बारिश के पहले नगर निगम लाख दावा भले ही कर ले कि शहर की सीवर लाइन की सफाई कर दी गई है, लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और है। दरअसल, जलकल विभाग ने 12 सौ किमी में फैली सीवर लाइन में से सिर्फ 57 किमी सीवर लाइन की सफाई हुई है। जब बारिश शुरू होगी तो मुहल्ले, कालोनियों का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। कई मुहल्लों के हालात यह हैं कि थोड़ा सी बारिश हो जाए तो सीवर का पानी घरों में घुस जाएगा। जब शहर का यह हाल है तो सोचिए नए बने वार्डों का क्या हाल होगा, जहां न सीवर लाइन है और न ही पानी निकासी की व्यवस्था। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने डूबेगा या बचेगा अभियान के तहत मुहल्लों व नए वार्डों में पड़ताल की तो शहर की सीवर व्यवस्था बेहाल नजर आई.
दर्जनों मुहल्ले का सीवर जाम
आदमपुर क्षेत्र के दर्जनों मुहल्ले ऐसे हैैं, जहां का सीवर चोक है। ऐसे में दूषित जल घरों की नलों से आ रहा है। यहीं नहीं भारद्वाजी टोला, पठानी टोला में तो कीड़ा वाला पानी आ रहा है। यहां के पार्षद बबलू शाह ने सीवर की सफाई के लिए कई बार विभाग से कहा लेकिन सतही तौर पर सफाई कर दिया है। इसके बाद भी सीवर ओवरफ्लो हो रहा है.
नेवादा में नहीं हुई सफाई
नेवादा सुंदरपुर में सीवर का बुरा हाल है। सीवर की सफाई की समुचित व्यवस्था न होने से सीवर का पानी सड़क पर बह रहा है। इसी सीवरयुक्त पानी में से लोग आने-जाने को मजबूर हैं। फिलहाल लोगों का कहना है कि बारिश के पहले यह हाल है तो बारिश होगी तो क्या हाल होगा। नगर निगम से कई बार सीवर सफाई के लिए कहा गया, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। सीवर ओवरफ्लो होने से सीवर का ढक्कन भी टूट चुका है.
कई वार्डों में सीवर व्यवस्था ध्वस्त
दारानगर के मुनीमी स्कूल गली में सीवर व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। वहां पर जो नलकूप लगाया गया, वह बंद पड़ा है। इसके चलते पानी की समस्या बनी हुई है। सीवर की सफाई भी प्रॉपर तरीके से न होने से हमेशा नाली जाम रहता है, जबकि अभी बारिश शुरू नहीं हुई है। बारिश के दिनों में तो सीवर का पानी घरों में घुस जाएगा.
नए वार्डों में सीवर की व्यवस्था ही नहीं
शहर के विस्तारीकरण के बाद जो नए वार्ड बने हैैं, वहां पर तो न सीवर की लाइन बिछाई गई है न ही जल निकासी व्यवस्था है। ऐसे में इन वार्ड के कई मुहल्ले बारिश के दिनों में जलमग्न हो जाते हैं। इन मुहल्ले के लोगों का कहना है कि नए वार्ड तो बना दिया गया है लेकिन सीवर लाइन नहीं बिछाया गया तो रहना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि नालियां पूरी तरह से चोक हो चुकी है। सील्ट से भरा पड़ा है.
कालोनी की नालियां जाम
सुंदरपुर, नेवादा, शिवपुर, तरना्र, सिंधोरा, बसही, खुशहालनगर, नटिनियादाई समेत जो नए वार्ड बनाए गए वहां के कालोनियों का बुरा हाल है। नालियों में सील्ट भरी पड़ी है। थोड़ी सी भी बारिश हो जाए तो कालोनी में पानी भरना तय है।
भीतरी महाल में सीवर की समस्या
भीतरी महाल चौखंभा, रेशम कटरा, गायघाट, राजमंदिर, जतनबर, चौखंभा, लक्खी चबूतरा समेत दर्जनों मुहल्ले ऐसे है जहां सीवर की सफाई ही नहीं की गयी है। इन मुहल्ले के लोगों का कहना है कि सिर्फ झाड़ू लगाया जाता है सीवर की सफाई किए कई साल हो गए।
सीवर जाम की समस्या
जलकल विभाग के अफसरों को कहना है कि शहर में फैली करीब 12 सौ किलोमीटर सीवर लाइन में करीब 57 किलोमीटर सीवर लाइन की सफाई की गयी है। इन क्षेत्रों में सीवर जाम होने की समस्या सबसे अधिक रहती है। अंधरापुल के पास पानी लगता है वहां पर सफाई की गयी इसके अलावा, नई सड़क, गोदौलिया, रविन्द्रपुरी, सामनेघाट, तेलियाबाग समेत कई मुहल्ले के सीवर की सफाई की गई.
नेवादा, सुंदरपुर में सीवर की समस्या काफी विकराल है। सीवर का पानी सड़कों पर फैला हुआ है। इसी सीवरयुक्त पानी में से लोग आने-जाने को मजबूर हैं.
सतीश कुमार, नेवादा
सीवर की समस्या से कई जलकल, नगर निगम के अफसरों से अवगत कराया गया लेकिन आज तक सफाई नहीं कराई गई.
ज्ञान चन्द्र सिंह, नेवादा
दारानगर में सीवर और पानी की समस्या आमजन परेशान हंै। मिनी नलकूप बंद पड़ा है। समय पर सीवर की सफाई नहीं की गई तो स्थिति गंभीर होगी.
सुरेेन्द्र सिंह, दारानगर
बारिश से पहले जलकल विभाग के अफसरों को मुहल्ले के सीवर की सफाई करा देनी चाहिए ताकि सीवर का पानी घरों में न घुसे.
घनश्याम सिंह, दारानगर
दीवानगंज, गंगानगर कालोनी में सीवर की सफाई न होने से घर की नलों से सीवर का पानी आ रहा है। इसकी सफाई के लिए कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
बबलू साह, पार्षद
मानसून आने से पहले ही सीवर लाइन की सफाई करा दी गई है। 12 किलोमीटर में से करीब 57 किलोमीटर सीवर लाइन की सफाई की गई है.
रघुवेन्द्र कुमार, जीएम, जलकल