वाराणसी (ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी में शुमार बनारस की पब्लिक सुधरने को तैयार नहीं। ट्रैफिक पुलिस कार्यक्रम चलाकर पब्लिक को जागरूक कर रही है। बावजूद इसके ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वालों की संख्या कम नहीं हो रही है। ट्रैफिक पुलिस ने एक जनवरी से लेकर 15 अक्टूबर तक ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वाले ढाई लाख से अधिक वाहनों का चालान किया, जिसमें बिना हेलमेट वालों की संख्या करीब दो लाख है, जबकि रेड सिग्नल तोडऩे वाले वाहनों की संख्या 25012 है। यानी हर दिन 90 बनारसी रेड सिंग्नल जंप कर रहे हैं। इसके अलावा बिना सीट बेल्ट के कार के 2551 चालान, मोबाइल फोन और ईयरफोन लगाकर वाहन चलाने पर 1342, ओवरस्पीड में सबसे कम 192 चालान और अन्य यातायात नियमों को तोडऩे में 202313 चालान हुए हैं.
अगस्त 2019 में अब तक सबसे अधिक 57209 चालान
प्रदेश में ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वालों के खिलाफ जनवरी 2019 से ई-चालान की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके अलावा ऑन स्पॉट भी चालान काटने का सिलसिला शुरू हुआ। जनवरी से अगस्त 2019 तक कुल 241822 चालान हुए थे। अगस्त में 57209 वाहनों का चालान हुआ था, जो अब तक महीनों में सर्वाधिक था। ट्रैफिक पुलिस के अनुसार दोपहिया के चालान में रिकॉर्ड जनवरी और अक्टूबर माह में टूटा है। जनवरी माह में 35824 चालान तो अक्टूबर माह के सिर्फ पंद्रह दिन में ही 15887 चालान कट गए। न्यू ईयर का जश्न मनाने और अक्तूबर में दुर्गा पूजा भ्रमण के दौरान भी दोपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के सड़कों पर निकलते हैं.
गोदौलिया, विशेश्वरगंज मंडी के पास सबसे अधिक चालान
पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी अधिकतर चौक थाना क्षेत्र में हैं। बनारसी साड़ी, सर्राफा, बर्तन, मिठाई, खोवा गली में खोवा, खुदरा बाजार, दालमंडी के चलते रोजाना हजारों लोगों का आना जाना होता है। ऐसे में शहर के कारोबारी, उनके कर्मचारियों को दुकान से बार-बार निकलना होता है तो हेलमेट का उपयोग ज्यादा नहीं करते हैं। मैदागिन से लेकर चौक और गोदौलिया, गिरजाघर तक इनकी आवाजाही दिन से लेकर रात तक दोपहिया से बनी रहती है। दूसरी ओर विशेश्वरगंज मंडी, कोतवाली के सप्तसागर दवा मंडी में भी लोगों के बाइक-स्कूटी से आने जाने का सिलसिला जारी रहता है। यातायात पुलिस के अनुसार दोपहिया वाहन चालकों को लगातार हेलमेट के प्रति जागरूक किया जाता है।
सड़कों पर मुस्तैद हैं 1100 ट्रैफिक पुलिस
बनारस के बिगड़े ट्रैफिक को दुरुस्त करने के लिए 1100 से अधिक ट्रैफिक पुलिस जवानों की ड्यूटी लगी है, जो शहर के 40 चौराहों के अलावा चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद हैं। इन चौराहों पर लगे सर्विलांस कैमरों की मदद से सिगरा स्थित सिटी कमांड सेंटर से भी ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वालों पर नजर रखी जा रही है। ट्रैफिक पुलिस यह मानती है कि लोगों में जागरूकता आई है, लेकिन संकरी गलियां, जाम और शहर में वाहनों का इतना दबाव है कि वाहन सामान्य स्पीड में भी नहीं चल पाते। यातायात पुलिस के अनुसार नियम तोडऩे वालों के ऑटोमेटिक चालान चौराहे पर लगे कैमरे से होते हैं।
यातायात नियमों के पालन को लेकर लगातार सभी को जागरूक किया जा रहा है। पहले से लोग जागरूक भी हुए हैं। हेलमेट के प्रति लोगों को अधिक जागरूक किया जा रहा है, ताकि जीवन सुरक्षित रहे.
राजेश पांडेय, एडीसीपी, ट्रैफिक