहीं मिलने पर सोमवार को गोदौलिया फिर ज्ञानवापी के सामने खुद का जलाभिषेक किया और शिवङ्क्षलग की मुक्ति का संकल्प लिया। इस दौरान भारी पुलिस फोर्स मौजूद रही। खुद को अर्धनारीश्वर धाम की महामंडलेश्वर बताने वाली ने ज्ञानवापी परिसर में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही में मिले शिवङ्क्षलग का जलाभिषेक करने की घोषणा की थी। उनका कहना था कि वह स्वयं अर्धनारीश्वर हैं और भगवान शंकर का रूप भी अर्धनारीश्वर का है। इसलिए उन्हें जलाभिषेक व पूजा-पाठ की अनुमति मिलनी चाहिए।
प्रशासन ने नहीं दी अनुमति
इसके लिए ज्ञानवापी जाने की बात कही लेकिन प्रशासन की ओर से उन्हें अनुमति नहीं दी गई। इस पर वह समर्थकों के साथ दोपहर में दशाश्वमेध घाट पहुंचीं। यहां से कलश में जल लेकर पैदल ही विश्वनाथ धाम के लिए चलीं। इस दौरान भारी पुलिस बल उनके साथ था। काशी विश्वनाथ धाम के द्वार संख्या चार पर भी हेमांगी सखी ने खुद को अर्धनारीश्वर बताते हुए प्रतीक के तौर पर खुद का जलाभिषेक किया। इस दौरान कहा कि वह बाबा आदिविश्वेश्वर कैद में उनको मुक्त करने के लिए वह संघर्ष करेंगी। इस दौरान हेमांगी सखी का भक्तों संग वहां शिव तांडव भी करने का कार्यक्रम प्रस्तावित था लेकिन सुरक्षा कारणों से सुरक्षा कर्मियों ने उनको वहां से हटा दिया। इसके बाद वह लौट गईं। गोदौलिया चौराहे पर भी उन्होंने खुद का जलाभिषेक के साथ शिवतांडव किया.