वाराणसी (ब्यूरो)अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा हों या बॉलीवुड की अभिनेत्री ऐश्वर्या राय, माधुरी दीक्षित ऐसे तमाम नाम हैैं जोकि बनारसी साड़ी की कायल हैैंअब बनारसी साड़ी को खुद यहां के कारोबारी बदनाम करने पर तुले हैंअसली के नाम पर नकली माल बेचकर मुनाफा कमा रहे हैंमार्केट से मिले फीडबैक के मुताबिक रोजाना करीब 50 हजार से अधिक साडिय़ां बिक रही हैंअगर यही सिनेरियो रहा तो लोगों का बनारसी साड़ी के प्रति विश्वास उठ जाएगाइसलिए मार्केट में जब भी बनारसी साड़ी खरीदने जाएं तो सिल्क मार्का लगा हुआ ही साड़ी खरीदें.

मार्केट में नकली साड़ी का अंबार

यूं तो बनारसी साड़ी की कायल पूरी दुनिया हैलेकिन, बदलते परिवेश में साड़ी के ठेकेदारों ने बनारसी साड़ी को सिर्फ एक सिंबल बनाकर रख दिया हैएक समय था जब बनारसी साड़ी सिर्फ बनारस की ही विरासत थीलेकिन प्रतिस्पर्धा के दौर में यहां के गद्दीदारों ने बनारसी साड़ी को भी नकली बनारसी साड़ी तैयार कर भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा। 15 से 20 दिनों की कड़ी मेहनत से तैयार होने वाली असली बनारसी साड़ी के नाम पर नकली साड़ी तैयार कर बनारसी साड़ी को बदनाम कर दिया है

नजीर और कबीर की विरासत

नज़ीर और कबीर की विरासत बनारसी साड़ी की पहचान खोने के खतरे से जूझ रही हैनकली बनारसी साड़ी का फैलता कारोबार हथकरघा पर काम करने वाले बुनकरों की साख को ही खतरा पैदा हो गया हैहथकरघा पर काम करने वाले लोगों का कहना है कि पावरलूम और चायना आयातित मशीनों पर चीन आयातीत रॉ मैटेरियल से तैयार होने वाली साड़ी बनारसी नहीं कही जा सकतीफिर भी इसे बनारसी साड़ी बताकर शहर ही नहीं देश के कोने-कोने में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है

रोज डेढ़ करोड़ की साड़ी भेजी जा रही

अनुमान के मुताबिक सिर्फ बनारस से प्रतिदिन एक से डेढ़ करोड़ की साड़ी अन्य प्रांतों में भेजी जा रही है्रइसके अलावा 50 हजार से अधिक साडिय़ां शहर में बेची जा रही हैंइसके चलते बुनकरों को भी वजूद के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा हैचौहट्टा के इरशाद पुश्तैनी बुनकर कहते हैं कि चीन आयातित रॉ मैटेरियल से नकली बनारसी साड़ी पावरलूम पर तैयार हो रही हैइससे बुनकरों की इज्जत दागदार हो रही हैकुछ चीज़ों को पावरलूम पर प्रतिबंधित किया गया हैइसके बावजूद हथकरघा अधिनियम 1985 के तहत प्रतिबंधित पावरलूम पर जकाट का प्रयोग खुलेआम किया जा रहा है.

बॉडी के लिए नुकसानदायक

भदऊं चुंगी के बुनकर इम्तियाज कहते हैं कि हथकरघा पर तैयार होने वाली असली बनारसी साड़ी में जऱी, चांदी, यहां तक कि सोने का भी प्रयोग बूटे और आंचल में किया जाता है जिससे असली बनारसी साड़ी की लाइफ कम से कम 50 साल होती है और फिनिशिंग लाजवाब होती हैवहीं नकली बनारसी साड़ी की लाइफ कम होती है और यह पहनने में भी शरीर के लिए नुकसानदायक होती है

असली साड़ी की पहचान

रगडऩे या धोने के बाद डिजाइन काली नहीं पड़ती.

काम में फिनिशिंग होती है.

बारीक होती है असली बनारसी साड़ी की डिजाइन.

इसमें सिल्क, रेशम, सिफौन, असली जारजट व काटन का प्रयोग होता है.

यह हथकरघा पर बुनी जाती है.

इसका धागा निकाल कर जलाने से धागा राख बन जाता है.

नकली बनारसी साड़ी की पहचान

सूरत और चायना आयातित नायलान का प्रयोग होता है.

रगडऩे पर पॉलिश छूटने लगती हैबूटी और बूटे पर सपाट काम होता है.

इसका धागा निकाल कर जलाने से प्लास्टिक की तरह सिकुड़ जाता है जो हादसे में घातक हो सकती है.

कीमत 500 से 2000 तक होती हैइसमें चमक ज्यादा होती है

दो लाख तक की साड़ी

बुनकर नूरआलम का कहना है कि असली बनारसी साड़ी 5 हजार से लेकर दो लाख रुपये के बीच ग्राहकों के लिए बाजार में उपलब्ध हैइसमें कीमत के अनुरूप सोना और चांदी भी जरी में पिरोया जाता हैवहीं दूसरी ओर हूबहू बनारसी साड़ी जैसी दिखने वाली नकली बनारसी साड़ी चायना आयातित रॉ मैटेरियल पावरलूम व चायना आयातित मशीनों पर तैयार करके बेची जा रही है जिससे आम उपभोक्ता तो ठगी का शिकार हो रहे हैं, वहीं बुनकरों को भी नुकसान हो रहा है

जरी की जगह नायलान का इस्तेमाल

अमीन की मानें तो नकली बनारसी साड़ी में चीन आयतीत नायलॉन का प्रयोग जऱी की जगह किया जा रहा है जिससे एक धुलाई में साड़ी की रंगत खराब हो जाती हैजो बनारसी साड़ी 10,000 हजार में बाज़ार में बिकती है वही नकली बनारसी साड़ी 500 में आसानी से खरीदी जा सकती हैइसकी लाइफ भी काफी कम होती हैबड़े व्यापारी मुनाफा कमाने के चक्कर में नकली का खेल खुलेआम कर रहे हैंपावरलूम पर तैयार हो रही नकली बनारसी साड़ी के चलते कई हथकरघा बुनकरों के आगे रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है.

सिल्क मार्का की साड़ी खरीदें

बाजार से जब भी बनारसी साड़ी खरीदें तो पहले सिल्क मार्का चेक करने के बाद ही खरीदेंजिस पर सिल्क मार्का न लगा हो वह प्योर सिल्क की साड़ी नहीं हो सकतीदुकानदार कितना भी कहे कि यह असली बनारसी साड़ी है, बिना सिल्क मार्का देखें साड़ी को न लें.

जिस प्रकार से सोने पर हॉलमार्किंग होती है, उसी तरह बनारसी साड़ी पर सिल्क की मार्का होती हैनकली साड़ी से बचना है तो सिल्क मार्का को जरूर देखेंअगर सिल्क का मार्का न लगा हो तो साड़ी को न खरीदें.

संजय कुमार गुप्ता, उपनिदेशक, बुनकर सेवा केंद्र