वाराणसी (ब्यूरो)। क्रेडिट कार्ड रखने या अप्लाई करने वाले सावधान। जैसे ही आपको क्रेडिट कार्ड डिलीवर होता है, इसकी जानकारी साइबर फ्रॉड को भी हो जाती है। घर पर क्रेडिट कार्ड का पैकेट आते ही आपके पास अचानक फोन कॉल आता है। फोन करने वाला इस तरह से डेटा आप के सामने रखता है, जैसे वह किसी कंपनी या बैंक का अधिकृत व्यक्ति है और आपसे जानकारी जुटाकर चंद सेकंड में खाता साफ कर देता है। सुंदरपुर के रहने वाले मनोज शुक्ला के साथ 34 हजार, चेतगंज के रहने वाले शांतनु कुमार से 23 हजार, सोनारपुरा के रंजीत यादव से 12 हजार की ठगी इसी तरह हुई। इस तरह ठगी की शिकायत साइबर सेल में पहुंच रही है.
दोनों तरफ से कट रही जेब
इस तरह की ठगी का नया टे्रंड साइकोलॉजिकल फ्रीज करने वाला साइबर क्राइम का है। साइबर ठग कुछ ऐसा माहौल बनाते हंै कि आपको किसी तरह के शक की गुंजाइश ही न रहे। साइबर क्राइम के शिकार लोगों को केवल एक तरफ की मार नहीं झेलनी पड़ रही बल्कि उनकी जेब दोनों तरफ से कट रही है। खासकर क्रेडिट कार्ड वाली ठगी के शिकार लोग इसकी जद में ज्यादा है, क्योंकि सेल या साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद अगर इस उम्मीद में है कि पैसा रिकवर हो जाएगा तो यह भूल है, क्योंकि रिकवरी के चांस और पुलिस की जांच लंबी चलती है। दूसरी तरफ क्रेडिट कार्ड का चार्ज इतना बढ़ेगा कि उसे भरते-भरते जेब ढीली हो जाएगी। कह लें कि पैसे वापसी की आस बना देगी कंगाल.
घटना के बाद 72 घंटे का समय अहम
साइबर क्राइम सेल के एक्सपर्ट विराट सिंह के अनुसार ऐसे मामलों में जितनी जल्दी आप शिकायत करेंगे उतनी अधिक आपके रुपए की वापसी की संभावना रहती है। इसके लिए 72 घंटे का समय अहम है। इस समयावधि के बाद आपके रुपये की सुरक्षित रहने की संभावना न के बराकर है। ऐसे में आपके साथ अगर साइबर क्राइम होता है तो सबसे पहले साइबर क्राइम सेल या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं। छोटी रकम अर्थात एटीएम के प्रतिदिन की निकासी लिमिट की धनराशि के बराबर आपके साथ धोखाधड़ी होती है तो अपराध करने वाला व्यक्ति तत्काल पैसा अपने खाते से निकाल लेता है। अगर उसके खाते से रुपये निकल गया तो उसकी वापसी की संभावना कम होती है। इसी तरह अधिक धनराशि की धोखाधड़ी होने पर जैसे ही आप शिकायत दर्ज कराएंगे, जिस खाते में धनराशि स्थानांतरित हुई है। साइबर क्राइम विभाग के लोग उस खाते को होल्ड करा देते हैं। क्योंकि बड़े अमाउंट को ट्रांसफर होने में समय लगता है.
पेनाल्टी से होती है वसूली
सबसे खराब स्थिति क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी होने वाले व्यक्ति के साथ होती है। एक तो उसकी धनराशि गायब हुई दूसरी क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने वाली कंपनियां समय पर रुपये जमा नहीं होने पर पेनाल्टी चक्रवृद्धि ब्याज के साथ वसूलती है। ऐसे में पीडि़त को दोहरी मार झेलनी पड़ी है। कई बार शिकायत के बावजूद उसके समस्या का समाधान होने में काफी समय लग जाता है। इस दौरान उसके द्वारा जमा की जाने वाली धनराशि लगातार बढ़ती जाती है.
इन बातों पर ध्यान देना जरूरी
-आपको कभी भी अपना क्रेडिट कार्ड किसी को नहीं देना चाहिए। क्रेडिट कार्ड की सेफ्टी के लिए यह बहुत जरूरी होता है.
-हम क्रेडिट कार्ड के पिन को बार-बार नहीं बदलते हैं। ऐसा न करने पर फ्राड के चांस बढ़ जाते हैं। आपको कुछ टाइम के बाद अपना पिन बदल देना चाहिए.
-आपको महीने में एक बार या फिर हफ्ते में एक बार अपने क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट को चेक करना चाहिए। ऐसे में अगर कोई ट्रांजेक्शन गलत होता है तो आप उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं.
-आपको संदिग्ध वेबसाइट या एप पर अपने कार्ड की जानकारी नहीं देनी चाहिए। आप जब भी किसी एप या वेबसाइट पर अपने कार्ड की जानकारी देते हैं तो उस से पहले आपको उसकी ऑथेंटिसिटी जरूर चेक करनी चाहिए.