वाराणसी (ब्यूरो)। नकली दवा के रैकेट के भंडाफोड़ के बाद अब पश्चिम बंगाल से बनारस में नशा को एक्सपोर्ट किया जा रहा है। रविवार को बंगाल से आने वाली विभूति एक्सप्रेस से कैंट रेलवे पुलिस ने 11 लाख की पेन किलर जब्त की थी। अगले दिन सोमवार को फिर कैंट रेलवे पुलिस ने कफ सिरप की बड़ी खेप पकड़ी। करीब 400 शीशी सिरप वाराणसी से पश्चिम बंगाल जा रही थी। इस मामले में जीआरपी ने दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। सिरप का नाम फेनाडील है। अधिक मात्रा में इसका इस्तेमाल करने पर यह नशे की तरह से काम करती है। इसे सीवियर लंग्स डिजीज में मरीजों को दिया जाता है.
ड्रग विभाग कर रहा जांच
कफ-सिरप पकड़े जाने के बाद ड्रग विभाग की टीम भी जांच में जुट गई है। बाजार में इस कफ-सिरप की कीमत 80 हजार रुपए हैं। वाराणसी रेलवे जंक्शन पर आरपीएफ और जीआरपी टीम के द्वारा गिरफ्तार हुए दो तस्करों ने बताया कि हर 400 बोतल सिरप की सप्लाई करने के पीछे उन्हें 3000 रुपए मिलते हैं.
प्लेटफॉर्म 9 से पकड़े गए
कैंट रेलवे स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक हेमंत सिंह ने बताया कि वाराणसी जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 9 पर एक्सीलेटर के पास दो लोगों की संदिग्ध गतिविधियों की आशंका में तलाशी ली गई। इनके पास जो सामान था, खोला गया तो भारी मात्रा में कफ सिरप थे। उसके रशीद या फर्म के बारे में पूछा गया तो दोनों अभियुक्तों के पास कोई आधिकारिक कागज तक नहीं था। इस दौरान जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त चेकिंग में इन्हें दवा के साथ पकड़ लिया गया।
सुल्तानपुर से लाए थे
रेलवे पुलिस के अनुसार, इन तस्करों ने बताया कि ये सिरप सुल्तानपुर से लेकर आए थे। मगर, इनकी सूचना गलत प्रतीत हो रही है। ये दोनों बंगाल से ही हैं। ये ट्रेन के इंतजार में यहां पर खड़े थे। जो भी ट्रेन मिलती, उसी में बैठकर बंगाल जाने की फिराक में थे। हेमंत सिंह ने बताया कि वैसे तो यह कफ सिरप है, लेकिन काफी मात्रा में लेने पर यह नशे की तरह से काम करती है। तस्करों ने कहा कि इनको बनारस भेजकर माल मंगाया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर भी उचित कार्रवाई कर रहे हैं.