वाराणसी (ब्यूरो)शहर की 30 फैक्ट्रियां गंगा में जहर घोल रही हैैंदरअसल, इन फैक्ट्रियों का दूषित पानी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सीवर के जरिए गंगा में गिर रहा हैइनमें भदोही, रामनगर और चांदपुर की फैक्ट्रियां शामिल हैंइन फैक्ट्रियों से साडिय़ों की डाइंग होती है, जिसका पानी बहाया जा रहा हैपॉल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इन फैक्ट्रियों को नोटिस जारी किया है.

क्वार्टली वाटर का सैंपल

पॉल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट क्वार्टली वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का सैंपल लेता हैइसमें भदोही की वाटर पाल्यूटिंग फैक्ट्री के अलावा रामनगर और चांदपुर की फैक्ट्रियों के सैंपल लिए जाते हैैंइसके बाद अगर वाटर में कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है तो नोटिस भेजा जाता हैवाराणसी मंडल में करीब ऐसे करीब 30 से अधिक फैक्ट्रियां हैं, जिनके यहां से दूषित पानी के शोधन के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.

बिना ईटीपी चला रहे फैक्ट्री

भदोही, गाजीपुर के अलावा शहर के आसपास के क्षेत्र में कई ऐसी फैक्ट्रियां हैं, जो बिना ईटीपी चल रही हैैंवहीं पाल्यूशन डिपार्टमेंट का कहना है कि वाटर पाल्यूंिटंग फैक्ट्रियों में ईटीपी यानी इक्वीपमेंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाना जरूरी हैइसके बाद दूषित जल का शोधन संभव ही नहीं हैभदोही में तो कई कालीन और साड़ी की ऐसी फैक्ट्रियां हैैं, जहां डाइंग का काम होता हैइसके बाद दूषित जल को सीधे सीवर में बहा दिया जाता हैदूषित जल के शुद्धिकरण के लिए ईटीपी नहीं लगाए गए हैैं.

30 फैक्ट्रियां टारगेट पर

पॉल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट की मानें तो भदोही की 15, गाजीपुर की 10, रामनगर की 5 और चांदपुर की 5 फैक्ट्रियां शामिल हैंइनके यहां जल शोधन की व्यवस्था नहीं हैइन फैक्ट्रियां का दूषित जल सीधे सीवर के जरिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से गंगा में गिर रहा हैदूषित जल को शोधन के लिए डिपार्टमेंट ने सभी फैक्ट्री मालिकों को हिदायत भी दी है कि जल्द से जल्द ईटीपी की व्यवस्था कर लें, नहीं तो फैक्ट्री को सीज कर दिया जाएगा.

15 दिन का मिलता है टाइम

जिन फैक्ट्रियों ने ईटीपी नहीं लगाया है और बिना इसके ही वाटर पाल्यूटिंग का कार्य कर रहे हैंऐसे फैक्ट्रियों को पॉल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट नोटिस देने के बाद 15 दिन का समय देता है। 15 दिनों के अंदर ईटीपी नहीं लगवाते हैं तो फैक्ट्री को सीज कर दिया जाता हैकई फैक्ट्रियों को डिपार्टमेंट ने सीज भी कर दिया हैअब खुलवाने के लिए फैक्ट्री संचालक काफी परेशान है.

नोटिस के बाद मचा हड़कंप

नोटिस मिलने के बाद फैक्ट्री मालिकों में हड़कंप मच गया हैकई नोटिस का जवाब न देने पर पाल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट कार्रवाई की तैयारी में हैवाटर पाल्यूटिंग फैक्ट्रियों में ज्यादातर पानी का कार्य होता हैफैक्ट्री में जल शोधन के लिए सीटीपी या फिर ईटीपी लगाने के बाद में कार्य करना चाहिएऐसा कहना है पाल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट का.

अवैध फैक्ट्रियों में इस तरह के काम अधिक होते हैंऐसे फैक्ट्रियों को नोटिस जारी किया गया हैइसके बाद भी नहीं मानते हंै तो सीज की कार्रवाई की जाती है.

एसके पांडेय, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी