-पं। दीनदयाल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पिछले एक वीक से खाली है पोषण पुनर्वास केंद्र, दो दिन पूर्व डीएम को मिले चुके हैं पंद्रह कुपोषित बच्चे

-डिस्ट्रिक्ट में मिल रहे हैं लगातार कुपोषित बच्चे

VARANASI

बड़ी अजीब विडंबना है कि डीएम को पंद्रह कुपोषित बच्चे मिल रहे हैं और वहीं कुपोषित बच्चों के लिए पं। दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बनाया गया पोषण पुनर्वास केंद्र पिछले एक सप्ताह से खाली चल रहा है। डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने तीन दिन पूर्व ही राज्य पोषण मिशन के तहत गोद लिए गये ग्राम आयर व हरहुआ में इंस्पेक्शन कर पंद्रह कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया है। जिम्मेदार डीपीओ व सीएमओ को इन बच्चों की चिकित्सा पर विशेष ध्यान देने सहित ऐसे गांव में कैंप भी लगाने का निर्देश दिया। बावजूद डीडीयू हॉस्पिटल में दस बेड का पोषण पुनर्वास केंद्र खाली है। जबकि ब्लॉक वार कुपोषित बच्चों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। कुपोषित बच्चों को लेकर यूपी गवर्नमेंट कई योजनाएं चला रही है। माह में दो से तीन बार डीएम, सीडीओ डिस्ट्रिक्ट में कुपोषित बच्चों की स्थिति जानने के लिए मीटिंग भी ले रहे हैं।

हर सुविधाएं हैं मौजूद फिर भी टोटा

डीडीयू हॉस्पिटल के पोषण वॉर्ड में कुपोषित बच्चे के साथ रहने वाली माताओं को भी दो टाइम भोजन और एक टाइम ब्रेक फास्ट दिया जाता है। जबकि जितने दिन तक कुपोषित बच्चा पोषण पुनर्वास केंद्र में एडमिट रहेगा तब तक माताओं को डेली के हिसाब से भ्0 रुपये भी दिये जाएंगे। पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित प्रेग्नेंट लेडी भी एडमिट हो सकती हैं।

दस बेड का है पुनर्वास केंद्र

दीनदयाल हॉस्पिटल में दस बेड के पुनर्वास केंद्र में एडमिट होने वाले बच्चों को 7.भ् व एफ क्00 के तहत मिक्स डाइट दिया जाता है। शुरू में तीन दिन बच्चों को 7.भ् पर रखा जाता है। इसमें बच्चों को अनाज कम और नमक, चीनी, पानी का घोल अधिक दिया जाता है। जब बच्चों में कुछ सुधार होता है तो फिर एफ क्00 में उन्हें पानी की मात्रा कम और अनाज व दूध की मात्रा बढ़ाई जाती है। मिक्स डाइट में साबूदाना का हलुआ, खिचड़ी, दलिया व अंडा भी शामिल है।

एक वीक से कर रहे वेट

पोषण पुनर्वास केंद्र में एक न्यूट्रिशियन भी रखी गई हैं। न्यूट्रिशियन विदिशा शर्मा कुपोषित बच्चों की डाइट चार्ट तैयार करती हैं। जबकि पीडियाट्रिक्स डॉक्टर्स की टीम भी दिन में दो से तीन बार राउंड कर बच्चों की रिपोर्ट लेती है। बच्चों को ताजा व साफ-सफाई से भोजन मिल सके इसके लिए एक कुक भी रखा गया है। हालांकि पिछले एक सप्ताह से हर कोई हाथ पर हाथ धरा बैठा हुआ है।

आशाओं को मिलता है सौ रुपये

कुपोषित बच्चों को एडमिट कराने पर आशाओं को प्रति बच्चा सौ रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। ब्लॉकवार आशाएं उधर बीच लगातार कुपोषित बच्चों को लेकर हॉस्पिटल पहुंच रही थी लेकिन अब वह भी नहीं पहुंचती।

डिस्ट्रिक्ट के कई गांव ऐसे हैं जहां कुपोषित बच्चे चिन्हित किये गये हैं वहां कैंप कराया जा रहा है। कुपोषित बच्चों के लिए ब्लॉक वार स्वास्थ्य प्रभारियों को भी निर्देशित कर दिया गया है।

डॉ। वीबी सिंह

सीएमओ