वाराणसी (ब्यूरो)। ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाना में गुरुवार को व्यास पीठिका के निकट स्थापित देव विग्रहों की नियमित राग-भोग, पूजा-आरती आरंभ हो गई। भोर में मंगला आरती के साथ ही विश्वनाथ मंदिर की तरह पांच पहर आरती-अनुष्ठान किए गए। इसके साथ ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ शुरू हो गई। इसे लेकर एक पक्ष में उत्साह का माहौल है, दूसरे पक्ष के लोगों में जबर्दस्त नाराजगी भी दिख रही है। दालमंडी, हड़हा सराय समेत मुस्लिम बाहुल क्षेत्र दुकानें बंद रहीं। श्री काशी विश्वनाथ धाम के बाहर गेट-4 पर सुबह से ही भीड़ के चलते तनाव की स्थिति बनी रही। स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया। पांच कंपनी पीएसी, एक कंपनी आरएएफ के अलावा जोन से भारी फोर्स मंगाई गई। तीन हजार हजार से अधिक जवानों ने शहर की सड़कों से गलियों तक सुरक्षा संभाल ली है। शहर के संवेदनशील इलाकों में कई बार फोर्स ने फ्लैग मार्च भी किया। शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर सभी खुफिया एजेंसी को सक्रिय कर दिया गया है। खुफिया एजेंसियां भीड़-भाड़ वाले इलाके में स्थिति का टोह लेती रहीं। सादे वेश में भी पुलिसकर्मी भीड़-भाड़ वाले इलाके में भ्रमण कर रहे हैं।
देव विग्रहों की पूजा-आरती शुरू
जिला अदालत के फैसले के अनुपालन में ज्ञानवापी तलगृह (व्यास जी का तहखाना) के अंदर गुरुवार को ब्रह्ममुहूर्त में व्यास पीठिका के निकट स्थापित देव विग्रहों की नियमित राग-भोग, पूजा-आरती आरंभ हो गई। भोर में मंगला आरती के साथ ही विश्वनाथ मंदिर की तरह पांच पहर आरती-अनुष्ठान किए गए। सुबह होते ही तलगृह में विराजमान प्राचीन शिवङ्क्षलग के साथ ही श्रीहरि, हनुमत प्रभु व मां गंगा के वाहन मकर विग्रह के दर्शन के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। तीन दशक बाद अपने आराध्यों का राग-भोग देख हर एक की आंखें छलछलाईं तो हर-हर महादेव के उद्घोष का स्वर तीव्र हो उठा। ब्रह्ममुहूर्त में व्यास परिवार के प्रतिनिधि की उपस्थिति में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक ने देव विग्रहों की विधि-विधान से मंगला आरती की और भोग समर्पित किया। इसके साथ ही श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की तरह पांच पहर राग-भोग, पूजा-आरती का क्रम आरंभ हो गया। मध्याह्न भोग आरती, शृंगार भोग आरती, सप्तर्षि आरती और शयन आरती की गई।
दर्शन को उमड़ी भीड़
तलगृह खुलने के बाद पूजा आरती के साथ विश्वनाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। इस पर जिसकी नजर पड़ी वो उधर ही बढ़ चला। देव विग्रहों का झांकी दर्शन कर विभोर हुए और रुधे कंठ से हर-हर महादेव का उद्घोष किया।
दालमंडी, हड़हा सराय में बंद रहीं दुकानें
व्यास जी के तहखाना में पूजापाठ करने संबंधी आदेश और इसके अनुपालन को लेकर बुधवार देर रात से सुरक्षा व्यवस्था अलर्ट मोड में आ गई। देर रात ही ज्ञानवापी मस्जिद के बोर्ड पर मंदिर का पोस्टर लगाने का मामला सामने आते ही तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसे देखते हुए प्रशासन ने सड़क से गलियों तक में पीएसी, आरएएफ और पुलिस के करीब तीन हजार जवानों की चहलकदमी शुरू हो गई। गुरुवार को दालमंडी, हड़हा सराय, नई सड़क (कपड़ा बाजार) में दुकानें बंद रहीं। इसके साथ ही मुस्लिम इलाकों में सन्नाटा दिखा, लेकिन बाकी एरिया में गतिविधियां सामान्य दिनों की तरह बनीं रहीं। किसी भी स्थिति से निबटने में फोर्स की कमी न होने पाए, इसके लिए जोन के जिलों से भी बड़ी संख्या में अधिकारी और सुरक्षाकर्मी बुलाए गए थे।
दुकानें नहीं खुलीं तो बढ़ाई गई सुरक्षा
गुरुवार सुबह शहर में स्थिति सामान्य दिनों से अलग जरूर नजर आई। सड़क से लेकर गलियों तक में फोर्स की चहलकदमी लोगों में एक बारगी चर्चा का विषय जरूर बनी रही। इसी बीच दालमंडी, हड़हासराय और नई सड़क इलाके में दिन में 12 बजे तक दुकानें नहीं खुली तो एसीपी प्रज्ञा मिश्रा के साथ चौक इंस्पेक्टर विमल कुमार मिश्रा फोर्स के साथ पैदल भ्रमण किए। हालांकि, पहले से ही पीएसी और पुलिस के पर्याप्त जवानों की सुरक्षा ड्यूटी लगाई गई थी। साढ़े 12 बजने तक नई सड़क क्षेत्र में कपड़ा बाजार को छोड़ दूसरी सारी दुकानें खुल गईं थीं। मुस्लिमों की घनी आबादी वाले इलाकों में लल्लापुरा, मदनपुरा, बजरडीहा, रेवड़ी तालाब, पीलीकोठी, जैतपुरा आदि इलाके बुधवार रात से ही फोर्स के हवाले थे। हालांकि, इन इलाकों में कुछ भी गुरुवार को अप्रत्याशित नहीं दिखा। जनजीवन आम दिनों की भांति सामान्य ही बना रहा। यह जरूर था कि थानेदार अपने-अपने इलाके में पूरे दिन भ्रमणशील रहे और बाहर से आई फोर्स के साथ तारतम्यता बनाए रहे.