- डीएम ने नगवां में सीवर पंपिंग स्टेशन का निरीक्षण किया
डीएम कौशलराज शर्मा ने सोमवार को नगवां स्थित सीवर पंपिंग स्टेशन का निरीक्षण किया। यहां से अस्सी नाले का मलजल रमना एसटीपी भेजा जाता है। उन्होंने देखा कि नाले को टैप करने के लिए रिटेनिंग वॉल का निर्माण नहीं किया गया है। मौके पर उपस्थित कंपनी एस्सेल इंफ्रा के क्वालिटी इंजीनियर पर नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी कि 15 दिनों में काम पूरा करें। इस कार्य के पूरा होने के बाद गंगा में अस्सी नाले का मलजल नहीं जाएगा।
गंगा में गिरने वाले शहर के कुछ बचे हुए नालों की भी टैपिंग की जा रही है। ये कार्य भी जून तक पूरे होने हैं। इन नालों के मलजल को एसटीपी तक पहुंचाने का काम चल रहा है। इसके बाद सामनेघाट स्थित नाले की टैपिंग का कार्य देखने पहुंचे। यहां से सीवर गंगा में जा रहा है। नाला डायवर्जन का कार्य चल रहा है। इसमें देर और लापरवाही पर गंगा प्रदूषण के अवर अभियंता को डांट लगाई और सीवर का पानी जल्द से जल्द रोके जाने का निर्देश दिया।
जर्मन केमिकल से नष्ट होंगे शैवाल
गंगा में शैवाल के बारे में डीएम ने बताया कि जल निगम, सिंचाई, गंगा प्रदूषण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने जांच में पाया कि मिर्जापुर में पुरानी तकनीक वाले एसटीपी से पानी ओवरफ्लो होकर गंगा में आ रहा है। इसके साथ शैवाल भी बहकर आए हैं। गंगा में उपयुक्त तापमान के कारण ये तेजी से विकसित हुए। नमामि गंगे के अधिकारी जर्मन बायोरेमिडिएशन केमिकल से शैवाल नष्ट करवा रहे हैं।