वाराणसी (ब्यूरो)इस बार देव दीपावली घाटों पर मनाने के लिए आ रहे हैं तो संभलकर मनाएं क्योंकि 90 परसेंट घाटों पर साइनेज बोर्ड नहीं लगे हैंजहां लगे थे, वहां गिर गए हैंयहीं नहीं कौन सा घाट किधर पड़ता है इसका भी बोर्ड कम होने से लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता हैकई जगह तो घाटों की स्थिति यह है कि पैर रखते ही धंस जा रहा है। 27 नवंबर को घाट पर दिया जलाने के लिए आ रहे हैं तो एलर्ट रहेंक्योंकि गंगा किनारे की गहराई कितनी यह किसी को पता नहीं है, न ही नगर निगम ने ऐसा कोई बोर्ड लगाया है जिससे आम पब्लिक एलर्ट रहेथोड़ी सी चूक पर अब तक कई लोगों की डूबने से जान जा चुकी है

उमड़ती है भीड़

डाला छठ के बाद देव दीपावली पर घाटों पर लाखों की भीड़ उमड़ती हैऐेसे में कोई हादसा न हो, इसके लिए अभी तक घाट पर कोई ठोस इंतजाम नगर निगम की तरफ से नहीं किया गया हैअस्सी घाट पर नगर निगम की तरफ से जो साइनेज बोर्ड लगाया गया है वह गिरा हुआ हैयही हाल तुलसीघाट पर भी है

दो घाटों पर लगा बोर्ड

घाट किनारे गंगा नदी में डूबने से अब तक कई लोगों की जान जा चुकी हैइसको देखते हुए प्रशासन ने नगर निगम के अफसरों को निर्देशित किया था कि कौन सा घाट कितना गहरा है, इसका साइनेज बोर्ड लगाएं, ताकि आम पब्लिक घाट पर एलर्ट रहेलेकिन अभी तक एक दो घाट पर ही साइनेज बोर्ड लगाया गया हैअन्य घाट पर कोई भी बोर्ड नहीं लगाया गया है

पांच घाट डेंजर जोन में

नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो अस्सी से दशाश्वमेध के बीच पांच घाट डेंजर जोन में हंैइनमें अस्सी, राणा महल, ललिताघाट, तुलसीघाट, चेतसिंह का किला शामिल हैंइन घाटों के किनारे गहराई सबसे अधिक हैऐसे में घाट के किनारे पब्लिक न जाए इसके लिए नगर निगम की तरफ से पानी गहरा है का बोर्ड लगना था, लेकिन सतही तौर पर एक दो घाट पर लगाकर बचे हुए घाटों को ऐसे ही छोड़ दिया गयाजहां बोर्ड लगा है वहां किसी ने मिट्टी से पोत दिया है तो कहीं बोर्ड गिरकर टेढ़ा हो गया है.

दिशा सूचक ही नहीं

घाट पर जाने वाले मार्ग पर दिशा सूचक बोर्ड ही कई जगह नहीं लगाया गया हैइसके चलते टूरिस्टों को घाट पर जाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता हैकई जगह घाट का नाम आधा मिटा दिया गया हैकई स्थानों पर बोर्ड जंग खाकर खराब हो चुका है.

कुछ घाट पर साइनेज बोर्ड लगाया गया हैदिशा सूचक बोर्ड भी लगाया गया था, लेकिन उसे लोगों ने खराब कर दिया हैजल्द ही नया बोर्ड लगाया जाएगा.

सुमित कुमार, अपर नगर आयुक्त