वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में डेंगू चरम पर है। प्रतिदिन इसके मरीज सामने आ चुके हैं और अब ये जान भी लेने लगा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बीते नौ नवंबर तक जिले में 279 डेंगू के मरीज मिले। इनमें से एक बच्चे समेत तीन की अब तक मौत हो चुकी है। जिला मलेरिया विभाग की मानें तो इस बार डेंगू ने पिछले सात साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। विभाग की ओर से बताए गए आंकड़े के अनुसार वर्ष 2015 से 2022 के बीच 2018 में सबसे अधिक 199 मरीज मिले थे। जबकि इस साल बीते नौ नवबंर को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार अब तक जिले में 279 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं.
फॉगिंग हमारी जिम्मेदारी नहीं
शहर को डेंंगू के डंक से बचाने के लिए फॉगिंग बहुत जरूरी है। इसके लिए नगर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चल भी रहा है। इस बारे में जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद्र पांडेय का कहना है कि फागिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव उनके विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। ये नगर स्वास्थ्य विभाग का काम है। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी में टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और सर्विलांस के कार्य हैं, जिसे हम बखूबी कर रहे हैं.
इन इलाकों में हुई फॉगिंग
शहर के इंटरमीडिएट एवं हाईस्कूल स्कूल, कचहरी, सभी थाने, पुलिस लाइन, खोजवा, नगवा, लंका, यादव बस्ती, पंडाल वापसी, अस्सी, रविंद्रपुरी कालोनी, सिगरा, चौक, मलदहिया,
यहां नहीं हुई अब तक फॉगिंग
तरना, नदेसर, सरायसुर्जन, बिरदोपुर, सुंदरपुर, हुकुलगंज, मदनपुर, आगागंज, धूपचंडी, हड़हा, पांडेय हवेली, ईश्वरगंगी, लल्लापुरा, जंगमबाड़ी, पानदरीबा, सरैैया
शहर में डेंगू के हाटस्पाट
अर्बन-62
रूरल-68
बीते सात सालों में डेंगू का हाल
2015-160
2016-170
2018-199
2019-60
2020-25
2021-45
2022-279 अब तक
नोट: ये आंकड़ा जिला मलेरिया विभाग से लिया गया है.
डेंगू के लक्षण-
- संक्रमित मच्छर के काटने के 14 दिन बाद शरीर में लक्षण दिखना
- तेज बुखार का सात दिनों तक हावी होना
- जी मिचलाना या बोमिटिंग होना
- शरीर में लाल चकते पडऩा.
- भूख न लगना, चिड़चिड़ापन
- बीपी में गिरावट.
डेंगू की रोकथाम के लिए हमारे विभाग की ओर से दो चरणों में रोटेशन वाइज फागिंग का कार्य कराया जा रहा है। यदि कहीं भी फागिंग नहीं हो पाई है तो पब्लिक 1533 पर शिकायत कर सकती है.
एनपी सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, वाराणसी
फागिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव करना हमारे जियो में नही है। वह नगर स्वास्थ्य ïिवभाग का कार्य है। हमारे द्वारा टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और सर्विलांस किया जाता है.
शरत चंद्र पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी, वाराणसी
डेंगू के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है। लोगों को सही गाइडेंस के साथ बेहतर उपचार देने के लिए सभी हास्पिटल्स को निर्देशित कर दिया गया है.
संदीप चौधरी, सीएमओ, वाराणसी