वाराणसी (ब्यूरो)। सिटी में एक दो नहीं बल्कि कई ऐसे मोहल्ले हैं, जहां अब भी घना अंधेरा है। नवशहरी मोहल्लों को जगमग करने के लिए सात लाख रुपए का बजट मिला था, लेकिन यह बजट कहां खर्च हुआ यह पता नहीं, क्योंकि संबंधित मोहल्ले अब भी अंधेरे में हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के कैंपेन 'स्ट्रीट लाइट की बत्ती गुलÓ में नवशहरी वार्डों में स्ट्रीट लाइट का हाल देखा गया। इस दौरान हमें जो दिखा उसके अनुसार इन इलाकों में अब भी 500 से लेकर 700 लाइटों की जरूरत पड़ेगी। स्ट्रीट लाइट न लगने से आए दिन घटनाएं होती रहती हैं.
सारनाथ में अंधेरा कायम
नगर निगम का विस्तार होने के बाद सारनाथ के कई मोहल्ले नए वार्ड में शामिल हो गए हैं। इनमें परशुरामपुर, सिंहपुर, फरीदपुर, ककरइया, घुरहुपुर, बुद्धनगर कालोनी, नवापुरा, पिसनहरिया, मवइयां, नान्हूपुर, खजुरी शक्तिपीठ कालोनी समेत दर्जनों ऐसे मोहल्ले व कालोनियां हैं, जहां शाम होते ही घना अंधेरा हो जाता है.
परशुरामपुर में खेलते जुआ
सारनाथ वार्ड 44 के पार्षद अभय कुमार पाण्डेय का कहना है कि सारनाथ वार्ड के मोहल्लों के लिए 130 लाइटें मिली थीं। उन्हें लगा दिया गया है लेकिन दर्जनों ऐसे मोहल्ले हैं, जहां लाइट की अब भी जरूरत है। 700 और लाइटें मिलने के बाद ही वार्ड के मोहल्ले व कॉलोनियों की दिक्कत दूर हो पाएगी। लाइट न होने से परशुरामपुर के कई इलाकों में अंधेरे में जुआरी अक्सर जुआ खेलते नजर आते हैं। इन एरिया में लाइट लगाने के लिए नगर निगम के आलोक विभाग को पत्र लिखा गया है.
छित्तुपुर में रहता है अंधेरा
बीएचयू के पीछे छित्तुपुर के एरिया को भी वार्ड नं। 57 का दर्जा मिल गया है, लेकिन सुविधाएं अब भी काफी दूर हैं। शाम होते ही कालोनी हो या फिर मोहल्ला हर जगह अंधेरा छा जाता है। इसके चलते आने-जाने वालों को काफी दिक्कत होती है। कालोनियों और मोहल्ले में लाइट लगाने के लिए सात लाख रुपए का बजट मिला था, वह भी कम पड़ गया। अभी तीन सौ लाइटों की और आवश्यकता है।
छित्तुपुर में कई पोल खराब
वार्ड नं। 57 के पार्षद महेंद्र कुमार पटेल का कहना है कि छित्तुपुर के कई मोहल्ले ऐसे हैं, जहां स्ट्रीट लाइट के पोल खराब हैं। उनकी मरम्मत नहीं हुई तो बारिश के दिनों में करंट उतर सकता है। मरम्मत के साथ ही लाइट की भी आवश्यकता है। छित्तुपुर से लेकर रविदासनगर तक 200 स्ट्रीट लाइट की आवश्यकता है। इसके लिए नगर निगम को पत्र दिया गया है.
कोनिया में 500 लाइटें खराब
लाइट को लेकर कोनिया वार्ड भी जद्दोजहद कर रहा है। कोनिया में दर्जनों मोहल्लों की लाइटें पिछले कई माह से खराब हैं। यहां के पार्षद अमरदेव यादव स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए सदन की बैठक में भी मुद्दा उठा चुके हैं, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। कोनिया में सैकड़ों लाइटों की मियाद खत्म हो चुकी है। बल्ब फ्यूज हो चुके हैं। इन्हें बदलना बहुत जरूरी है, क्योंकि मोहल्लों में अंधेरा रहता है।
काजीसदुल्लाहपुरा का हाल बुरा
वार्ड 95 के काजीसदुल्लाहपुरा के कई मोहल्ले ऐसे हैं, जहां लाइट नहीं है। वार्ड के पार्षद के पति रमजान अली ने नगर निगम के आलोक विभाग के अधिकारी को पत्र लिखा है। जब भी लाइट के लिए जाते हैं तो कहा जाता है कि जल्द ही लाइट लग जाएगी, लेकिन लगाई नहीं जाती.
कमालपुरा में लाइटें खराब
नए वार्ड कमालपुरा में सैकड़ों लाइटें खराब हैं। दो माह पहले लाइट लगाई गई, लेकिन इनमें से कई खराब हो चुकी हैं और रिपेयरिंग मांग रही हैं। कमालपुरा को नया वार्ड बना दिया गया है, लेकिन सुविधाएं काफी दूर हैं। ख्वाजापुरा, जैनपुरा, लझनपुरा, सलारपुरा समेत कई इलाके में स्ट्रीट लाइट की जरूरत है.
कमालपुरा के कई एरिया में 150 लाइटों की आवश्यकता है। इसके लिए पत्र लिखा गया है। आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही लाइटें लगा दी जाएंगी.
गुलशन अली, पार्षद
क्षेत्र की कई लाइटें खराब हैं। कई मोहल्लों में अंधेरा रहता है। पोल भी खराब हैं। पोल और लाइट लगाने के लिए पत्र लिखा गया है.
रमजान अली, पार्षदपति
कोनिया में 600 से अधिक लाइट की मियाद खत्म हो चुकी है। शाम होते ही गली और सड़कों पर अंधेरा हो जाता है। कई लाइट तो कुछ देर तक जलती हैं, इसके बाद बुझ जाती है.
अमरदेव यादव, पार्षद
नाटीइमली एरिया में स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है, लेकिन कई लाइटें को मरम्मत की जरूरत है। अगर मरम्मत कर दिया जाए तो लाइट की आयु बढ़ जाए.
प्रदीप राय, पार्षद
सारनाथ के कई मोहल्लों में अंधेरा है। सात से आठ सौ लाइट की जरूरत है। लाइट न लगने की वजह से घटनाएं हो रही हैं। नगर निगम से लाइट लगाने की मांग की गयी है.
अभय कुमार पाण्डेय, पार्षद
छित्तुपुर वार्ड में लाइट की गंभीर समस्या है। लाइट लगाने की मांग की गयी है। तीन सौ और लाइट लग जाए तो कई मोहल्लों की स्थिति सुधर जाए.
महेन्द्र पटेल, पार्षद