वाराणसी (ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी बनारस में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की बात एक बार फिर पुरानी हो गई है। पिछले कुछ माह से यहां की पावर सप्लाई की व्यवस्था बेपटरी हो गई है। आपके घर की लाइट कब बुझ जाएगी, इसकी कोई निश्चित समय नहीं है। बेहिसाब कटौती के साथ यहां फ्लैक्चुएशन की समस्या उपभोक्ताओं को लगातार परेशान कर रही है। मौसम ठीक होने के बाद भी क्यों पहले से ज्यादा पावर कट की जा रही है। इसका उचित जवाब भले ही विभागीय अफसर न दे पाएं, लेकिन कर्मचारियों ने इस समस्या की मूल वजह बता दी है। बिजली आपूर्ति की गड़बड़ाई व्यवस्था के पीछे पुराना इंसुलेटर बताया जा रहा है। शहर के सिगरा, रथयात्रा, लक्सा, सिद्धगिरीबाग, कमच्छा, लोहटिया, मैदागिन समेत दर्जनों एरिया में फ्लैक्चुएशन की समस्या बनी हुई है। यहां 24 घंटे में 10 से 12 बार बत्ती गुल हो जा रही है.
लग रहे हैैं लंबे कट
आए दिन किसी न किसी क्षेत्र में लोकल फाल्ट के कारण लंबी कटौती के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं खराबी को ठीक करने में बिजली विभाग के इंजीनियरों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। जब लोकल फाल्ट के बारे में सेवानिवृत्त कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि चाइनीज इंसुलेटर के कारण बरसात के दिनों में ज्यादा लोकल फाल्ट आ रहा है। वहीं उपकेंद्र से जुड़े फीडर ट्रिप कर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुराने हो चुके चाइनीज इंसुलेटर बरसात के मौसम में पंचर हो जा रहे हैं। हल्की बारिश में नमी के कारण इसमें कार्बन लग जा रहा है। हाई वोल्टेज को झेलने की क्षमता इसमें नहीं है। इस कारण खंबे में करेंट उतरने की संभावना ज्यादा रहती है.
पहले ही जताई थी आशंका
सेवानिवृत्त कर्मचारियों का कहना है कि पावर लाइन के निर्माण के समय ठेकेदार चाइनीज और लो क्वालिटी वाले इंसुलेटर लगा रहे थे। उस समय हम लोगों ने इनके जल्दी खराब होने की आशंका जताई थी, जो अब सामने आ रहे हैं। लोकल फाल्ट और फीडर ट्रिपिंग का मूल कारण यही है। जब तक उच्च गुणवत्ता वाले इंसुलेटर नहीं लगाए जाएंगे तब तक लोकल फाल्ट से छुटकारा नहीं मिलने वाला है। यही इसका स्थायी समाधान भी है.
आकाशीय बिजली से होते क्रेक
बताया जा रहा है कि बरसात के दिनों में जब आकाशीय बिजली की चमक और तड़क से चाइनीज इंसुलेटर क्रेक होकर टूट जाते हैं। उसके बाद जब बरसात होती है तो सीपेज के कारण सबसे पहले जंफर टूटता है फिर ट्रांसफार्मर का डीओ फूंक जाता है.
कुछ इस तरह है बिजली की खपत
सर्किल-खंड-उपभोक्ता-रोज खपत
-प्रथम- चार-1.75 लाख-250 मेगावाट
-द्वितीय-चार-1.25 लाख-150 मेगावाट
-ग्रामीण-तीन-2 लाख-350 मेगावाट
नोट: 700-800 मेगावाट बिजली की है प्रतिदिन जिले में कुल खपत
जिले में कुल उपकेंद्र
सर्किल प्रथम 24
सर्किल द्वितीय 21
ग्रामीण क्षेत्र 32
ऐसा नहीं है कि कि सिर्फ इंसुलेटर से समस्याएं आ रही हैं। ओवरलोडिंग के कारण लोकल फॉल्ट आते हैं, जिस कारण उसे ठीक करने के लिए शटडाउन लेना पड़ता है। खराब इंसुलेटर को समय-समय पर चेंज किया जाता है.
एके वर्मा, एसई, फस्र्ट