वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस शहर में अतिक्रमण जटिल और गंभीर समस्या है। इसको लेकर लगातार अभियान चलता है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसे में शहर के अंदर प्रत्येक माह दर्जनों वीवीआईपी मूवमेंट के साथ ही जी-20 की दूसरी मीटिंग के दौरान शहर और प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए नगर निगम और पुलिस विभाग की तरफ से शहर में रोजाना किसी न किसी लोकेशन पर अतिक्रमण हटाओ का अभियान चलता रहता है। सवाल अब पैदा हो जाता है कि आखिर इतने भारी मात्रा में व्यापक तरीके से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाये जाने के बाद भी आखिर शहर से अतिक्रमण खत्म होने का नाम तक क्यों नहीं ले रहा है। आखिर अतिक्रमण को कंट्रोल करने के लिए क्या शहर की सारी मशीनरी हवा हवाई साबित हो रही है।
चार प्रमुख लोकेशन पर गंभीर समस्या
शहर के चार ऐसे प्रमुख लोकेशन हैं, जिन पर हर किसी की नजर होती है। इन लोकेशन से अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन और नगर निगम की तरफ से कई बार अभियान चलाया गया, लेकिन ये सब धराशायी हो गए। शहर के सिगरा से लेकर पांडेयपुर, अर्दली बाजार और कैंट ऐसे इलाके हंै जिनको खास तौर पर शहर के इंट्री और एक्जिट के रूप में देखा जाता है और ये वीवीआईपी लोकेशन भी हंै। इसके बावजूद भी इन लोकेशन से अतिक्रमण हटने का नाम तक नहीं ले रहा है.
ठेला-खोमचा के बाद ईरिक्शा और आटो भी परेशानी के सबब
आम जनता जहां अब तक ठेला-खोमचा और रेहड़ी पटरी वालों के द्वारा दी जारी परेशानियों का सामना कर रही थी। उनके हौसले और मनोबल को देखते हुए अब आटो और ईरिक्शा वाले भी बेलगाम हो गए हैं। इनके द्वारा भी शहर के इन चार खास प्रमुख लोकेशन पर विदआउट एनी स्टैैंड बनाकर अतिक्रमण किया जा रहा है और आम जनता को परेशान किया जा रहा है.
20 दिन चल चुका है अभियान
शहर में चुनाव आचार संहिता के कारण सारे कार्य ठप थे। आचार संहिता के समाप्त होने के बाद 20 दिनों का अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। इसमें नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए 60,350 रुपये की जुमाने की राशि की वसूली करते हुए सैकड़ों गाड़ी, कूड़े और सामान को जब्त किया गया। इसके बावजूद भी शहर के विभिन्न लोकेशन पर स्थिति जैसी की तैसी और अतिक्रमण व्याप्त है। ऐसे में सवाल बन जाता है कि कैसे अतिक्रमण को समाप्त कर पाएंगे.
आटो और ई-रिक्शा के कारण होने वाले अतिक्रमण पर लगाम कसने के लिए जोनवार कलर स्कीम लाई जा रही है। इस पर होम वर्क कर लिया गया है। एक सप्ताह के अंदर शहर के प्रमुख रूटों पर इस स्कीम को लागू कर दिया जायेगा। इस कारण होने वाले अतिक्रमण से आम जनता को राहत मिलेगी.
प्रबल प्रताप सिंह, डीसीपी, ट्रैफिक
प्रवर्तन दल की तरफ से अतिक्रमण को नियंत्रित करने के लिए रोजाना अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में स्थानीय पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है कि अभियान के बाद फिर से वहां पर अतिक्रमण न होने दे.
कर्नल राघवेन्द्र मौर्या, प्रभारी, प्रवर्तन दल