- सभी मान्यता प्राप्त स्कूल्स को डाटा कैप्चर फॉर्म भरना जरूरी
- स्टूडेंटस, टीचर्स समेत 44 बिन्दुओं पर देनी होगी जानकारी
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Varanasi
डिस्ट्रिक्ट के सभी मान्यता प्राप्त स्कूल्स को डाटा कैप्चर फॉर्मेट (डीसीएफ) भरना जरूरी है। इसमें स्टूडेंटस, टीचर्स, पैरा टीचर स्टाफ, इन्फ्रास्ट्रक्चर, फैसिलिटीज समेत 44 बिन्दुओं पर जानकारी देनी है। स्कूलों को माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर यू-डायट कोड उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कोड के जरिये विद्यालय से जुड़ी जानकारी आसानी से हासिल की जा सकती है। राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, सीबीएसई, आईसीएसई, संस्कृत बोर्ड और मदरसा बोर्ड से पंजीकृत सभी स्कूल इसके दायरे में आएंगे।
पहचान में आएंगे अमान्य विद्यालय
यह व्यवस्था सिर्फ मान्य विद्यालयों के लिए है। डाटा कैप्चर फॉर्म भरने और यू डायट कोड मिलने से मान्यता प्राप्त विद्यालयों की जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। जबकि अमान्य विद्यालय आसानी से पहचान में आ जाएंगे। जगह-जगह खुले अमान्य स्कूलों की पहचान कर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अभियान चलाकर अमान्य स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
जिले में बने 13 नोडल सेंटर
जिले में कुल 545 मान्यता प्राप्त स्कूल्स हैं। इन स्कूलों की सुविधा के लिए जनपद में 13 नोडल सेंटर बनाए गए हैं। संबंधित स्कूल सेंटर्स से डाटा कैप्चर फॉर्म प्राप्त और जमा कर सकते हैं। डीआईओएस ओपी राय ने बताया कि पांच अप्रैल तक डीसीएफ भरे जा सकते हैं।
फॉर्म भरने में न करें कोताही
राजकीय क्वींस कॉलेज में मंगलवार को प्रिसिंपल्स की बैठक हुई। इस दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक ओपी राय ने निर्देश दिया कि डाटा कैप्चर फॉर्म भरने में कोताही न करें, ताकि अमान्य विद्यालयों की पहचान हो सके। उन्होंने कहा कि स्कूलों को यू डायट कोड एलॉट कर दिए गए हैं। इसमें राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त, नॉन एडेड, सीबीएसई, आईसीएसई, संस्कृत बोर्ड और मदरसा बोर्ड के प्रधानाचार्य शामिल थे। संचालन प्रिंसिपल डॉ। राजेश कुमार सिंह यादव व धन्यवाद ज्ञापन आनंद शंकर मिश्र ने किया।
सभी मान्यता प्राप्त विद्यालयों को डाटा कैप्चर फॉर्म भरना जरूरी है। स्कूलों को यू डायट कोड भी बोर्ड पर अंकित करना होगा, ताकि उनकी पहचान में आसानी हो सके।
ओपी राय, डीआईओएस