वाराणसी (ब्यूरो)। एक अगस्त से शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में घर-जमीन के सर्किल रेट में बदलाव होता है, लेकिन पिछले तीन साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसकी तमाम वजहें दर्शायी गई। अगस्त माह आने वाला है, ऐसे में एक बार फिर सर्किल रेट में बदलाव की कयास शुरू हो गई है। इस बार जिला प्रशासन सर्किल रेट बढऩे की तैयारी कर रहा है। इसके लिए निबंधन विभाग की टीम ने जनपद का सर्वे शुरू कर दिया। टीम मुख्य सड़क के किनारे नए प्रोजेक्ट के आसपास के सर्किल रेट पर ज्यादा ध्यान दे रही है। साथ ही नगर निगम में शामिल नये वार्डों में घर-जमीन के सर्किल रेट में 20 फीसदी और शहर क्षेत्र में अधिकतम 10 फीसदी की बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। यही रहा तो एक अगस्त से जनपद में जमीन और घर खरीदना और महंगा होगा.
जानकारी जुटा रही टीम
टीम सर्किल रेट के साथ ही जमीन के बाजार भावों की जानकारी जुटा रही है। इसकी रिपोर्ट अगस्त में शासन को भेजी जाएगी। प्रशासन के अनुसार पिछले कई सालों से सर्किल रेट को रिवाइज नहीं किया गया है। 2019 में शहर के विस्तार के लिए प्रस्तावित नई काशी में शामिल इलाकों में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, जबकि जबकि शहर क्षेत्र में सुधार के नाम पर अधिकतम पांच फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। यानी पिछले चार साल से सर्किल रेट में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ। बावजूद इसके शहर में संपत्तियों की खरीद में काफी उछाल आया। इसी को देखते हुए एक बार फिर से सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। किस स्थान पर कितना सर्किल रेट बढ़ाया जाय और उसके बढऩे की वजह क्या है इसके लिए निबंधन विभाग ने सर्वे शुरू कर दिया है.
साल 2018 में हुआ था रिवाइज
पिछले साल सर्किल रेट को रिवाइज करने का प्लान था, लेकिन चुनाव को देखते हुए कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। इससे पहले वर्ष 2016 में सर्किल रेट बढ़ाया गया था। लंबे समय से सर्किल रेट न बढऩे के कारण सरकार को राजस्व का काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। एक साथ ज्यादा बढ़ोतरी भी नहीं की जा सकती। यही कारण है कि इस साल सर्किल रेट में फिर से बढ़ोतरी की योजना बना रहा है। इस बार कितने प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी यह कहना अभी तय नहीं है.
तीन श्रेणियों में हैं सर्किल रेट
वाराणसी को आठ सर्किलों में बांटा गया है। इन सर्किल में प्रशासन की तरफ से कॉलोनियों की लोकेशन और आबादी के हिसाब से रेट तय किए जाते हैं। सर्किल रेट तीन श्रेणियों में तय हैं। पहला नौ मीटर चौड़ी रोड के किनारे बसा क्षेत्र, दूसरा नौ मीटर से 18 मीटर चौड़ी रोड के किनारे और तीसरा 18 मीटर से अधिक चौड़ी रोड के किनारे बसा क्षेत्र है.
इन्वेस्टर्स समिट का भी असर
सर्किल रेट बढ़ाने का एक प्रमुख आधार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भी है। वाराणसी में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रोजेक्ट लगाने के लिए निवेशकों ने प्रस्ताव दिए हैं। इन प्रोजेक्ट के किनारे स्थित जमीन के दाम महंगे होंगे। इसके अलावा सर्किल रेट का आधार क्षेत्र में हुए बैनामा को बनाया जाएगा। जिस क्षेत्र में संपत्तियों के बैनामे अधिक हो रहे होते हैं वहां सरकारी दर और बाजार मूल्य को देखा जाता है.
शहर के प्रमुख इलाकों के सर्किल रेट
- मैदागिन चौराहे से विशेश्वरगंज होते हुए गोलगड्डा 35 हजार
- पांडेयपुर चौराहे से रायसाहब बाग से आजमगढ़ मार्ग 32 हजार
- भोजूबीर-सिंधोरा मार्ग पर मछरहट्टा मंदिर के पास राममंदिर चौराहा 45 हजार
- बीएचयू गेट से सुंदरपुर और भिखारीपुर तक 45 हजार
- रथयात्रा चौराहे से महमूरगंज पुलिस चौकी 55 हजार
- रथयात्रा से कमच्छा से भेलूपुर थाने तक 55 हजार
- रथयात्रा चौराहे से गुरुबाग से लक्सा थाना 55 हजार
- मैदागिन चौराहे से गोदौलिया चौराहे से सोनारपुर तक 46 हजार
- मैदागिन चौराहे से बेनिया बाग तिराहा 55 हजार
- बुलानाला से कर्णघंटा, काशीपुरा, गोला दीनानाथ से हीरापुर 44 हजार
एक अगस्त से नया सर्किल रेट लागू होता है। शासनादेश के अनुसार सर्किल रेट को लेकर तैयारी की जा रही है। सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श और रेट पर अध्ययन चल रहा है। अभी कुछ भी कहना उचित नहीं है.
राजेश सिंह, एआईजी स्टांप