वाराणसी (ब्यूरो)दुनिया की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी वाराणसी में विकास की धारा बह रही हैजिस तरह काशी के कण-कण में शिव का वास है, उसी तर्ज पर विकास की श्रृंखला में जुड़ रही हर बिल्डिंग में शिव व धर्म की छाप जरूर दिखेगीइसी कड़ी में रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर और इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के बाद अब एक और भवन धार्मिक महत्व को दर्शाता हुआ दिखाई देगा

सामने आई तस्वीर

वाराणसी में निर्माणाधीन अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे के स्टेशन की डिजाइन शिव और काशी के थीम पर आधारित होगीवाराणसी कैंट स्टेशन पर बनने वाले रोप-वे स्टेशन की पहली तस्वीर का प्रस्तावित मॉडल सामने आया हैइसमे डमरू, त्रिशूल, शंख, नदी, चांद और घाट की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया हैरोप-वे वाराणसी में 2024 तक पर्यटकों के लिए तैयार हो जाएगा.

धाम तक रोपवे यात्रा

देश की धार्मिक राजधानी काशी में डबल इंजन की सरकार नए भवनों को धार्मिक स्वरूप में बना रही हैदुनिया का तीसरा और देश के पहले अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे वाराणसी में निर्माणाधीन हैये रोपवे पर्यटकों को वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से बाबा के दरबार के पास गोदौलिया तक की यात्रा कम समय में कराएगानेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) से मिली जानकारी के मुताबिक रोप वे स्टेशन का निर्माण काशी की ख्याति के अनरूप किया जा रहा हैसभी रोप-वे स्टेशन पर वाराणसी की प्रमुख चीजों को दिखाने प्रयास होगा

गोदौलिया तक पांच स्टेशन

वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन होंगे, जिसमें कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगारोपवे की कुल दूरी 3.85 किलोमीटर होगी जो करीब 16 मिनट में तय होगीलगभग 35 से 45 मीटर की ऊंचाई से करीब 150 ट्रॉली कार चलेगीइस योजना की लागत 807 करोड़ की है

मार्च में शुरू करने का लक्ष्य

काशी की यातायात को सुगम और सुचारू बनाने के लिए देश का पहला रोपवे मार्च 2024 में स्टार्ट हो जाएगारोपवे प्रोजेक्ट का पहला चरण मार्च में ही पूरा करने का टारगेट हैइसके लिए कैंट, काशी विद्यापीठ सिगरा और रथयात्रा पर रोपवे स्टेशन के निर्माण की गति तेज हो गई हैपहले चरण का निर्माण कुल दो सेक्शन में किया जा रहा हैरोपवे के पहले सेक्शन का निर्माण रथयात्रा तक और दूसरे सेक्शन का निर्माण गोदौलिया तक होगापीएम नरेंद्र मोदी ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट के संचालन के लिए 807 करोड़ की परियोजना की नींव रखी थी.