वाराणसी (ब्यूरो)। काशी में अष्टमी पर रविवार को पंडालों में मां दुर्गा के दर्शन को भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। पूरी रात सड़कों पर उनका रेला चलता रहा। चहुंओर दुर्गा माइ की जय के जयकारे लगते रहे। झालरों से जगमग शहर की रौनक भी देखने लायक थी। शिवपुर स्थित मिनी स्टेडियम, हथुआ मार्केट, सनातन धर्म और अर्दली बाजार स्थित पंडाल पर अष्टमी के मौके पर शो चला, जिसे देखने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ा.
राममंदिर की थीम
शिवपुर स्थित मिनी स्टेडियम पर राममंदिर की थीम पर पंडाल को तैयार किया गया था, जिसमें राम मंदिर की लघु फिल्म भी दिखाई गई। बनारस की हर गली को झालरों से सजाया गया था, जिसे देखने के लिए सभी देर रात तक सड़कों में घूमते दिखे। चेतगंज की पूरी गली लाइटों से जगमगा रही थी। चेतगंज में पंडाल को बाघा बार्डर की थीम पर तैयार किया गया है, जिसे देश के जवानों को समर्पित किया गया है। सभी पंडाल बहुत खूबसूरती के साथ तैयार किए गए हैं और रात होते ही लाइटें जलने पर इसकी खूबसूरती में चार-चांद लग जाते हैं।
माता गौरी का किया दर्शन
अष्टमी के मौके पर माता गौरी के दर्शन करने के लिए मंगला गौरी मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिर में रात तक श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। अष्टमी के मौके पर कन्या भोज भी कराया गया। मां भगवती के आठवें स्वरूप यानी अष्टांग योग की अधिष्ठात्री देवी महागौरी की पूजा की जाती है। देवी महागौरी की कृपा से धन-संपदा, सौंदर्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही महागौरी सृष्टि का आधार होने के साथ ही अक्षत सुहाग की प्रतीक हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने मां काली पर गंगाजल छिड़का था तो वह महागौरी हो गईं थीं.
मंदिरों और घरों में कन्या भोज
रविवार को अष्टमी के मौके पर मंदिरों और घरों में कन्या भोज भी कराया गया। महाअष्टमी के दिन उत्तर प्रदेश भाईचारा कमेटी द्वारा 108 कन्याओं का पूजन करके रोली अक्षत का टीका लगाकर व चुनरी एवं माल्यार्पण कर मंत्रोच्चार के साथ फलाहार कराया गया। शहर में कई जगहों पर डांडिया का आयोजन भी किया गया। जीत होम्स सोसाइटी की ओर से रामनगर में आयोजित नव दिवसीय दुर्गा पूजा महोत्सव में शनिवार को डांडिया व गरबा नृत्य की धूम रही। सभी ने अष्टमी पर खूब गरबा भी किया.