वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी के फूलपुर में बुधवार तड़के सड़क हादसे में आठ लोगों की मौत ने हर किसी को झकझोर दिया है। वैसे फूलपुर में आए दिन सड़क दुर्घटना होती है। हर महीने में सड़क हादसे में औसतन दो लोगों की मौत होती है। 23 अप्रैल को पिंडरा-कठिरावमार्ग पर बेकाबू वाहन की टक्कर से बाइक सवार पिता-पुत्र की मौत हो गई थी। 17 मार्च को रोडवेज बस ने ऑटो में टक्कर मारी थी, इसमें एक की मौत और आठ लोग घायल हो गए थे। फूलपुर ही नहीं वाराणसी में आठ ब्लैक स्पॉट हैं। जहां अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
टेंगरा मोड़ सबसे खतरनाक
विश्वसुंदरी पुल-टेंगरा मोड़ सबसे खतरनाक है। अप्रैल 2023 से लेकर अब तक यहां 37 हादसे हो चुके हैं, जिसमें 30 लोगों की मौत हुई है। इसी तरह गिलट बाजार-शिवपुर तरना मोड़ जिले का ऐसा ब्लैक स्पॉट है, जहां सबसे अधिक 28 लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके। ब्लैक स्पॉट सर्वाधिक दुर्घटना वाले क्षेत्र होते हैं। सूजाबाद से रामनगर, हरहुआ बाजार, मोहनसराय बाईपास पर सर्वाधिक हादसे हुए हैं। इन सभी स्थानों पर मरने वालों की संख्या भी अधिक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के सभी ब्लैक स्पॉट के पास साइनेज, लाल पट्टियां, आवश्यकता के अनुसार स्पीड ब्रेकर भी लगाए गए हैं। इसके बावजूद क्षेत्र ब्लैक स्पॉट की सूची से बाहर नहीं आ सके.
ये है प्रक्रिया
सड़क पर जिस जगह बार-बार हादसे होते हैं, उन्हें ब्लैक स्पॉट कहा जाता है। सड़क, हाईवे, एक्सप्रेस वे पर अगर एक ही जगह तीन साल में पांच सड़क हादसे हो जाएं तो पुलिस-प्रशासन ब्लैक स्पॉट घोषित कर सकता है। किसी स्थान पर तीन साल में दस मौत हो जाए तो उसे ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है। हादसे के आसपास का 500 मीटर का एरिया इस दायरे में आता है.
आई रेड एप पर डाटा
आई रेड (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा) एप के पोर्टल पर हादसे का शिकार होने वालों की पूरी जानकारी डाली जाती है। इससे हादसे का मुख्य कारण का पता चल पाता है। साथ ही स्थान का चयन करने में आसानी होती है.