वाराणसी (ब्यूरो)। शहर की आबादी करीब 45 लाख के आसपास हो गई है, परिवार करीब 6 से 7 लाख हो गए हैैं, लेकिन बिजली के कंज्यूमर अभी भी 3.50 लाख के आसपास ही हैं। इसमें बिजली विभाग के तीनों सर्किल के डाटा अवेलेबल है। वहीं बनारस के अंदर वितरित राशन कार्ड और नगर निगम के पीले कार्ड के आंकड़े को देखें तो 5 लाख से ज्यादा परिवार शहर में रहता है। ऐसे में शहर के अंदर महज 3.50 लाख बिजली के उपभोक्ता हैं। इस बारे में बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहर में वर्तमान समय में करीब 6 से 7 लाख के आसपास बिजली के उपभोक्ता होने चाहिए। इतनी भारी विसंगति को देखते हुए विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं और दावा कर रहे हैं कि ऐसी सिचुएशन में लाइनलास पर लगाम लगा पाना ढाक के तीन पात के समान है.
फीडरों पर होगी सघन चेकिंग
डिस्काम लेवल के अधिकारियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के अंदर बिजली विभाग के तीनों सर्किल अपनी कार्ययोजना के अनुसार अब ज्यादा लाइनलास वाले फीडरों पर सघन चेकिंग अभियान चलाएंगे और इस दौरान डिफाल्ट कंज्यूमर की धरपकड़ शुरू करेंगे, जिससे राजस्व संग्रह में वृद्धि की जा सके। इसके लिए बकायदा टीमें बनानी शुरू कर दी गई हैं और फीडरों का चिन्हाकन भी कर लिया गया है। अब उन पर कार्रवाई की ही देर है.
बनाए जाएंगे उपभोक्ता
बिजली विभाग लाइनलास और राजस्व संग्रह में वृद्धि करने के लिए शहर के अंदर प्रत्येक बिजली उपयोग करने वाले परिवारों का चिन्हाकन करेगा। उनके पास स्थाई या अस्थाई जो भी निवास होगा, उसके आधार पर उन्हें नो योर केवाईसी फार्म की फिलिंग करवाते हुए उपभोक्ता बनाने के लिए प्रयास करेगा। उपयोग करने वाले लोग अगर उपभोक्ता बनना पसंद नहीं करेंगे तो उनकी बिजली की सुविधा को बंद करते हुए उन्हें हमेशा के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जायेगा.
मीटर्ड कनेक्शन अभियान
बिजली विभाग की तरफ से शहर के सभी हाउस होल्डर और परिवार का डाटा कलेक्ट किया जा रहा है। इसके बाद उनका मिलान करने के बाद अपने एमआरआई सिस्टम से ट्रेस किया जा रहा है। ऐसे जो भी उपभोक्ता नगरीय सीमा में रहते हैं और राशन कार्ड और पीला कार्डधारी हैं और विदआउट बिजली मीटर के बिजली का उपयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ अभियान चलाकर उनको कनेक्शन दिया जायेगा। विभाग का कहना है कि चिन्हाकन के बाद अगर ऐसे कस्टमर बिजली के मीटर नहीं लगवाते है तो उन्हें ब्लैकलिस्टेड करते हुए हमेशा के लिए बिजली की सुविधा से वंचित कर दिया जायेगा.
यह होंगे खास प्वाइंट
बिजली विभाग की तरफ से फरवरी माह में लाइनलास को कमजोर करने और उसे पूरी तरीके से समाप्त करने के लिए क्षेत्रीय भ्रमण, सघन चेकिंग, अनमीटर्ड, नेवरपेड कस्टमर, विद्युत बिलिंग, राजस्व वसूली, विद्युत चोरी, रीवैम्प इत्यादि योजनाओं पर एक साथ कार्य करने के लिए तैयारी कर रहा है। इससे विभाग का कहना है कि हम एक साथ सारे मुद्दे पर कार्य करते हुए कहीं ना कहीं डिफाल्टर कस्टमर को आसानी से ट्रैस कर लेंगे.
5 फीडर है ज्यादा लाइनलास से ग्रस्त
बिजली विभाग के तीनों सर्किलों के अंदर वर्तमान समय में 43 बिजली फीडर वर्किंग हं,ै जिनकी मदद से शहर के हर कोने में लाइन की सप्लाई की जाती है। इसके बारे में विभाग का कहना है कि हमारे 43 फीडरों में से 5 फीडर ऐसे हैं, जो भारी लाइनलास की समस्या से ग्रस्त हैं। इन पर कार्य करने और लाइनलास को कंट्रोल करने के लिए टीमें बनाकर कार्य करने के लिए प्लानिंग की जा रही है.
आकंड़ों पर एक नजर
-शहर की आबादी-35 लाख
-परिसीमन के बाद आबादी-45 लाख
-हाउसहोल्डर-4 लाख 15 हजार
-शहर में निवास करने वाले परिवार-6 लाख
-बिजली के उपभोक्ता-3 लाख
-प्रतिमाह बिजली विभाग को घाटा-12 करोड़
-शहर के कुल फीडर-43
-शहर के कुल ट्रांसफार्मर-4800
लाइनलास को नियंत्रण में लाने और राजस्व संग्रह में वृद्धि करने के लिए हम लोग वर्क करने जा रहे हैं। इस दौरान विदआउट मीटर के कस्टमर की पहचान की जाएगी। इसके साथ ही सभी विभागों के आंकड़े से मैच कराते हुए कस्टमर बनाने का प्रयास किया जाएगा.
अनूप सक्सेना, अधीक्षण अभियंता, सर्किल प्रथम