वाराणसी (ब्यूरो)कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में नए साल से किडनी मरीजों से डायलिसिस की सुविधा छिन गई हैयहां किडनी पेशेंट्स के लिए 1 रुपए में डायलिसिस की सुविधा वर्ष 1989 में शुरू की गई थी, ताकि किसी भी पेशेंट्स को डायलिसिस के लिए इधर-उधर भटकना न पड़ेवहीं प्राइवेट नर्सिंग या हॉस्पिटल में डायलिसिस कराने के लिए 3 से 4 हजार रुपए लगते हैंजब से यह सुविधा बंद है तब से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैपेशेंट्स आ रहे हैैं, लेकिन बंद होने से वापस लौट जा रहे हैं.

10 से 12 मरीजों की डायलिसिस परडे

मंडलीय अस्पताल में प्रतिदिन 10 से 12 पेशेंट्स डायलिसिस के लिए पहुंचते थेउनकी समय पर डायलिसिस भी होती थी लेकिन 1 जनवरी से जब से डायलिसिस की सुविधा बंद हुई तब से डायलिसिस केन्द्र में ताला लटका हुआ हैइसके चलते मरीजों को भारी फजीहत झेलनी पड़ रही है

डायलिसिस सेंटर में तीन बेड

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में तीन बेड हंैयह बेड पिछले तीन दिनों से खाली पड़ा है जबकि आम दिनों में मरीजों से भरा रहता थाडायलिसिस सेंटर को चलाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने भी सीएमओ से कहा था लेकिन मंत्री के आश्वासन भी काम नहीं आयाडायलिसिस सेवा बंद होने से जिंदगी और मौत के बीच जद्दोजहद कर रहे मरीजों पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा हैयह परिस्थितियां इसलिए पैदा हो गई है, क्योंकि यहां तैनात एकमात्र डायलिसिस टेक्नीशियन अरुण कुमार सिंह 31 दिसंबर को रिटायर हो गए.

रिटायर हो गए डायलिसिस तकनीशियन

31 दिसंबर से डायलिसिस वार्ड के तकनीशियन रिटायर हो गएउनके रिटायरमेंट होने के बाद कोई उनका कार्यभार ग्रहण करने वाला नहीं हैइसकी वजह से डायलिसिस वार्ड बंद पड़ा हुआ हैजो मरीज जाते हैं वार्ड में डायलिसिस की सुविधा बंद होने पर उनको मजबूरी में बाहर प्राइवेट नर्सिंग होम में मोटी फीस देकर डायलिसिस कराना पड़ रहा है

1989 से चल रही यूनिट बंद

एसएसपीजी अस्पताल में वर्ष 1989 से चल रही यूनिट बंद हो गईसाल 2024 के पहले दिन से वार्ड में संकट गहरा गयाएक तरफ सरकार चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए चिकित्सा सेवाओं का विस्तार कर रही है वहीं स्टाफ की कमी का भी खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा हैऐसा नहीं है कि इन परिस्थितियों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को पहले नहीं थी, इसके बाद भी किसी भी स्टाफ को वार्ड में तैनात नहीं किया गया.

डायलिसिस टेक्नीशियन की भर्ती के लिए शासन को पत्र भेजा गया हैटेक्नीशियन की व्यवस्था में अस्पताल प्रबंधन लगा हुआ हैआने के बाद डायलिसिस की सुविधा शुरू होगी.

डॉएसपी सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, मंडलीय अस्पताल