वाराणसी (ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद एक बार फिर कमिश्नरेट पुलिस नए प्लान के साथ जनपद में दिखेगी। नामांकन, वीआईपी मूवमेंट, मतदान, मतगणना के चलते दो महीने तक जनसुनवाई बाधित थी। पुलिस कमिश्नरेट के हेड क्वार्टर में सिर्फ जेसीपी के यहां जनसुनवाई चल रही थी। रोजाना शिकायतकर्ताओं की ज्यादा भीड़ होने के चलते गुणवत्तापूर्ण निस्तारण नहीं हो पाता था। इसी को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने अब सभी एसएचओ की जिम्मेदारी बढ़ा दी है। थानों पर सुबह 10 से 12 बजे तक जनसुनवाई का समय निर्धारित किया है। साथ ही थानों पर मौजूद हेल्प डेस्क को फिर से प्रभावी बनाने, शिकायतकर्ता का बयान, मौके पर जाकर घटना की पड़ताल करने के बाद ही मामले को निस्तारित करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही लंबित विवेचनाओं की समीक्षा कर उनका शीघ्र निस्तारण किया जाए।
थानों पर ही निपटाएं केस
सीपी मोहित अग्रवाल ने शहर के साथ पुलिस कमिश्नरेट में आने वाली भीड़ को कम करने के लिए एक महीने का प्लान तैयार किया है। इसके तहत थानों को मजबूत बनाने का जोर दिया गया है। छोटे से बड़े मामलों को अब थानों पर ही निपटाया जाएगा। इसके लिए एसएचओ को थाना पर प्रतिदिन सुनवाई करनी होगी। इसके साथ ही सड़कों पर ट्रैफिक कंट्रोल भी करना होगा। थानों की 25 फीसद फोर्स मुख्य चौराहों पर मुस्तैद दिखेगी। पुलिस क्राइम कंट्रोल के साथ जाम की समस्या दूर करेगी। शाम को थाना क्षेत्र में एसएचओ फोर्स के साथ पैदल गश्त करेंगे। इस दौरान स्थानीय लोगों और व्यापारियों से संवाद भी करेंगे। वे अपना विजिटिंग कार्ड भी लोगों को देंगे, ताकि जरूरत पडऩे पर आम पब्लिक या व्यापारी एचएचओ से संपर्क कर सकें।
जनसंवाद
- सभी थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित रूप से पैदल गश्त करें.
- पैदल गश्त के दौरान स्थानीय लोगों व व्यापारियों से संवाद स्थापित करें.
- अपना विजिटिंग कार्ड स्थानीय लोगों को दें, जिससे सूचना तंत्र मजबूत हो.
- बिना नंबर गाड़ी, संदिग्ध व्यक्तियों/वाहनों की चेकिंग की जाए.
- जनता से विनम्र व शालीन व्यवहार रखें.
जनशिकायतों का निस्तारण
- सभी राजपत्रित अधिकारी व थाना प्रभारी नियमित सुबह 10 से 12 बजे तक अपने कार्यालयों में बैठें व जनशिकायतों का सुनकर उसका निस्तारण कराएं.
- थानों पर प्रभावी हेल्प डेस्क स्थापित कर दक्ष पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाएं जिनकी 24 घंटे मौजूदगी सुनिश्चित रहे.
- प्रार्थना पत्रों के निस्तारण में शिकायतकर्ता या पीडि़त से वार्ता करें एवं की गई कार्यवाही से उसे अवश्य अवगत कराएं.
- महिला संबंधित शिकायतों को टाल-मटोल न कर संज्ञान में लेकर त्वरित निस्तारण किया जाए.
- बच्चों एवं लड़कियों की गुमशुदगी के मामलों की राजपत्रित अधिकारियों द्वारा नियमित मॉनिटरिंग की जाए.
- कोई भी प्रार्थना पत्र बिना आवेदक का बयान, घटना स्थल का भ्रमण किये बिना निस्तारित नहीं माना जाएगा.
विवेचनाओं का निस्तारण
- लंबित विवेचनाओं की समीक्षा कर उनका शीघ्र निस्तारण किया जाए.
- किसी भी दशा में तीन माह से अधिक समय तक विवेचनाएं लंबित न हो.
- न्यायालय से संबंधित प्रकरण को प्राथमिकता पर रखकर निस्तारित किये जाएं.
अन्य निर्देश
- बीट पुलिसिंग को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए व महिला आरक्षियों को भी बीट आवंटित किए जाएं.
- बीट पुलिस कर्मचारी सप्ताह में दो बार अपने बीट का भ्रमण अवश्य करें.
- पासपोर्ट/चरित्र सत्यापन/लाइसेंस व प्रार्थना पत्रों की जांच करें.
- पुलिस आफिस व थाना परिसर की साफ-सफाई व सौंदर्यीकरण पर नियमित रूप से बल दिया जाए.