वाराणसी (ब्यूरो)। गजब स्थिति है यहां के इंडस्ट्रियल एरिया की। चांदपुर औद्योगिक आस्थान हो या रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया या फिर करखियांव, यकीन मानिए आज भी जब बारिश होती है तो सीधे फैक्ट्रियों में पानी घुस जाता है। गोदामों में रखा माल तो सड़ता ही है, प्रोडक्शन भी ठप हो जाता है। करोड़ों रुपए खर्च कर विभाग ने सतही तौर पर पानी निकासी के लिए नालियों का निर्माण तो कर दिया, लेकिन इन नालियों में आज भी सिल्ट भरी पड़ी है। झाड़-झंकाड़ से पटा रहता है। इंडस्ट्रियल एरिया की साफ-सफाई, बिजली, पानी से लेकर मेंटनेस खर्च समेत करोड़ों रुपए रेवेन्यू उद्यमी देते हैं। इसके बाद जब भी हल्की सी बारिश होती है तो पानी लबालब भर जाता है। इसको निकालने के लिए भी उद्यमियों को लाखों रुपये खर्च करना पड़ता है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 'डूबेगा या बचेगाÓ कैंपेन के तहत इंडस्ट्रियल एरिया की पड़ताल की तो समस्याएं उजागर हुईं.
धंसी सड़कें रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया की पहचान
रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया में करीब तीन सौ फैक्ट्रियां चल रही हैं। फैक्ट्रियों की संख्या को देखते हुए यहां की सड़कें, नालियां, बिजली और फायर ब्रिगेड की व्यवस्था टनाटन होना चाहिए लेकिन ऐसा आज भी नहीं है। आज भी इंडस्ट्रियल एरिया में प्रवेश करते ही झाड़-झंकाड़ के साथ उबड़-खाबड़ सड़कें, बजबजाती नालियां, तो कहीं धंसी हुई सड़कें इस इंडस्ट्री की पहचान बन गयी है।
धंस जाते हैं लोडेड वाहन
आज भी बारिश के दिनों में लोडेड वाहन इस इंडस्ट्री में लाने से कतराते है उद्यमी। क्योंकि लोडेड वाहन का पहिया कहां धंस कुछ कहा नहीं जा सकता। धंसने के बाद माल का नुकसान तो होता है, साथ ही प्रोडक्शन भी ठप हो जाता है। सड़कों की मरम्मत के लिए कई बार उद्यमियों ने यूपीसीडा के अफसरों को मेल, पत्रक दिया। मांग को देखते हुए सड़कें सतही तौर पर बना दी गयी। कहीं आरसीसी बनाया गया है तो कहीं कोरम पूरा कर दिया गया है.
बारिश में भर जाता है पानी
रामनगर औद्योगिक आस्थान फेज 1 हो या फिर फेज-2. यहां बारिश होती है तो फैक्ट्रियों में पानी घुस जाता है। गोदामों व फैक्ट्रियों में रखा माल भीग जाता है। यूपीसीडा के अफसर अगर बारिश आने से पहले ही चोक नालियों की सफाई करवा दें तो जगह-जगह जहां पानी लगता है वहां जलजमाव कम हो जाए। इसके लिए उद्यमियों को ही आगे आना पड़ता है.
करखियांव, चांदपुर की हालत खराब
करखियांव इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 25 फैक्ट्रियां चल करी हैं, जबकि चांदपुर औद्योगिक आस्थान में 150 फैक्ट्रियों में साड़ी, बिस्किट, पंखा से लेकर कालीन तक का उत्पादन होता है। इन औद्योगिक आस्थानों के हालात इतने खराब हैं कि आज भी सीवर, बिजली, पानी, जलजमाव की समस्या बरकरार है। जबकि यहां रोजमर्रा की वस्तुओं की सीधे सप्लाई मार्केट में की जाती है.
11 करोड़ से सड़क व सीवर का निर्माण
चांदपुर इंडस्ट्रियल एरिया के उद्यमियों के दबाव पर जिला उद्योग केंद्र द्वारा पिछले साल 11 करोड़ की लागत से आरसीसी सड़क, सीवर व नाली का निर्माण किया गया ताकि जलजमाव की समस्या से निजात मिल सके। कुछ दिनों तक व्यवस्था ठीक थी लेकिन कुछ महीने बाद फिर पुराने ढर्रे पर सारी व्यवस्था हो गयी.
सभी नालियां चोक
करखियांव व चांदपुर इंडस्ट्रियल एरिया में नाली का निर्माण करने के बाद विभाग मेंटनेंस करना भूल गया। आज सभी नालियों में सिल्ट भरा हुआ है। अगर इस बारिश हो जाए तो पानी की निकासी की व्यवस्था न होने से बारिश का सारा पानी फैक्ट्रियों में घुस जाएगा। जबकि इन औद्योगिक आस्थानों से करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में यूपीसीडा और जिला पंचायत को जाता है। इसके बाद भी समस्याएं दूर नहीं हुई.
जलजमाव से एफेक्टेड मार्केट
रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया से थोड़ी दूर पर रामनगर का मार्केट है। करखियांव के पास फूलपुर घना बाजार है। चांदपुर औद्योगिक आस्थान के पास मंडुआडीह, चांदपुर मार्केट है। बारिश के दिनों में जब झमाझम वर्षा होती है इन मार्केट का हाल खराब हो जाता है। मसलन, जगह-जगह जलभराव से चलना दूभर हो जाता है। जबकि इन मार्केट में प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोग खरीदारी करने आते हैं। कई दुकानदार तो अपनी दुकानें बंद कर चले जाते हैं.
इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास जितने मार्केट हैं, सभी की साफ-सफाई की जा रही है। जहां-जहां नालियां चोक हंै वहां जल्द ही सिल्ट हटाने का कार्य किया जाएगा.
शिपू गिरी, नगर आयुक्त
इंडस्ट्रियल एरिया में जल्द ही नालों की सफाई शुरू की जाएगी। मेंटनेंस पर भी ध्यान जिया जा रहा है। पूरी कोशिश रहती है कि औद्योगिक आस्थानों में बारिश का पानी न लगे.
आशीष नाथ, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीसीडा
चांदपुर इंडस्ट्रियल एरिया की सफाई की जिम्मेदारी जिला औद्योगिक सहकारी समिति की है। औद्योगिक आस्थान से सफाई के नाम पर समिति को रेवेन्यू जाता है.
मोहन शर्मा, उद्योग उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र
रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया द्वारा हर साल करोड़ों रुपए राजस्व जाता है। इसके बाद भी समस्याएं जस की तस हंै। बारिश के दिनों में पानी लग जाने से उत्पादन प्रभावित होता है.
आरके चौधरी, संरक्षक, रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया
रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया की ज्यादातर नालियां चोक हैं। नालियों के किनारे घास-फूस जम जाने से जाम हो गई है। यूपीसीडा को प्रॉपर तरीके से बारिश के पहले सफाई करनी चाहिए ताकि पानी न लग सके.
डीएस मिश्रा, अध्यक्ष, रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया
चांदपुर इंडस्ट्रियल एरिया में करोड़ों रुपए की लागत से नाली व सड़क का निर्माण किया गया लेकिन जिला उद्योग केन्द्र द्वारा नालियों की सफाई न कराने से जाम हो चुकी हैं.
नीरज पारिख, महासचिव, द स्माल इंडस्ट्री एसोसिएशन
प्रॉपर तरीके से मेंटनेंस अगर जिला उद्योग केन्द्र करे तो समस्याएं काफी हद तक दूर हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है, विभाग को सिर्फ रेवेन्यू से मतलब रहता है.
ज्ञानेश्वर गुप्ता, उद्यमी, चांदपुर इंडस्ट्रियल एरिया
कुछ महीने पहले ही उद्यमियों की मांग पर यूपीसीडा ने नाली का निर्माण कराया है। बारिश के दिनों में पूरे इंडस्ट्रियल एरिया में पानी भर जाता है। नाली का निर्माण होने से उम्मीद है थोड़ी बहुत राहत मिलेगी.
मनोज मद्धेशिया, अध्यक्ष, करखियांव इंडस्ट्रियल एरिया
करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी करखियांव में काफी समस्याएं बरकरार हैं। अगर उद्यमी अपने पास से खर्च न करें तो उद्योग चलाना मुश्किल है.
आनंद जायसवाल, महामंत्री, करखियांव इंडस्ट्रियल एरिया