वाराणसी (ब्यूरो)। नकली दवा का काला कारोबार करने वाले शहर के करीब 100 नर्सिंग होम ड्रग विभाग के निशाने पर हैं। इन नर्सिंग होम्स की दुकानों से धड़ल्ले से नकली दवा की खरीद और बिक्री की सूचना पर ड्रग विभाग की पैनी नजर है। यही नहीं इन नर्सिंग होम में बल्क में नकली दवा सप्लाई करने वाले करीब शहर के 15 थोक दवा कारोबारी और ट्रांसपोर्टर भी निशाने पर हैैं। ड्रग विभाग ने इनके मोबाइल नंबर, नाम, पता सर्विलांस के माध्यम से टे्रस करवाना शुरू कर दिया है.
बेची जा रही नकली दवाइयां
शहर में नकली दवा की खेप पकड़े जाने के बाद ड्रग विभाग ने इनमें लिप्त लोगों की लगातार जांच में जुटा हुआ है। विभाग के अफसरों की मानें तो जांच के दौरान शहर के कई नर्सिंग होम के नाम भी सामने आ रहे हैं। करीब सौ से अधिक नर्सिंग होम ऐसे हैं जिनके यहां नकली दवा की खरीद और बिक्री की जाने की सूचना आ रही है। ऐसे नर्सिंग होम पर विभाग ने नजर रखना शुरू कर दिया है.
ट्रांसपोर्टर ने मंगाई थी नकली दवा
नकली दवा के कारोबार में सिर्फ कारोबारी लिप्त नहीं बल्कि शहर के कई ट्रांसपोर्टर भी शामिल हैं। ड्रग विभाग ने नकली दवा मंगाने की सूचना पर शहर के नामी ट्रांसपोर्टर के यहां छापा मारा था तो उसने हिमाचल प्रदेश के बद्धी से नकली दवा की खेम मंगा रखी थी लेकिन जब उसको पता चला कि ड्रग विभाग की टीम आने वाली है तो उसने दवा को आनन-फानन में बद्धी वापस भेज दिया। फिलहाल विभाग ने उस पर नजर रखना शुरू कर दिया है। इसके अलावा एक दर्जन ट्रांसपोर्टरों के नाम और नंबर विभाग ने सर्विलांस के माध्यम से ट्रेस कराना शुरू कर दिया है.
नहीं मान रहे ट्रांसपोर्टर और कारोबारी
शहर में नकली दवा का कारोबार करने वाले कारोबारी मान नहीं रहे। ट्रांसपोर्टर के जरिए अभी भी वह बद्धी से माल मंगवा रहे हैं। विभाग ने ऐसे ट्रांसपोर्टर और कारोबारी पर नजर रखना शुरू कर दिया है। दवा का थोक कारोबार करने वाले करीब 15 कारोबारी का विभाग ने नाम, पता और मोबाइल नंबर ट्रेस करवाना शुरू कर दिया है। इन कारोबारियों ने ट्रांसपोर्टर से माल मंगवाकर सप्लायर्स से नर्सिंग होम में नकली दवा को भेजा था.
सप्लायर्स की जांच में हुआ खुलासा
ड्रग विभाग के अफसरों की मानें तो नकली दवा में शामिल सप्लायर्स से पूछताछ की गई तो शहर के करीब 15 थोक कारोबारी के नाम सामने आ रहे हैं। इन कारोबारियों ने बद्धी से बल्क में नकली दवा ट्रांसपोर्ट के जरिए मंगवाकर सप्लायर्स के माध्यम से शहर व आसपास के नर्सिंग होम में सप्लाई करते थे। एक हफ्ता पहले सिंधोरा और लंका में जांच की गई दवा तो नहीं मिला लेकिन दवा से संबंधित कागजात मिले थे। इस आधार पर विभाग ने शहर के करीब सौ नर्सिंग होम पर नजर रखना शुरू कर दिया है। कहां से इन नर्सिंग होम में दवा आ रही है। कौन सप्लाई कर रहा है। किन-किन मरीजों को दवा दी जा रही है, इनके बारे में ड्रग विभाग ने सूचना जुटाना शुरू कर दिया है.
शहर में नकली दवा का कारोबार रुक नहीं रहा है। अभी साढ़े सात करोड़ की पकड़ी दवा की जांच चल रही है। इसमें शामिल डिलीवरी ब्वाय से पूछताछ में शहर के नर्सिंग होम, 15 थोक कारोबारी भी शामिल होना बताया जा रहा है। इन सभी के नाम, पता और मोबाइल नंबर को ट्रेस करवाया जा रहा है.
अमित कुमार बंसल, ड्रग इंस्पेक्टर