वाराणसी (ब्यूरो)। अगर किसी को अचानक कार्डियक अरेस्ट आ जाता है तो ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अब उस व्यक्ति की जान आपके नजदीक के हेल्थ सेंटर पर ही बचाई जा सकती है। इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने तैयारी कर ली है। बनारस के हर हेल्थ सेंटर के डॉक्टर्स, नर्स और सभी हेल्थ वर्कर को सीपीआर की मुकम्मल ट्रेनिंग दी जा रही है। मंडे को सीएमओ ऑफिस में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के सभी ब्लॉक स्तरीय डॉक्टर्स व हेल्थ वर्कर्स को कार्डियोपल्मनरी रिससिटेशन (सीपीआर) विधि के लिए ट्रेनिंग दी गई। इन्हें सीपीआर का सम्पूर्ण प्रशिक्षण राजकीय चिकित्सक व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ। शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने दी। इस दौरान एसीएमओ डॉ। एके मौर्य व चिकित्साधिकारी डॉ। अतुल सिंह भी मौजूद रहे.
50 डॉक्टर व हेल्थ वर्कर हुए प्रशिक्षित
डॉ। शिवशक्ति ने बताया कि जिले में हार्ट अटैक से होने वाली गंभीर समस्याओं को रोकने के लिए सभी जिला चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों पर ईसीजी और थ्रंबोलिसिस की सेवाएं पहले से दी जा रही हैं। इसी कड़ी में सीपीआर का प्रशिक्षण आरबीएसके के अंतर्गत ब्लॉक स्तरीय टीम के लगभग 50 चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया। प्रशिक्षण में सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को बहुत बारीकी से समझाया गया कि सीपीआर कौशल के माध्यम से समय से कार्डियक अरेस्ट पीडि़त व्यक्ति की जान बचाई जा सकती हैं।
लगातार की जानी चाहिए प्रक्रिया
उन्होंने बताया कि बिजली का झटका लगने पर, पानी में डूबने पर या दम घुटने पर जब किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वह सांस न ले पा रहा हो और बेहोश हो जाए तो सीपीआर की मदद से उसकी जान बचाई जा जा सकती है। सीपीआर देने के दौरान दोनों हाथों की मदद से एक मिनट में 100 से 120 बार छाती के बीच में ज़ोर से और तेजी से दबाव डालना होता है। एक-एक दबाव के बाद छाती को वापस अपनी सामान्य स्थिति में आने देना चाहिए। इसके साथ ही 30 बार छाती पर दबाव के उपरांत दो बार मुंह से सांस भी दिया जाता है। यह प्रक्रिया लगातार की जानी चाहिए।
कार्डियक अरेस्ट क्या है
कार्डियक अरेस्ट का मतलब है अचानक दिल का काम करना बंद हो जाना है। यह किसी लंबी या पुरानी बीमारी का हिस्सा नहीं है। इसलिए इसको दिल से जुड़ी बीमारियों में सबसे खतरनाक माना जाता है। लोग अक्सर इसे दिल का दौरा पडऩा (हार्ट अटैक) समझते हैं.
ऐसा होने की वजह
शुगर, हाई ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल, धूम्रपान करना, व्यायाम में कमी, खराब लाइफ़ स्टाइल, तनाव कार्डियक अरेस्ट के मुख्य कारण हैं। इसके अलावा भी कोई अन्य समस्या कार्डियक अरेस्ट होने के की वजह हैं.
लक्षण
जब कार्डियक अरेस्ट आता है तो धड़कनें अचानक बंद हो जाती हैं। वहीं, ब्लड प्रेशर नीचे की ओर गिरने लगता है और दिल के फंक्शन में अनियमितता आ जाती है। नतीजतन शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लड की सप्लाई नहीं हो पाती है। जिसमें व्यक्ति की मौत भी हो जाती है.
उपचार
उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आया है, तो सबसे पहले तो नजदीकी अस्पताल के आपातकालीन नंबर य 108 नंबर पर फोन करके मदद मांगनी है। इसके बाद तुरंत मरीज को सीपीआर देना चाहिए। गौरतलब है कि सीपीआर की मदद से भी मरीज की जान बचाई जा सकती है.
हार्ट अटैक से होने वाली गंभीर समस्याओं को रोकने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। सीपीआर की ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले यह डॉक्टर स्कूल में जाकर 11वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देंगे, जिससे कार्डियक अरेस्ट आने वाले व्यक्ति की जान बचाई जा सके।
डॉ। संदीप चौधरी, सीएमओ