वाराणसी (ब्यूरो)सारनाथ स्थित साइबर क्राइम थाने की देखरेख का जिम्मा अब वाराणसी कमिश्नरेट पर होगाअभी तक वाराणसी रेंज के डीआईजी की देखरेख में यह थाना संचालित होता हैसमय-समय पर लखनऊ से भी समीक्षा होती थी और स्थानीय कमिश्नरेट का यहां के कामकाज में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं थाशासन स्तर से आदेश जारी होते ही प्रदेश के सभी 18 परिक्षेत्रीय साइबर थाने को जिले में मर्ज कर दिया गया हैकमिश्नरेट पुलिस के अंडर में साइबर थाना होने के कारण त्वरित कार्रवाई की उम्मीद बढ़ जाएगीशिकायतकर्ता को भी साइबर सेल और थाना के चक्कर में नहीं फंसना पड़ेगा

प्रोफेसर ने दर्ज कराया था पहला मुकदमा

साइबर क्राइम पर प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार ने वाराणसी में साइबर थाना अगस्त 2021 में खेला थाडेढ़ लाख की ठगी होने पर पहला मुकदमा बीएचयू के प्रोफेसर ने दर्ज कराया थाअब पांच लाख या उससे अधिक की ठगी पर मुकदमा दर्ज किया जाता हैइनमें रेंज के सभी जिलों की रिपोर्ट दर्ज की जाती थी, लेकिन जौनपुर में साइबर थाना शुरू होने के बाद यहां वाराणसी, गाजीपुर व चंदौली में होने वाले साइबर ठगी के मामले दर्ज होते हैंअभी तक पांच लाख से कम की ठगी के मामले साइबर सेल में दर्ज होते हैं.

15 दिनों में पूरी होगी प्रक्रिया

अब प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर थाने बनाने जा रही हैइसी क्रम में जिन जिलों में परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थानों का संचालन हो रहा हैउसे वहां की जिला पुलिस या कमिश्नरेट में मर्ज किया जा रहा हैइस बारे में कार्रवाई शुरू कर दी गई हैबताया जा रहा है कि आगामी 15 दिनों के भीतर मर्ज करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगीअभी साइबर थाने में 150 साइबर अपराधों की जांच चल रही हैकमिश्नरेट में मर्ज होने के बाद थाने की कार्यप्रणाली कैसी होगी, अधिकारियों ने इस पर मंथन करना शुरू कर दिया हैजल्द ही थाना नए कलेवर में दिखेगाइसके साथ ही सारनाथ स्थित साइबर थाना बहुत जल्द मिर्जामुराद में नई बिल्ंिडग में शिफ्ट करने की योजना है.

अब तक दस करोड़ से अधिक की रकम फ्रीज

साइबर ठग के झांसे में आकर कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक ललित कुमार ने मानवता के आधार पर दस लाख रुपये ट्रांसफर कर दियाथोड़ी देर बाद में उन्हें साइबर ठगी की आशंका हुई तो वह तुरंत साइबर सेल पहुंचे और शिकायत दर्ज कराईहालांकि नियमानुसार पांच लाख से ऊपर की ठगी होने पर शिकायत साइबर थाना में दर्ज होती हैबावजूद साइबर सेल ने त्वरित एक्शन लिया और जिस एकाउंट में दस लाख रुपये ट्रांसफर हुआ था, उसे सीज करा दियाबाद में पीडि़त ने साइबर थाना में भी शिकायत दर्ज कराई और थाना ने आगे की कार्रवाई करते हुए पैसा रिकवर करा दियास्थापना के बाद से साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने 100 से अधिक ठगों को गिरफ्तार किया और ठगी की दस करोड़ से अधिक की रकम फ्रीज कराईइस दौरान देश के अलग-अलग हिस्से से सक्रिय गिरोह के 20 के करीब जालसाजों को साइबर क्राइम थाने की टीम ने दबोचा.