वाराणसी (ब्यूरो)। सीबीएसई, सीआईएससीई और यूपी बोर्ड के एग्जाम का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। अक्सर देखा जाता है कि जब बोर्ड एग्जाम करीब आते हैं तो स्टूडेंटस इसको फोबिया की तरह लेने लगते है। अब जब कि लगभग दो माह दन बाद एग्जाम शुरू होने हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को चाहिए कि वह प्रेशर को इग्नोर कर पेशेस और खुद पर विश्वास रखकर जो भी पढ़ा है, उसकी तैयारी करें। अब जितना भी समय बचा है उसका पॉजिटिव यूज करें। बस पेशेंस के साथ प्रिपरेशन करे निश्चित ही अच्छे मार्क्स आएंगे। यह कहना हैं एजुकेशन एक्सपर्ट और साइकोलॉजिस्ट का। इन्होंने स्टूडेंट को अच्छे नंबर लाने के टिप्स दिए।
गार्जियन का सपोर्ट मिलने पर कम होता है प्रेशर
बोर्ड एग्जाम बेहद करीब हैं, या यू कहें कि बच्चों के पास अब बहुत ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में इस समय पेरेंट्स को भी इनवॉल्व होना होगा। उन्हें बच्चों के हर स्टोन पर ध्यान देना होगा, उनकी जरूरतों को बिना नाराज हुए पूरा करना चाहिए, बच्चों को गार्जियन का सपोर्ट मिलने पर बच्चे से काफी हद तक बोर्ड एग्जाम का प्रेशर कम हो जाता है। क्योंकि स्कूल जो सपोर्ट करता है वो तो है कि लेकिन बच्चों को पैरेंट्स के मोरल सपोर्ट की भी जरूर होती है। इसके साथ ही बच्चों के खान पान पर भी ध्यान देना होगा। यह भी ध्यान रखें कि एग्जाम के समय बच्चे बीमार ना पड़े। बीमारी से चीकनेस आती है, जिससे दिमाग भी चीक हो जाता है, याद करने की क्षमता भी कम हो जाती है.
परवीन कैशर-प्रिंसिपल, सनबीम लहरतारा
टारगेट बेस पढ़ाई करनी होगी
बोर्ड एग्जाम देने वाले बच्चों के पास अब जो समय बचा है, उसमें से कुछ समय प्रैक्टिकल में निकल जाएंगे, ऐसे में इस समय बच्चों को टारगेट बेस पढ़ाई करनी होगी। प्लानिंग करनी होगी। टाइम टेबल सेट करना होगा और लक्ष्य भी। साथ कोर सब्जेक्ट पर फोकस करना होगा। हर दिन एक टारगेट बनाकर पढऩे बैठना होगा कि आज मुझे इस चैप्टर को इतने समय पर खत्म करना है। खास तौर से मैथ्स के स्टूडेंट को कैलकुलस पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि एग्जाम में कैलकुलस का पार्ट करीब 34 नंबर का पूछा जाएगा। कई ऐसे स्टूडेंट्स भी है जिन्होंने दो माह में ही बोर्ड एजाम में बड़ा स्कोर अर्जित किया है। इसलिए इस अवधि में कोई भी स्टूडेंट अच्छे से प्रिपरेशन करे तो वह भी अच्छा स्कोर कर सकता है। स्टूडेंट को प्री बोर्ड एएग्जाम की कॉपियां और टेस्ट पेपर अवेतबल कराया जा रहा है। अगर स्टूडेंट आंसर बुक की गलतियां सुधार ले और टेस्ट पेपर से तैयारी करें तो उनके जरूर अच्छे नंबर आएंगे।
अनिल गुप्ता, प्रिंसिपल, सृजन पब्लिक स्कूल
बच्चों में वीक होने का फील न आने दे
बोर्ड एग्जाम का प्रेशर बच्चे जरूर लें लेकिन इतना नहीं कि वह डिरेल हो जाएं, किसी सब्जेक्ट पर उनकी अच्छी पकड़ नहीं है तो परेशान ना हों। वह उस विषय पर अधिक ध्यान दें जो उन्हें अच्छा लग रहा हो, उससे अच्छा स्कोर करने का प्रयास करें, बोर्ड एग्जाम के तुरंत बाद ही कॉम्पेटेटिव एग्जाम भी होने हैं। ज्यादातर बच्चे यहीं चाहते हैं कि 12 वीं के बाद उनका साल बर्बाद ना हो, वह पहले ही अटेंप्ट में अपना गोल अचीव कर लें, स्कूल के लिए जरूरी है कि उनके पास इस समय कोई कमजोर बच्चा भी क्योरी लेकर आता है तो उसको अच्छे से समझाएं, कहीं से भी यह फील ना आने दें वह वीक है।
डॉ। अपर्णा सिंह, साइकोलॉजिस्ट
हेल्थ और डाइट पर रहे ध्यान
एक्सपर्ट का कहना है कि सभी बच्चों की तैयारी का लेवल अलग-अलग होता है, उसी हिसाब से तैयारी करनी होगी, किसी से भी खुद को कंपेयर करने को जरूरत नहीं है। इधर प्रैक्टिकल एग्जाम होने हैं, अगर आप अच्छे तैयारी के साथ प्रैक्टिकल देते हैं तो कहीं ना कहीं इसका फायदा थ्योरी में भी जरूर मिलेगा इस समय जब रोट लर्निंग खत्म हो चुकी है तब बहुत जरूरी है कि बच्चों को इनडेब्य नॉलेज हो। पेरेंट्स के साथ ही बच्चों को खुद भी अपनी डाइट और हेल्थ पर ध्यान देने दे।