वाराणसी (ब्यूरो)। बड़ागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात लैब टेक्नीशियन से साइबर अपराधियों ने ठगी कर ली। तीन बार में 94 हजार पांच सौ रुपये एकाउंट में डलवा लिये। ठगी का एहसास होने पर स्वास्थ्य कर्मी ने मंगलवार को देर शाम स्थानीय थाने में मोबाइल नंबर तथा नाम के आधार पर तीन के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है.
अनजान नंबर से काल
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रयोगशाला प्राविधिक पद पर कार्यरत राजेश कुमार यादव ठगी के शिकार हो गए। एक अज्ञात फोन नंबर से वीडियो कॉल आया, बातचीत के बाद वह अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगे। वीडियो डिलीट करने के बहाने 20 जून को साइबर अपराधियों ने नगदी की मांग की। कहा कि आपका अश्लील वीडियो वायरल होने जा रहा है और इसमें तीन वीडियो डिलिट करने के लिए तीन बार 31,500 रुपये खाते में भेजना होगा.
वायरल कर देंगे
ऐसा नहीं करने पर यह वीडियो वायरल कर दिया जाएगा। तुरंत दिये गये मोबाइल नंबर पर बात करें तथा ऑनलाइन पैसे का भुगतान कर दें। भयभीत स्वास्थ्य कर्मी ने दिये गये यूटीआर नंबर पर बताये गये शनि चौधरी के खाते में फोन पे से उपरोक्त धनराशि ट्रांसफर कर दी। भुक्तभोगी के अनुसार पहली बार फोन करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम एसीपी एसएन श्रीवास्तव बताया था। इसके बाद फिर फोन करके पैसे की मांग करने लगा तो पीडि़ता ने पुलिस को तहरीर देकर केस दर्ज कराया है।
साइबर फ्रॉड का शिकार स्कूल प्रबंधक
साइबर ठगी का एक नया मामला सामने आया है। इसमें ठगों ने शेयर मार्केट में मुनाफा कमवाने के नाम पर साढ़े पांच लाख रुपए ठग लिये। साइबर सेल में शिकायत व संबंधित थाने में नामजद एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है, लेकिन अभी तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। भोजूबीर निवासी धर्मेंद्र सिंह निजी स्कूल के प्रबंधक हैं। आरोप है कि एंजल वन कंपनी में डिमैट अकाउंट खुलवाया था। कंपनी के कर्मचारी पंकज सिंह ने बगैर सूचना के ही डिमैट अकाउंट से दो लाख और धर्मेेंद्र की पत्नी के डिमैट अकाउंट से साढ़े तीन लाख रुपए निकाल लिये। इसका पता उनको तब चला जब बैंक से मैसेज आया। इसकी शिकायत साइबर सेल में पंकज सिंह और उनके मुंबई के साथी हितेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। करीब दो महीने होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई।