वाराणसी (ब्यूरो)। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के चलते स्मार्ट सिटी व वीआईपी शहर बनारस की सारी व्यवस्था बेपटरी हो गई। आधे से अधिक शहर की बिजली गुल होने से लोगों की नींद उड़ गई। सुबह होते ही पेयजल सप्लाई बाधित होने से पूरा शहर पानी के लिए त्राहि-त्राहिमाम करने लगा। विद्युत उपकेंद्रों को छोड़कर सभी बिजली कर्मचारी फरार हो गए। इसके चलते कई और इलाकों की बिजली गायब हो गई। कलेक्ट्रेट समेत कई सरकारी विभागों में सुबह से ही बिजली नहीं होने से मोबाइल से ही कामकाज चलता रहा। जैसे-जैसे दिन से शाम हो रहा था, उसी रफ्तार से समस्याएं बढ़ती चली गईं। सिटी कमांड सेंटर में लगातार टेलीफोन की रिंग बजने से बीएसएनएल की लाइन बैठ गई। डीएम ने सिटी कमांड सेंटर में जाकर शहर की स्थिति जानी। बेटपरी हो चुकी व्यवस्था को संभालने के लिए सभी विद्युत उपकेंद्रों को दारोगा और सिपाहियों के हवाले कर दिया गया। बावजूद इसके स्थिति नहीं संभली.
56 उपकेंद्र व 65 फीडर पूरी तरह से ठप
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का सीधा असर बिजली सप्लाई पर पड़ा। हड़ताल के चलते शहर के अंदर तीनों सर्किल में आने वाले 56 विद्युत उपकेंद्र पूरी तरह से ठप हो गए। सभी उपकेंद्रों से बिजली सप्लाई करने के लिए एक भी कर्मचारी नहीं मौजूद नहीं था। यूनियन के आह्वïान पर सभी कर्मचारी उपकेंद्र को छोड़कर फरार हो गए। इसके साथ ही शहर के 65 फीडर भी पूरी तरह से ठप हो गए। इन फीडरों से बिजली सप्लाई बंद हो गई। यहां से होने वाले फाल्ट को निस्तारण करने के लिए कोई कर्मचारी नहीं दिखाई पड़ा। दिनभर लाइनमैन से लेकर एक्सईएन के मोबाइल स्विच आफ रहे। बिजली कटौती से परेशान पब्लिक लगातार रिंग कर रही थी, लेकिन एक ही जवाब मिल रहा था कि उपभोक्ता का मोबाइल स्वीच ऑफ है।
इन इलाकों की गुल रही बिजली
हड़ताल के चलते आधे से अधिक शहर की बिजली गुल रही। कई इलाकों में पिछले 48 घंटों से लाइन नहीं है। रोहनियां, नेहिया, इसीपुर, रसूलपुर, कनीयार, राजपुर, अकोड़ा, जल निगम, वीरांव, ताड़ी, सोनाही, दिनदासपुर, छितौती, अकाला, शूलटंकेश्वर, जक्खनी, पंचकोशी, अटल नगर, मवइया, बरईपुर, फरीदपुर, डब्ल्यूटीपी, बड़ी बाजार, शैलपुत्री, लाटभैरो, दुल्लीगढ़ई, पीलीकोठी, आजाद पार्क, नाटी इमली, मलदहिया, संजय गांधी नगर, ढेलवरिया, कज्जाकपुरा समेत अधिकतर फीडर से बिजली सप्लाई बंद रही। इसके चलते इन इलाकों में बिजली गुल रही। उधर, सिद्धगिरीबाग, मंडुवाडीह, इंग्लिशिया लाइन, परेडकोठी, मलदहिया, रोडवेज, कैंट, पांडेयपुर, नई बस्ती, सारनाथ,अटल नगर, भिटारी, न्यू बंदोली सहित दर्जनों इलाकों में 48 घंटों से लाइट नहीं है। इसके चलते यहां की जनता पेयजल के लिए तरस गई।
जिलाधिकारी कार्यालय की बिजली गुल
गली, मुहल्लों व वार्डों में ही बिजली सप्लाई बाधित नहीं रही, बल्कि सरकारी दफ्तरों में सुबह से ही अंधेरा रहा। कलेक्ट्रेट समेत अधिकतर विभागों में सुबह से बिजली नहीं थी। कई जगहों पर जनरेटर से काम चलाया गया, लेकिन रायफल क्लब स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में जनरेटर भी काम नहीं कर रहा था। अंधेरे में ही सरकारी कामकाज निपटाया गया। कम्प्यूटर बंद होने से मोबाइल से ही अधिकतर कर्मचारी काम करते दिख रहे थे। उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ आने से पहले सर्किट हाउस की लाइट भी गुल हो गई.
किराये पर जनरेटर मंगाकर काम चलाया
नगरीय सीमा में शामिल गांवों में हड़ताल के चलते बिजली आपूर्ति बाधित रही। इसके चलते अचानक बोतल बंद पानी और जनरेटर की डिमांड बढ़ गई। इसके चलते 100-100 रुपये में जार का पानी मंगाकर लोगों ने काम चलाया। कई घरों में समरसेबल है, इसलिए कई जगहों पर दो हजार रुपये प्रति घंटे के हिसाब से लोगों ने किराये पर जनरेटर मंगाकर काम चलाया.
शांति व्यवस्था भंग करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा : डीएम
डीएम एस राजलिंगम ने बिजली विभाग की हड़ताल को देखते हुए शुक्रवार को कई विद्युत सब स्टेशनों का अचानक दौरा किया। खंड-5 इमलिया घाट स्थित 33/11 के.वी विद्युत उपकेन्द्र पर निरीक्षण में केवल पुलिसकर्मी मिले, लेकिन कोई आपरेटर नहीं था। पन्नालाल पार्क सब स्टेशन पहुंचे तो वहां भी आपरेटर कोई नहीं था। केवल सिक्योरिटी फोर्स तैनात दिखी। नगरीय विद्युत वितरण खंड (द्वितीय) चौकाघाट वारणसी में भी यही स्थिति रही। डीएम ने सिगरा स्थित कमांड सेंटर से सभी विद्युत स्टेशनों की मानिटरिंग की। एडीएम फाइनेंस संजय कुमार ने बताया कि विद्युत सब स्टेशनों पर जिला प्रशासन द्वारा तैनात कर्मियों के उपस्थिति की जांच की जा रही है। सभी विद्युत सब स्टेशन पर पुलिस फोर्स तैनात है, किसी सब स्टेशन पर यदि कोई विद्युत कर्मी ड्यूटी पर है तो वहां तैनात फोर्फ को सब स्टेशन की सुरक्षा के साथ साथ उस विद्युत कर्मचारी की भी सुरक्षा करनी है.
सभी सब स्टेशन पर लगाए गए राजस्व कर्मी
बिजली विभाग की हड़ताल को देखते हुए शुक्रवार को 20 और सब स्टेशनों पर राजस्व कर्मियों को लगाया गया। इसमें लेखपाल और कानूनगो आदि को जिम्मेदारी दी गई है। इसके पूर्व 19 संवेदनशील 33/11 केवी उपकेंद्र और 33 केपी पोषक पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए लेखपाल और अमीन की तैनाती की गई थी। इन सभी को शिफ्टवार लगाया गया है.
व्यापारियों ने दिया धरना
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के विरोध में शुक्रवार सुबह पांडेयपुर में वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा के नेतृत्व में लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया। बग्गा ने कहा कि आपूर्ति न होने से जनता में हाहाकार की स्थिति है। पिछले 30 घंटे से विद्युत आपूर्ति ठप है। हेल्पलाइन नंबर से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। प्रदर्शन करने वालों में कविंद्र जायसवाल, मनीष गुप्ता, संजय गुप्ता, दीप्तिमान, देव गुप्ता, पप्पू, मयंक चौबे, भरत यादव, चांदनी श्रीवास्तव, निर्मला, कपूरचंद शाह आदि थे.
टावर बंद, मोबाइल बना खिलौना
बिजली आपूर्ति बाधित होने के साथ मोबाइल नेटवर्क कंपनियों पर संकट गहरा गया। बीएसएनएल समेत कई नेटवर्क कंपनियों के टावर बंद होने के चलते उपभोक्ताओं का मोबाइल खिलौना बन गया। उपभोक्ता काफी देर तक परेशान रहे, बाद में मालूम चला कि टावर से नेटवर्क नहीं मिल रहा है। बीएसएनएल के डिवीजन इंजीनियर राजेश सोनकर ने बताया कि पहडिय़ा, चौबेपुर, सारनाथ, शिवपुर, कुड़ी, दानूपुर, बड़ागांव, खरावा, ओडर, कुड़ू, भगतवा, राजातालाब, जंसा, हाथी बाजार, राजातालाब में टावर लोकेशन बंद रहा.
वर्तमान समय में महज चार कर्मचारियों की मदद से कार्य करवाया जा रहा है। संख्या कम होने से समस्याएं आ रही हैं। हड़ताल के चलते कोई कर्मचारी अतिरिक्त नहीं है, जिससे समस्याओं का तत्काल निस्तारण करवाया जा सके.
अनिल कुमार वर्मा, अधीक्षण अभियंता, सर्किल द्वितीय