1- Crime

आज के दौर में अगर सबसे बड़े रावण के तौर पर समाज को जो परेशान कर रहे हैं तो वो हैं पुलिस गिरफ्त से फरार चल रहे जिले के टॉप टेन क्रिमिनल्स। पांच लाख रुपये से लेकर 2500 रुपये तक के ये वांटेड क्रिमिनल्स हत्या, लूट, अपहरण समेत कई मामलों में वांछित हैं। इन क्रिमिनल्स की तलाश में पुलिस लंबे वक्त से छापेमारी कर रही है लेकिन ये अब तक पुलिस पकड़ से दूर हैं

1.अताउर रहमान वांटेड भेलूपुर से, ईनाम पांच लाख।

2. सहाबुद्दीन वांटेड भेलूपुर से, ईनाम दो लाख।

3. विश्वास नेपाली वांटेड चौबेपुर से, ईनाम 50 हजार

4. मनीश कुमार सिंह वांटेड कैंट से, ईनाम 50 हजार

5. अजीम अहमद वांटेड शिवपुर से, ईनाम 50 हजार रुपये।

6. राजेश चौधरी वांटेड आदमपुर से, ईनाम 15 हजार रुपये।

7. इन्द्रदेव सिंह उर्फ बीकेडी वांटेड चौबेपुर से, ईनाम 12 हजार रुपये।

8. शिव अवतार वांटेड रामनगर से, ईनाम 2500 रुपये

9. जावेद खान वांटेड आदमपुर से, ईनाम 2500 रुपये।

10. नागराज उर्फ गुड्डू वांटेड चोलापुर से, ईनाम 2500 रुपये।  

2- खराब सड़कें

भले ही रावण के पुतले का दहन सोमवार को होगा लेकिन क्या इस दहन के साथ बनारस की सबसे बड़ी प्रॉब्लम का अंत हो पायेगा। शायद नहीं। ये समस्या है बनारस की खराब सड़कें। महमूरगंज से लेकर पाण्डेयपुर तक की बदहाल सूरत बनी रहने से यहां आने वाला हर देशी विदेशी सैलानी दोबारा सिटी में आने से तौबा कर लेता है। खराब सड़कें हर रोज किसी न किसी हादसे की वजह भी बन रही हैैं लेकिन प्रशासन इस समस्या को दूर करने के बारे में गंभीरता से सोच नहीं रहा है।

3. बिजली की crisis

दशहरे पर सिटी में शहर की एक और बड़ी समस्या का अंत नहीं हो सका है। घोषित और अघोषित हो रही बिजली कटौती से जनता इतनी ऊब चूंकि है कि बनारस में बिजली दंगे का वजह बन सकती है। सुबह, शाम या रात में हो रही कटौती से त्रस्त होकर लोग सड़कों पर उतर आ रहे हैं लेकिन बिजली विभाग है कि इस प्रॉब्लम का अंत करने को तैयार ही नहीं है।

4. पीने के पानी कि दिक्कत

अगर रावण के पुतले के साथ प्रशासन सिटी के लोगों की पीने के पानी की दिक्कत को भी खत्म करा दे तो सही मायने में दशहरा विजय पर्व होगा। पुराने शहर से लेकर नई बसी कॉलोनियों में पीने के पानी की किल्लत से हर कोई जूझ रहा है। कहीं पानी आता ही नहीं है और जहां आता है तो वो पीने लायक नहीं। इसके अलावा शहर में लगे अधिकतर हैंडपंप्स खराब पड़े हैं। इसके चलते लोग आजादी के बाद भी कई किमी दूर से पानी लाने को मजबूर हैं।

5. सीवर की प्रॉब्लम

सिटी में अंग्रेजों के वक्त से चली आ रही सीवर की प्रॉब्लम अब तक सॉल्व नहीं हो सकी है। पॉपुलेशन बढऩे के बाद भी सीवर लाइनें वहीं पुरानी हैं। इसके चलते अधिकतर इलाके सीवर के गंदे पानी में डूबे रहते हैं। बरसात में तो सीवर के अक्सर ब्लॉक हो जाने से शहर के कई इलाके जलमग्न हो जाते हैं। ऐसे में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर प्रशासन ये प्रॉब्लम सॉल्व करा दे तभी दशहरा पर्व पर बुराई और समस्या का अंत माना जायेगा।

6. Corruption

ये प्रॉब्लम आज अपने देश की जड़ों में बुरी तरह से घुस चुकी है। छोटे से छोटे और बड़े काम को कराने के लिए रिश्वत देना आज कॉमन बात है। करप्शन के चलते रावण आज भी सिर उठाये हर जगह जिंदा है। और लोग दशहरे पर इसके पुतले को दहन कर विजय पर्व मनाते हैं। इस दशहरे पर अगर करप्शन का खात्मा हो जाए तभी दशहरे का सही सेलिब्रेशन माना जाएगा। इसलिए इस करप्शन रूपी रावण को मारने के लिए सबको ये प्रण लेना होगा कि कुछ भी हो लेकिन अब भ्रष्टाचार को पनपने नहीं देंगे।

7. अशिक्षा

रावण के दस सिरों के कटने के बाद भी जिस तरह रावण जिंदा था। ठीक उसी तरह अपने शहर के सर्व शिक्षा के रूप में जाने जाने के बाद भी यहां अब भी अशिक्षा का स्तर कम नहीं है। होटल, रेस्टोरेंट्स से लेकर छोटी दुकानों पर काम करने वाले बच्चे न सिर्फ बाल मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे हैं बल्कि सर्व शिक्षा अभियान को भी मुंह चिढ़ा रहे हैं। हालांकि वक्त बे वक्त लेबर ऑफिसर्स इन बच्चों को आजाद कराते हैं लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते इनको प्रॉपर शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

8. वासना

भले ही रावण का अंत माता सीता  के अपहरण के चलते हुआ हो। इसके बावजूद आज भी वासना के पुजारी रावण खुलेआम घूम रहे हैं। सिटी में रेप, छेड़खानी की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी इस बात का सबूत है। इसलिए जरूरत है वासना के इन भूखे लोगों को उनकी सही जगह पर पहुंचा कर समाज को इस बड़ी बुराई से मुक्ति दिलाने की।

9. महंगाई

आज के दौर में अगर कोई किसी चीज से सबसे ज्यादा प्रभावित है तो वो है महंगाई। महंगाई रूपी रावण इस वक्त अपने दसों सिरों के साथ खड़ा है और कोई राम इस रावण का अंत करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। पेट्रेाल से लेकर डीजल और राशन से लेकर सब्जी तक सबके रेट सातवें आसमान पर हैं। इसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं। इसलिए जरूरत है तो इस दशहरे पर महंगाई रूपी रावण के दहन की ताकि पब्लिक को थोड़ी राहत मिल सके।

10. Traffic

क्या क्या नहीं हुआ इस शहर के ट्रैफिक को दुरुस्त करने के लिए। लाखों खर्च हुए। कई सस्पेंड हुए लेकिन परेशानी जस की तस है। ट्रैफिक से जुड़ी समस्या का अंत होने के बाद पब्लिक को बड़ी राहत मिल सकती है। इसके लिए प्रशासन और पुलिस के साथ साथ पब्लिक को अवेयर होने की जरूरत है। पब्लिक के अवेयर हो जाने पर ट्रैफिक प्रॉब्लम जैसे दशानन का अंत संभव है। नहीं तो ये रावण हमेशा की तरह लोगों के लिए परेशानी का सबब बना रहेगा।