वाराणसी (ब्यूरो)। काशी के टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमी और बुनकरों के लिए अच्छी खबर है। पूर्वांचल के टेक्सटाइल्स इंडस्ट्रीज को नई ऊंचाई मिलने वाली है, क्योंकि यहां कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) बनकर तैयार हो गया है। इस सीएफसी के संचालन से एक छत के नीचे बेहतरीन डिजाइन व गुणवत्ता युक्त एक्सपोर्ट स्तर की साड़ी, सूट व अन्य कपड़ों पर प्रिंटिंग हो सकेगी, जिससे पूर्वांचल के टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री से जुड़े व्यापारियों को मुनाफा होगा और पूर्वांचल के लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। सीएफसी के शुरू होने से टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री के निर्यात में काफी फायदा होने की उम्मीद है.
बनारसी साड़ी सबकी पसंद
बनारसी साड़ी पूरी दुनिया की पसंद है। अब बनारसी कपड़ा उद्योग को एक छत के नीचे वह सभी सुविधा मिलेगी, जिसके लिए उन्हें पहले अलग-अलग भटकना पड़ता था। एसपीवी मॉडल पर बने कॉमन फैसिलिटी सेंटर की निदेशक नमिता भुरारिया व सारिका ड्रोलिया ने बताया कि सीएफसी (कॉमन फैसिलिटी सेंटर) का निर्माण पूर्ण हो चुका है। अप्रैल में ट्रायल रन के बाद अक्षय तृतीया से इसे संचालित करने की योजना है। यहां डिजिटल और ऑटोमेटेड स्क्रीन पेंटिंग की सुविधा होगी.
बाजार रेट से सस्ता
यहां कम समय में अधिक व लेटेस्ट डिजाइन की साडिय़ों की प्रिंटिंग होगी। यह कार्य अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता पूर्ण होगा। इस सेंटर पर कोई भी उद्यमी साड़ी, सूट व अन्य कपड़ों पर अत्याधुनिक ऑटोमेटेड स्क्रीन प्रिंटिंग के अलावा बुने हुए कपड़े पर काम करा सकता है, जो बाजार से लगभग 30 से 40 प्रतिशत सस्ता होगा। यहां रिसर्च एंड डेवलपमेंट, पैकेजिंग आदि की इंटरनेशनल मार्केट के अनुरूप सुविधा होगा। सीएफसी में डिजाइन बैंक भी होगा। इसके संचालित होने से पूर्वांचल के युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। यहां से बड़ी तादाद में निर्यात भी होता है.
नो प्रॉफिट, नो लॉस
सीडीओ हिमांशु नागपाल ने बताया कि जगतपुर में तीन फ्लोर के बने इस प्रोजेक्ट की लागत 9.74 करोड़ है। इसमें राज्य सरकार ने 90 प्रतिशत बजट खर्च किया है। ये यूनिट नो प्रॉफिट, नो लॉस पर काम करेगी, जिसका असर बनारसी साडिय़ों के दाम पर भी दिखेगा। जो छोटे एक्सपोर्टर व अन्य व्यापारी महंगी मशीन नहीं लगा सकते। उनके व्यापार के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर काफी मददगार साबित होगा। इस परियोजना से अनुमानत: 2000 बुनकर व उद्यमी लाभान्वित होंगे.
फैक्ट एंड फीगर
9.74 करोड़ है तीन फ्लोर के बने इस प्रोजेक्ट की लागत
90 प्रतिशत बजट खर्च किया है राज्य सरकार ने
2000 बुनकर व उद्यमी परियोजना से लाभान्वित होंगे