वाराणसी (ब्यूरो)। बाप बड़ा ना भईया सबसे बड़ा रूपईयायह कहावत इन दिनों एकदम सटिक साबित हो रहा है। गुलाबी नोट खपाने के लिए लोग क्या-क्या हथकंडे अपना रहे है। यकिन न हो तो आप बैंक जाकर देख सकते है। पिछले एक हफ्ते के अंदर सौ ऐसे एकाउंट को खोले गए है जो पिछले चार सालों से बंद पड़े थे। इन खातों को अपडेट करने के लिए कोई अपने दादा, तो कोई चाचा, ताऊ तो कोई मामा को लेकर पहुंचा था। खाते इसलिए अपडेट किए गए वह भी सिर्फ दो हजार नोट जमा करने के लिए। नोट भुनाने के चक्कर में लोग यह भूल जा रहे है कि हर एक दो हजारा जो आप बैंकों में जमा कर रहे है उस पर आयकर की पैनी नजर है। सभी का हिसाब-किताब के साथ लेखा-जोखा देना पड़ेगा, अभी नहीं तो छह महीने बाद।
जनाब कर लीजिए अभी नोट जमा
30 सितंबर के बाद दो हजार का नोट चलन से बाहर हो जाने की सूचना पर पिछले दस दिनों के अंदर बैंकों में गहमा-गहमी बढ़ गयी है। हर कोई दो हजार का नोट लिए बैंक पहुंच रहा है। सभी की यही इच्छा है कि चाहे जैसे दो हजार का नोट भुन जाए, बाद में जो होगा देखा जाएगा। इसको लेकर बैंकों में ऐसा कोई दिन भी नहीं हो रहा है जब ग्राहक नोट जमा करने न जा रहे हो।
खुल गए चार साल पुराने खाते
बैंकिंग से जुडे लोगों की मानें दो हजार के नोट को लेकर लोगों मे गजब की लालच देखने को मिल रही है। चार साल से बंद पड़े खाते भी खोले जा रहे है। राष्ट्रीयकृत बैंकों में इन दिनों बंद खाते को खोलने के लिए धड़ाधड़ केवाईसी अपडेट किए जा रहे है। आधार, पैन से लेकर नाम, पता सबकुछ वेरिफाई किया जा रहा है।
सौ से अधिक खाते हुए ओपन
फिलहाल बैंक के अफसरों की मानें तो जब से दो हजार के नोट चलन से बाहर होने की सूचना फैली है तब से लेकर अब तक सौ से अधिक खाते खोले जा चुके है। इन खातों को खोलने के लिए सिर्फ केवाईसी अपडेट करना पड़ रहा है। जबकि नए खाते खोलने के लिए उसमें 3 हजार से लेकर 5 हजार रुपए जमा करना पड़ता है। इससे बचने के लिए कस्टमर्स पुराने खाते ही खुलवा रहे है.
खाता चाचा का, पैसा जमा किया भतीजे ने
बैंक अफसरों की मानें तो कई खाते ऐसे थे जो चाचा, ताऊ, मामा, दादा के नाम पर थे, उसे खुलवाने के लिए उनके भतीजे, भाई, पोता अपने दादा को लेकर खुद आए थे। खातो को अपडेट करने वाले भी इतने दिन बाद देखकर चौंक गए कि अचानक बैंक में किस लिए आए है। जब उन्हें पता चला कि पुराने खाते को खोलने के लिए आए तो समझ आया कि दो हजार का नोट खपाने आए है।
ध्यान रखे कस्टमर्स, आधार से पैन है लिंक
दो हजार का नोट जमा करने में इतना अधिक मशगूल हो चुके है कि ज्यादातर कस्टमर्स को यह भी नहीं पता है कि आधार पैन से लिंक हो चुके है। यानि जितना भी रुपया आपने पुराने खाते खुलवाकर जमा किए सभी का हिसाब आज नहीं तो छह महीना बाद आयकर विभाग को देना होगा। आधार से पैन लिंक हो जाने की वजह से सभी का ब्यौरा आयकर के पास पहुंच रहा है.
बैंकों पर आयकर की नजर
आयकर विभाग के अफसरों की मानें तो जिन खातों में नोट जमा हो रहे है या फिर नोट जमा करने के लिए पुराने खाते खोले जा रहे है सभी का ब्यौरा आयकर के पास अपडेट हो रहा है। आधार से लिंक होने के बाद किन खातों में कितना रुपया जमा हो रहा है उसकी इन्फार्मेशन मिल रही है। इसके अलावा सभी बैंकों को भी कहा गया है कि नए खाते कितने खुले और पुराने खाते कितना अपडेट हुए सभी इन्फार्मेशन देते रहे.
खातों पर तो आयकर की नजर हमेशा से रहती है। इन दिनों और अधिक बढ़ गयी है। क्योंकि लोग दो हजार की नोट जमा करने के लिए पुराने खातों की केवाईसी अपडेट करा रहे है.
शिखा दरबारी, प्रिसिंपल कमिश्नर, इन्कम टैक्स
पुराने खाते को फिर से केवाईसी अपडेट कर खोला जा रहा है। दो हजार का नोट जमा करने के लिए बैंकों में भीड़ गयी है। दो हजार का नोट जमा करने के लिए खातों को अपडेट किया जा रहा है.
प्रभात कुमार, एलडीएम