वाराणसी (ब्यूरो)। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दुनिया के सबसे लंबे वाटर क्रूज (गंगा विलास) यात्रा का शुभारंभ किया। काशी में आयोजित मुख्य कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े पीएम ने इस दौरान गंगा पार रेत पर बनी टेंट सिटी के उद्घाटन के साथ ही लगभग एक हजार करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि विश्व में जैसे-जैसे भारत मजबूत हो रहा है, उसे जानने की उत्कंठा भी दुनियाभर के लोगों में बढ़ रही है। इसी के साथ भारत में ट्रांसपोर्ट, ट्रेड और टूरिज्म का बुलंद दौर शुरू हो चुका है.
पीएम ने त्योहारों की दी शुभकामनाएं
हर-हर महादेव के जयघोष के साथ अपने भाषण की शुरुआत करते हुए पीएम ने कहा कि आज लोहड़ी का उमंग भरा त्योहार है। आने वाले दिन में उत्तरायण, मकरसंक्रांति, बीहू, पोंगल जैसे अनेक पर्व देशभर में मनाए जाएंगे। पूरी दुनिया में इन त्योहारों को मनाने वालों को मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं। ये पर्व दान-दक्षिणा, तप-तपस्या और संकल्पों की सिद्धि के लिए तथा हमारी आस्था और मान्यता के लिए बहुत जरूरी हैं। इसमें भी हमारी नदियों की भूमिका अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। हम सब आज जलमार्ग के विकास से जुड़े इतने बड़े उत्सव के साक्षी बन रहे हैं। आज मेरी काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे लंबी नदी जलमार्ग यात्रा की शुरुआत हो रही है। इससे पूर्वी भारत के अनेक पर्यटन स्थल विश्व पर्यटन मानचित्र पर और प्रमुखता से आने वाले हैं। इसके साथ ही काशी में नई निर्मित टेंट सिटी से यहां आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए अतुलनीय साधन मिला है।
पूर्वी भारत में बढ़ेगा ट्रेड और टूरिज्म
पीएम ने बताया कि आज हल्दिया मल्टी मॉडल टर्मिनल, असम में शिप रिपेयर सेंटर और वाटर वे टर्मिनल को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोडऩे वाली एलिवेटेड रोड का शिलान्यास किया तथा गुवाहाटी में मैरीटाइम स्किल सेंटर फॉर नॉर्थ ईस्ट का लोकार्पण किया गया है। ये योजनाएं पूर्वी भारत में ट्रेड और टूरिज्म से जुड़ी संभावनाओं का विस्तार करने वाली हैं। इनसे रोजगार के नये अवसर बनेंगे। पीएम ने कहा कि गंगा जी हमारे लिये सिर्फ एक जलधारा भर नहीं है, बल्कि ये प्राचीन काल से महान भारत भूमि की तप तपस्या की साक्षी है.
आजादी के बाद गंगा की पूरी पट्टी विकास में पिछड़ती गई
पीएम ने कहा कि आजादी के बाद गंगा की पूरी पट्टी विकास में पिछड़ती चली गई। इस वजह से लाखों लोगों का पलायन हुआ। इस स्थिति को बदलने के लिए हमने नये एप्रोच के साथ काम शुरू किया। एक तरफ नमामि गंगा के साथ गंगा की निर्मलता के लिए कार्य किया और दूसरी तरफ अर्थ गंगा अभियान चलाया। इसमें गंगा तट के राज्यों और जिलों में आर्थिक तंत्र को मजबूत करने का प्रयास किया गया.
क्रूज टूरिज्म से बढ़ेंगे रोजगार
पीएम ने कहा कि ये क्रूज यात्रा एक साथ अनेक नये अनुभव लेकर आने वाली है। जो आध्यात्म की तलाश में हैं उन्हें काशी, बोधगया, विक्रमशिला, पटना साहिब और माजुली का अनुभव मिलेगा। भारत की नेचुरल डायवर्सिटी सुंदरवन और असम के जंगलों की सैर कराएगा। ये क्रूज यात्रा 25 अलग-अलग नदियों और धाराओं से गुजरेगी। क्रूज टूरिज्म का ये नया दौर इस क्षेत्र में हमारे युवा साथियों को रोजगार और स्वरोजगार के नये अवसर भी देगा। विदेशी पर्यटकों के लिए ये आकर्षण का केंद्र होगा। देशी पयर्टकों के लिए भी ये सुनहरा अवसर है, जिसके लिए वे पहले विदेश जाते थे.
आठ साल में टूरिज्म पर विशेष ध्यान
पीएम ने कहा कि भारत में पर्यटन का बुलंद दौर शुरू हो रहा है। भारत की वैश्विक स्वीकार्यता जैसे जैसे बढ़ रही है वैसे वैसे भारत को जानने देखने की उत्सुकता बढ़ रही है। आठ साल में टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया गया है। आस्था के स्थानों, तीथो और ऐतिहासक स्थानों पर मुख्य फोकस किया गया है। काशी इसका जीता जागता उदाहरण है। काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण होने के बाद पर्यटकों व श्रद्धालुओं का उत्साह अभूतपूर्व है। इससे हमारे नाविकों, रेहडी-ठेले, दुकानदार, होटल और गेस्ट हाउस वालों को भी लाभ हुआ.
कायाकल्प का दशक
गंगा पार टेंट सिटी काशी में पर्यटकों को नया अनुभव देगी। इसमें आधुनिकता, आध्यात्म, आस्था, राग से लेकर स्वाद तक बनारस का हर रस देखने को मिलेगा। 21वीं सदी का ये दशक भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के कायाकल्प का दशक है। चाहे सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर की बात हो या डिजिटल, रेलवे, हाईवे, एयरवे और वाटर वे जैसे फिजिकल कनेक्टिविटी की, ये सब विकसित भारत का मजबूत स्तंभ बनेंगे। आधुनिक रेलवे स्टेशन, चौड़ी सड़कें, लंबे टनल, रेलवे पुल नये भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर हैं.
बड़ी ताकत बनाने में जुटा
आज का दिन कोई साधारण दिवस नहीं है। 2014 से पहले देश में वाटर वे का थोड़ा बहुत ही प्रयोग होता था, जबकि जलमार्गों का हमारे यहां हजारों साल पुराना इतिहास रहा है। भारत इस पुरातन ताकत को आधुनिक भारत की बड़ी ताकत बनाने में जुटा है। हमने नदी जलमार्गों के विकास के लिए कानून और एक्शन प्लान बनाया है। 2014 से पहले जहां 5 राष्ट्रीय जलमार्ग देश में थे, अब हम 111 राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित करने का कार्य कर रहे हैं। गंगा पर बन रहा नेशनल वाटर वे एक मॉडल की तरह काम कर रहा है। ये वाटर वे ट्रांसपोर्ट, ट्रेड और टूरिज्म के लिए महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है। आज का ये आयोजन पूर्वी भारत को विकसित भारत का ग्रोथ इंजन बनाने में मदद करेगा। क्रूज और कार्गो शिप ट्रांसपोर्ट को तो बल देते ही हैं, इनकी सर्विस की एक पूरी इंडस्ट्री भी तैयार होती है, जहां रोजगार के नये अवसर बनते हैं.