वाराणसी (ब्यूरो)। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद वाराणसी में टूरिस्ट्स की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यहां देशी-विदेशी टूरिस्ट इसके दीदार के लिए आ रहे हैैं। साथ ही दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के लिए भी लंबी लाइन लग रही है। लेकिन, टूरिस्ट्स को ठगने के लिए टप्पेबाज भी मिल जा रहे हैैं। यहां गंगा आरती दिखाने के नाम पर कमीशन का खेल चल रहा है। टूरिस्ट्स को ऑटो चालक और नाव वाले मिलकर लूट रहे हैैं। इसकी सूचना पर जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने रियलिटी चेक किया तो चौंकाने वाला सच सामने आया। दरअसल, कैंट से आटो चालक टूरिस्ट्स को गंगा आरती दिखाने के नाम पर दशाश्वमेध की जगह तेलियाना घाट ले जा रहे हैैं। यहां पर उनका नाव वालों से कमीशन फिक्स है। इस दौरान टूरिस्ट्स से आटो चालक की बहस भी हो रही है। साथ ही शिकायत भी दर्ज हो रही है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल रहा है.
सीन-1
बंगाल से मोहन बनर्जी का परिवार मंगलवार को वाराणसी आया हुआ था। कैंट रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद उन्होंने आटो किया और दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखने के लिए कहा। आटो वाले ने उन्हें दशाश्वमेध घाट के नाम पर बिठा लिया, लेकिन तेलियाना घाट पर छोड़ दिया। इसके बाद आटो चालक व बनर्जी फैमिली के बीच विवाद शुरू हो गया। उनका कहना था कि गंगा आरती के नाम पर उन्होंने आटो बुक किया था, लेकिन उन्हें अब नाव से जाना पड़ेगा। समय बीतता देख उन्हें मजबूरी में वहां से नाव से ही निकलना पड़ा.
सीन-2
अयोध्या से वाराणसी घूमने आए दंपती ने कैंट से कालभैरव मंदिर जाने के लिए ऑटो की। मंदिर में दर्शन करने के बाद जब वह दशाश्वमेध घाट में जाने के लिए ऑटो की तो वह उन्हें तेलियाना घाट लेकर चले गए। और बोले कि यहीं आरती होगी शाम को। तब तक आप लोग नाव में बैठ लीजिए। नाव में घूमने के बाद जब आरती देर रात तक नहीं हुई तो उन्होंने आसपास के लोगों से पता लगाया। तब उन्हें पता चला ये तो वो घाट हैै ही नहीं, जहां उन्हें जाना था.
स्टेशन पर रहती नजर
स्टेशन पर उतरने वाले सभी टूरिस्टों पर ऑटो वालों की नजर होती है। यह टूरिस्टों को यह कहकर बैठाते हैं कि दशाश्वमेध घाट में आरती दिखाने लेकर जाएंगे और लेकर जाते है तेलियाना घाट। जानकारी न होने के कारण यात्री इनको उतना किराया दे देते हैं जितना ऑटो वाले मांगते हैं। ज्यादा किराया लेकर तो यह टूरिस्ट को लूटते ही हैं। साथ ही दशाश्वमेध घाट की आरती दिखाने को बोलकर लेकर जाते हैं तेलियाना घाट। नाव वालों से भी इन्हें कमीशन मिलता है। नाव वाले इन टूरिस्टों से ज्यादा पैसे लेकर नाव में बैठा देते हैैं। वहीं जब यात्रियों को पता चलता है कि यह दशाश्वमेध घाट नहीं है तब तक देर हो चुकी होती है और यह ऑटो वाले वहां से फरार हो गए होते हैैं.
ठगी का चल रहा खेल
सिर्फ स्टेशन पर ही नहीं इन ऑटो वालों की नजर बनारस के कई बड़े मंदिरों में होती है। काशी विश्वनाथ, काल भैरव मंदिर, संकट मोचन मंदिर, तुलसी मानस मंदिर, दुर्गाकुंड मंदिर और भी बनारस के कई बड़े मंदिरों से यह ठग यात्रियों को झूठ बोलकर अपने ऑटो में बैठाते हैं और गलत जगह छोड़कर भाग लेते हैं। ठग सबसे ज्यादा काल भैरव मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर से ही यात्रियों को अपने ऑटो में बैठाते हैैं.
दो माह में डेढ़ करोड़ पर्यटक पहुंचे काशी
काशी के विकास के द्वार खुलने के साथ ही सात समंदर पार से विदेशी मेहमानों के यहां आगमन का रिकॉर्ड बन रहा है। वर्ष 2023 में 8.54 करोड़ से अधिक देशी विदेशी पर्यटक काशी आए, जबकि 2024 के पहले ही दो महीने में 1,54,12,876 पर्यटक काशी की यात्रा कर चुके हैं.
दो लाख फॉरेनर
वर्ष 2023 में 8.54 करोड़ पर्यटक वाराणसी आये थे। इसमें 852.72 लाख भारतीय और 2.01 लाख विदेशी पर्यटक थे, जबकि 2024 के पहले ही दो महीने में पर्यटकों की आमद काफी अच्छी रही। 2024 के जनवरी तथा फरवरी में ही 1,54,12,876 घरेलू और विदेशी पर्यटकों की आमद हुई। इसमें 63 हजार विदेशी सैलानी थे। पर्यटकों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए अनुमान है कि वर्ष 2024 में पर्यटन उद्योग नया कीर्तिमान स्थापित करेगा.
इस तरह चल रहा खेल
कैंट रेलवे स्टेशन से दशाश्वमेध घाट के नाम पर आटो चालक टूरिस्ट से 500 रुपये लेते हैैं। लेकिन, दशाश्वमेध घाट के बजाय तेलियाना घाट पर ले जाते हैैं। सूत्रों के मुताबिक नाव संचालक टूरिस्ट से गंगा आरती के नाम पर उनसे 1500 रुपये लेते हैैं, जिसमें 50 परसेंट कमीशन आटो चालकों का रहता है। ऐसे में टूरिस्ट आसानी से ठगे जाते हैैं.
यह है रूट
कैंट रेलवे स्टेशन से दशाश्वमेध घाट जाने के लिए तीन रूट हैैं। इसमें सबसे पहला लहुराबीर, बेनियाबाग होते हुए गिरिजाघर चौराहा तक आटो वाले जाते हैैं। दूसरा रथयात्रा, लक्सा होते हुए गिरिजाघर चौराहा है। तीसरा मैदागिन के रास्ते दशाश्वमेध घाट तक जा सकते हैैं.
एक महीने में 18 ठगी
बनारस में आस्था के नाम पर ठगी इतनी बढ़ गई है कि मात्र एक महीने में बनारस में 18 से 20 ठगी के केस पुलिस स्टेशन पर दर्ज किए जा चुके हैं। इसमें दर्शन कराने से लेकर गलत स्थान पर छोडऩे तक के केस दर्ज हैं। इसके अलावा कई मामलों में लोग बहस करने के बाद कंप्लेन नहीं दर्ज कराते हैैं। ठगी के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में बाहर से आए लोगों के साथ मुसीबत बनी हुई हैै.
टूरिस्ट प्लेस पर यह बरतें सावधानी
-बनारस आने के लिए सोच रहे हैं तो पहले ही होटल ऑनलाइन बुक करा लें.
-अपने लिए एक गाइडर जरूर हायर कर लें, क्योंकि टूरिस्ट समझकर आपके साथ कोई फ्रॉड भी कर सकता है.
-टूरिस्ट पैकेज बुक करें। इससे आपको बनारस में खुद से गाड़ी नहीं करनी होगी.
-खरीदारी करते समय सावधानी बरतें, क्योंकि कई जगह नकली बनारसी साडिय़ां भी मिलती हंै.
-इसके अलावा ई-बस की भी सुविधा है, जोकि मात्र 20 रुपये में ही गिरिजाघर चौराहा तक जाता है.
वाराणसी आने वाले पर्यटकों के साथ किसी प्रकार की घटना घटित न हो, पर्यटन के दृष्टिगत महत्वपूर्ण मंदिर। घाटों व बाजारों में भीड़ की आड़ में अपराध कारित करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी.
मोहित अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर