वाराणसी (ब्यूरो)। रोशनी के पर्व दीपावली अगर खुशियों के साथ मनाना चाहते हैं तो मोबाइल पर किसी भी ऑफर का मैसेज आए तो उसे फालो करने की बजाय इग्नोर करें। पर्व नजदीक आते ही साइबर फ्रॉड सक्रिय हो गए हैं। हर बार की तरह इस बार भी नए-नए हथकंडे से लोगों को लूट रहे हैं। आपको यकीन नहीं हो तो साइबर सेल में जाकर देख सकते हैं। वहां महज एक माह में ही 40 कम्प्लेन दर्ज हो चुकी है। जबकि अभी पर्व आने में दस दिन का समय शेष है। यह सभी कम्प्लेन साइबर ठगी के हैं। अगर ऐसे ही मोबाइल पर आफर के मैसेज, फेसबुक, यू टयूब के मैसेज को फालो करते रहे तो साइबर ठग आपको लूटते रहेंगे और दिवाली मनाते रहेंगे.
फ्रॉड का ट्रेंड बदला
साइबर ठगों ने फ्रॉड करने का ट्रेंड बदल दिया है। अब ज्यादातर मामले गूगल पर देखने को मिल रहे हैं। साइबर सेल के अफसरों की मानें तो एक महीने में सबसे अधिक कम्प्लेन गूगल से नंबर ढूंढने के आए हैं। ज्यादातर लोग किसी विभाग का नंबर गूगल पर ढूंढने की कोशिश करते हैं और साइबर फ्रॉड के चंगुल में फंसकर रुपए गंवा बैठते हैं।
ऐसे कर रहे ठगी
फेस्टिव सीजन में ठग डिफरेंट लिंक, मैसेज बनाकर आम लोगों तक भेजने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। मैसेज और लिंक में ठग आम लोगों को लालच देते हुए 50 परसेंट, 70 परसेंट, 80 परसेंट डिस्काउंट, एक के साथ दो फ्री, आपका लकी नंबर लगा है। आपकी लॉटरी लगी है, आज ही लिंक पर बुक करें। मैसेज और लिंक भेजते हैं और लालच में आने वाले व्यक्ति इनके शिकार बन जाते हैं.
प्रोडक्ट खरीद फंस गए
ऑनलाइन प्लेटफार्म पर इस समय अधिकतर लोग खरीदारी कर रहे हैं। उनको एलर्ट रहने की जरूरत है। ऑनलाइन प्लेट फार्म पर भी ठग सक्रिय हैं। हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं। इसमें लोगों ने ऑनलाइन प्लेटफार्म से सामान मंगाए लेकिन उनकी डिलीवरी नहीं हुई। पैसे ठग उड़ा ले गए।
कुत्ते से परेशान थे, ठगे भी गए
साइबर सेल के अफसरों का कहना है कि हाल ही में एक परिवार कुत्ते से काफी परेशान था। इससे छुटकारा पाने के लिए नगर निगम की साइट पर नंबर ढूंढने लगे, जो नंबर मिला उस पर मिलाने पर सामने वाले ने पहले रुपए की मांग की। उन्होंने पैसे जमा कर दिया। इसके बाद ठग रुपए लेकर चंपत हो गए। इसकी कम्प्लेन साइबर सेल में लिखी गई।
यू टयूब पर भी फ्रॉड
यू टयूब से लाखों लोग कमा रहे हैं। इससे अधिक फ्रॉड के भी शिकार हो रहे हैं। यू टयूब पर साइबर ठग सक्रिय हैं। वीडियो को लाइक करने के बहाने लोगों को लूट रहे हैं। इसकी भी शिकायत साइबर सेल में आयी है। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।
रिलेटिव बन मांगे रुपए
साइबर ठग इतने अधिक चालाक हैं कि एक फंडा फ्लाप हो जाता है तो दूसरा अपना लेते हैं। इधर बीच रिलेटिव बनकर एक दर्जन से अधिक लोगों के साथ फ्रॉड के केस सामने आए हैं। ठग फोन करके कहते हैं कि आपके रिलेटिव बोल रहे हैं, इतने रुपए की जरूरत है। अपना रिलेटिव समझकर संबंधित एकाउंट में रुपए भेज दिए। इसके बाद जब उस नंबर पर फोन करते है तो कोई रिस्पांस नहीं मिलता।
लालच दे फंसाते
बिना मेहनत के पैसे कमाने के लालच में लोगों को ट्रेंडिंग एप पर निवेश करा अच्छे मुनाफे का मौका दिया जाता है। एक एप को डाउनलोड कर धीरे-धीरे एप के माध्यम से पैसे जमा कराए जाते हैं। एप पर मुनाफा भी दिखता है, लेकिन लाभ को निकालने के लिए प्रयास करने पर एप चलना बंद हो जाता है और संबंधित लोग भी गायब हो जाते हैं। जिस एप के माध्यम से निवेश किया जाता है वो भी फर्जी होती है और मुनाफा-घाटा ऑनलाइन दिखता रहता है.
साइबर सेल की तरफ से लोगों को हमेशा अवेयर किया जाता है, इसके बाद भी लोग ठगी के शिकार हो जा रहे हंै। मैसेज देखकर तुरंत फालो करने लगते हैं। ऐसे मैसेज को इग्नोर करना चाहिए।
अंजनी पाण्डेय, सर्विलांस सेल प्रभारी