वाराणसी (ब्यूरो)। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत नए वित्तीय वर्ष में 18 लाख 27 हजार 120 मानव दिवस से विकास कार्य होने हैं। इस पर 6486.28 लाख रुपये व्यय होंगे। इस धन और मानव संसाधन में से जिला पंचायत के सदस्य भी विकास कार्य करा सकते हैं। इसके लिए जिला पंचायत सदस्यों से विकास कार्यों के प्रस्ताव मांगे गए हैं। मनरेगा से त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में विकास कार्य कराने का प्रविधान है। इसमें सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायत है जहां पांच लाख रुपये तक के कार्य किए जा सकते हैं। इसके ऊपर क्षेत्र पंचायत जो पांच से 10 लाख तक के काम करा सकते हैं।
सबसे बड़ी इकाई है जिला पंचायत
सबसे बड़ी इकाई जिला पंचायत के माध्यम से 10 लाख से बड़े या दो ग्राम पंचायतों से जुड़े कार्य कराए जा सकते हैं। अब ऐसे ही कार्यों का प्रस्ताव जिला पंचायत के सदस्य अपने क्षेत्र में विकास के लिए दे सकते हैं। इसमें इस बात का ध्यान रखना है कि जो प्रस्ताव तैयार किया जाए उसमें 60 प्रतिशत कच्चे और 40 प्रतिशत ही पक्के कार्य पर व्यय हों। इससे अधिक होने पर जिला पंचायत को अपने मद से व्यय करना होगा। मनरेगा से कार्य कराने से जिला पंचायत सदस्यों को अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक जनहित के कार्य कराने का मौका मिलेगा। इस प्रस्ताव को जिला पंचायत की बैठक में भी रखा गया था.
मनरेगा से होने वाले कार्य
मनरेगा से सड़क, तालाब, बंधी, नाला, नाली, जल संरक्षण, पौधारोपण, लघु ङ्क्षसचाई, ग्रामीण संपर्क मार्ग, मार्गों की पटरियां, अमृत सरोवर आदि के कार्य कराए जा सकते हैं।