वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में न जाने कितने वाहन चालक ऐसे हैं, जो गलती पर गलती कर रहे हैं। बार-बार ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वाले 458 लोगों के तीन साल में ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड हो चुके हैं। अब उन लोगों की लिस्ट बन रही है, जो दो बार गलती कर चुके हैं। तीसरी गलती पर डीएल सीधे कैंसिल कर दिया जाएगा। यानी उनसे ड्राइविंग का अधिकार छिन जाएगा। फिर इनका डीएल नहीं बनेगा.
क्या-क्या गलतियां
आरटीओ के रिक़ॉर्ड के मुताबिक ये वो लोग हैं, जो तेज गति में वाहन चलाते हैं। गलत दिशा में वाहन घुसा देते हैं या फिर मोबाइल फोन पर बात करते हुए वाहन चलाने के आदी हो चुके हैं। वाहन में क्षमता से अधिक सामान ढोने, नशे में ड्राइविंग करने और रेड सिग्नल को तोडऩे जैसे मामलों में उन पर कार्रवाई हुई है। जो बार-बार चालान कटवाने का रिकॉर्ड बना चुके हैं, उनते खिलाफ भी अन्य शहरों की तरह कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
तैयार हो रही लिस्ट
परिवहन विभाग के अनुसार ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वालों का 90 दिन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जाता है। एआरटीओ प्रशासन सर्वेश चतुर्वेदी ने बताया कि डीएल निलंबन की अवधि में चालक से वाहन चलाने का अधिकार छीन जाता है। दो बार ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित होने और तीसरी बार में यातायात नियम के उल्लंघन पर डीएल निरस्त करने का नियम है। एक बार यदि डीएल निरस्त कर दिया जाएगा तो दोबारा नहीं बन सकता है। जिले में अभी तक किसी भी चालक का डीएल निरस्त नहीं किया गया है। जिन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस दो बार निलंबित किए जा चुके हैं, उनकी सूची बनाई जा रही है, ताकि तीसरी बार उल्लंघन पर कार्रवाई हो सके.
पुलिस ने बनाई थी योजना
नोएडा और लखनऊ जैसे कई शहरों में रंगबाजों पर शिकंजा कसने क योजन बनाई जा चुकी है। बार-बार ट्रैफिक नियम तोडऩे पर थानों में उनकी क्लास लगती है। उन लोगों के नवाबी ठाठ-बाट की ठसक निकाली जा रही है। जो बार-बार ट्रैफिक तोड़ रहे हैं और चालान होने के बाद नहीं सुधर रहे, उनक रिपोर्ट पुलिस की ओर से दी जाती है। यातायात पुलिस चाहे कितने भी चालान कर दे, लेकिन ये लोग रूल्स तोडऩे से नहीं मानते। लखनऊ की यातायात पुलिस ने कुछ दिन पूर्व ही शहर के इन टॉप टेन लोगों की सूची जारी की थी.
ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन करने पर 90 दिन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जाता है। तेज गति में वाहन चलाने वाले लोग निलंबन होने पर डीएल परिवहन विभाग में नहीं जमा करते हैं, जबकि यह अनिवार्य है। ऐसे में उनके ड्राइविंग लाइसेंस ऑनलाइन निलंबित कर दिए जाते हैं।
सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ
सड़क सुरक्षा समिति के प्रावधान के तहत सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन यूज करने, ड्रंक एंड ड्राइविंग, ओवर स्पीड, सांग साइड गाड़ी ले जाने और रेड लाइट जंप करने पर तत्काल लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है.ऐसे मामलों में ट्रैफिक पुलिस सख्ती करेगी, ताकि लोग सुधरें.
प्रबल प्रताप सिंह, डीसीपी, ट्रैफिक
स्लॉट का इंतजार खत्म
स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के टाइम स्लॉट के लिए पहले मारामारी थी और अब स्लॉट खाली बच रहे हैं। परिवहन विभाग के अनुसार रोजाना औसतन 100 टाइम स्लॉट खाली बच रहे हैं। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में करीब छह माह तक ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया बंद थी। ऐसे में बड़ी संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बने थे। प्रक्रिया शुरू होने पर ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदनों की बाढ़-सी आ गई थी। परिवहन विभाग ने कोरोना संक्रमण के चलते स्लॉट सीमित रखे थे, जबकि आवेदन तीन गुना से अधिक थे। परिवहन विभाग ने धीरे-धीरे टाइम स्लॉट बढ़ाए। परिवहन विभाग के अनुसार करीब पांच माह पहले तक लोगों को स्लॉट नहीं मिल रहे थे, लेकिन अब यह खाली बच रहे हैं.