वाराणसी (ब्यूरो)। सुगंधित फूल-मालाओं से दुर्गाकुंड स्थित दुर्ग विनायक का मंदिर महमह कर उठा। अवसर था दुर्ग विनायक के जन्मोत्सव का जो धूमधाम से मनाया गया। सिंदूर लेपन से उनका श्रृंगार किया गया इसके बाद नूतन वस्त्र धारण कराया, तत्पश्चात विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को भोग लगाया गया। इस अवसर पर मंदिर में विविध धार्मिक अनुष्ठान संपादित किए गए। जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर को विभिन्न प्रकार के फूलों और पत्तियों से सजाया गया। प्रात:काल भगवान गणेश के विग्रह को पंचामृत स्नान कराया गया। इत्र व सिन्दूर लेपन किया गया। नूतन वस्त्र एवं फूलों से बने आभूषण धारण कराए गए। पांच वैदिक ब्राह्मणों द्वारा गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ किया गया.
11 किलो का केक काटा गया
वैदिक ब्राह्मणों द्वारा दुर्वा से सहस्रार्चन हुआ। ऋतु फल एवं मिष्ठान का भोग अर्पित करने के बाद विशेष आरती उतारी गयी। वहीं आधुनिक चलन के अनुसार कुछ भक्तों की ओर से मंदिर में 11-11 किलो के फलाहारी केक काटे गए। मंदिर परिसर को विभिन्न प्रकार के फलों, अशोक व कामिनी की पत्तियों तथा गुब्बारों से सजाया गया। सायंकाल मंदिर के महंत पं। ज्ञानेश्वर दुबे ने दुर्ग विनायक की विराट आरती उतारी। आरती के दौरान काफी संख्या में भक्तों की भीड़ जमा रही। मंदिर के व्यवस्थापक पं। ताड़केश्वर दुबे के अनुसार मंदिर में आने वाले भक्तों को पूरे दिन प्रसाद वितरित किया गया.