वाराणसी (ब्यूरो)रिश्ते के लिए इनकार करने के बाद कालेज जाने वाली एक छात्रा को तेजाबी हमले का शिकार होना पड़ता है, जिसके बाद उसका चेहरा तो खराब होता ही है आंखों की रोशनी भी चली जाती हैबावजूद इसके पीडि़ता कहती हैं कि 'हिम्मत तब भी की थी ना कहने की, हिम्मत आगे भी करूंगी ना कहने कीÓ। डीएवी पीजी कालेज में मंगलवार को यह ²श्य जब दर्शकों ने देखा तो सबकी आंखों से बरबस ही अश्रुधारा बह निकलीअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आइक्यूएसी सेल के स्त्री विमर्श प्रकोष्ठ के तत्वावधान में मंगलवार को कालेज सभागार में ऐपवा की ओर से स्त्री वेदना को समर्पित एसिड अटैक का भावपूर्ण मंचन किया गया.

समाज के लिए एक अभिशाप

ऐपवा की सांस्कृतिक समन्वयक रंगकर्मी प्रज्ञा मोहंती ने एकल नाट््य मंचन कियाअध्यक्षता करते हुए कार्यकारी प्राचार्य प्रोसत्यगोपाल ने कहा कि एसिड अटैक जैसी घटनाएं समाज के लिए एक अभिशाप हैंयह समाज मे उपस्थित विकृत मानसिकता के लोगों का कुकृत्य है जिसे कहीं से भी समर्थन नही दिया जा सकता हैस्त्री विमर्श की ओर से यह आयोजन जागरूकता के लिए काफी महत्वपूर्ण हैसंचालन प्रोपूनम ङ्क्षसह व धन्यवाद ज्ञापन डासंगीता जैन ने दियाइस मौके पर ऐपवा की कुसुम वर्मा, सुजाता भट्टाचार्य, सुतप्पा गुप्ता के अलावा प्रोऋचारानी यादव, डासीमा, डाहसन बानो आदि सहित स्त्री विमर्श प्रकोष्ठ के सदस्य उपस्थित रहे.