वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में एनआईए की ओर से हुई छापेमारी की कार्रवाई में देश विरोधी गतिविधियों के साक्ष्य मिले हैं। छात्रों के सहारे प्रतिबंधित संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए सीपीआई (माओवादी) के नेताओं, कैडरों की संलिप्तता भी सामने आई है। एनआईए की टीम इन नेताओं और संदिग्धों की सूची तैयार कर रही है। इसके अलावा 50 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट द्वारा लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काया जा रहा है। इसमें अधिकतर अकाउंट पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्यों में सक्रिय संगठनों से जुड़े हैं। इन अकाउंट से सरकार विरोधी बयान जारी कर लोगों को भड़काने की साजिश में माओवादी नेता शामिल हैं।
कई के खिलाफ कार्रवाई
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को वाराणसी और आजमगढ़ समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में छापे मारकर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए सीपीआई (माओवादी) के नेताओं व कैडरों आदि के खिलाफ कार्रवाई की। एनआईए ने बुधवार को विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जांच से संकेत मिलता है कि कई फ्र ंटल संगठनों और छात्र विंगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेडऩे के लिए प्रेरित करने, भर्ती करने और सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार करने का काम सौंपा गया है.
आठ जिलों में छापेमारी
वे इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आतंक और हिंसा की साजिश रच रहे थे। छापेमारी के दौरान सिम कार्ड, नक्सली साहित्य, किताबें, पर्चे, पॉकेट डायरी, धन रसीद किताबें और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों के साथ-साथ मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क और मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल उपकरण भी जब्त किए। वाराणसी समेत आठ जिलों में आरोपियों और संदिग्धों के परिसरों पर छापेमारी की गई।
नेतृत्व कर रहा प्रमोद मिश्रा
एनआईए की जांच से यह भी पता चला है कि प्रमोद मिश्रा आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में सीपीआई (माओवादी) के कैडरों और समर्थकों/ ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यूएस) का नेतृत्व कर रहा था। पिछले महीने बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था। रोहित से पूछताछ के बाद राज्य पुलिस को सीपीआई (माओवादी) के सीसी सदस्य और एनआरबी (उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो) के प्रभारी प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी तक ले जाया गया। इन गिरफ्तारियों के बाद राज्य पुलिस ने हथियार, गोला-बारूद और एक बंदूक फैक्ट्री जब्त की थी।
इन पर हुई थी कार्रवाई
मामले के संबंध में एनआईए द्वारा पहले दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी मनीष आजाद, रितेश विद्यार्थी और उनके सहयोगियों विश्वविजय, सीमा आजाद पत्नी विश्वविजय, अमिता शिरीन का नाम शामिल था। मनीष आजाद, कृपा शंकर, सोनी आजाद, रितेश विद्यार्थी, आकांक्षा आजाद और राजेश आजाद कुछ प्रमुख आरोपी सीपीआई (माओवादी) के पुनरुद्धार प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
10 सदस्यों पर केस
एनआईए ने प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, देवरिया और आजमगढ़ जिलों में आठ स्थानों पर आरोपियों और संदिग्धों पर छापेमारी में बड़ी सफलता पाई है। एनआईए ने मनीष आजाद और रितेश विद्यार्थी के साथ-साथ उनके सहयोगियों विश्वविजय, सीमा आजाद के खिलाफ पहले ही केस दर्ज कर रखा है। वहीं वाराणसी में छात्र संगठन के बहाने गतिविधियों को गति के साक्ष्य भी बटोरे, शामिल लोगों की सूची भी तैयार की है.
दस लोगों पर कार्रवाई
एनआईए की ओर से सीपीआई (माओवादी) के पुनरुद्धार के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए काम करने वाले प्रमुख आरोपियों के खिलाफ पहले भी केस दर्ज किया जा चुका है। इसमें मनीष आजाद और रितेश विद्यार्थी के साथ-साथ उनके सहयोगियों विश्वविजय, सीमा आजाद का भी नाम शामिल था। इसके अलावा मनीष आजाद, कृपा शंकर, सोनी आजाद, रितेश विद्यार्थी, आकांक्षा आजाद और राजेश आजाद सक्रियता से शामिल हैं, इसके खिलाफ भी योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई चल रही है.