- चुनाव आयोग की सख्ती के कारण निकाय चुनाव में हर प्रत्याशी चोरी छिपे करा रहा है पार्टी का इंतजाम

- पूरे दिन मेहनत करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं की थकान मिटाने के लिए शाम में छलक रहे जाम, खाने पीने का भी तगड़ा हो रहा इंतजाम

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चुनाव आयोग ने निकाय चुनावों में बैनर पोस्टर को लेकर सख्ती तो कर रखी है ताकि प्रत्याशियों के खर्च की निगरानी हो सके, मगर प्रत्याशियों ने भी अपनी चुनावी लड़ाई को मजबूत बनाने के लिए कई ऐसे तरीके खोज निकाले हैं जिससे उनका काम भी हो जा रहा है और प्रचार प्रसार भी जमकर हो रहा है। नहीं समझे, तो सुनिये, हर प्रत्याशी ने अपने लेवल पर ऐसे इंतजाम किए हैं जिससे उनके कार्यकर्ताओं की थकान मिटने के साथ ही उनके पेट भी भर जा रहा है। सुबह से शाम तक अपने नेता के लिए डोर टू डोर वोट मांगने पहुंच रहे कार्यकर्ताओं का कौन कैसे और किस तरीके से रख रहा है ख्याल, ये भी जान लीजिए।

कार्यालय नहीं, घर पर इंतजाम

90 वा‌र्ड्स में चुनाव लड़ रहे पार्षद प्रत्याशी हों या फिर मेयर पद पर किस्मत आजमा रही छह महिला दावेदार। सभी लोग अपने वोटर्स से ज्यादा अगर किसी का ख्याल रख रहे हैं तो वो हैं उनके कार्यकर्ता। आयोग की सख्ती के कारण बैनर, पोस्टर या होर्डिग न लग पाने से प्रत्याशियों को अपना प्रचार करने में मुश्किल तो हो रहा है लेकिन वो इस नुकसान की भरपाई अपने कार्यकर्ताओं को मोहल्ले मोहल्ले या गली गली दौड़ाकर कर रहे हैं। हाल ये है कि सुबह छह बजे से रात 12 बजे तक कार्यकर्ता जी तोड़ मेहनत कर जब वापस पार्टी कार्यालय पहुंच रहे हैं तो वहां तो उन्हें चाय पानी से ही संतोष करना पड़ रहा है लेकिन इसके बाद प्रत्याशी के घर या फिर किसी अंजान जगह पर खूब महफिल सज रही है। जहां दारू से लेकर मुर्गा तक खाने को मिल रहा है।

पेट्रोल से मोबाइल तक का खर्च

नेता जी लोगों का इंतजाम सिर्फ पीने खाने तक ही सीमित नहीं है। इसके अलावा भी कार्यकर्ताओं को तगड़ी व्यवस्था दी जा रही है। एक डिग्री कॉलेज के स्टूडेंट ने बताया कि उसके वार्ड से सात लोग चुनाव लड़ रहे हैं। हर नेता उसे उसके प्रचार के लिए साथ रहने को कह रहा है। बदले में मोबाइल की रिचार्ज और बाइक में पेट्रोल फ्री दिया जा रहा है। इसके अलावा सुबह का नाश्ता, शाम की चाय और रात को मनचाहे खाने संग थकान मिटाने का भी पूरा इंतजाम मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है।