वाराणसी (ब्यूरो)। कार के शौकीनों के लिए यह जरूरी खबर है। कार मालिकों में कार चोरी होने की चिंता बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में इससे सुरक्षा के लिए जीपीएस ट्रैकर जैसे कार एसेसीरीज सबसे अच्छे इनोवेशन में से एक है, जोकि आपको लंबी यात्रा, ट्रैकिंग या किसी एडवेंचर यात्रा पर जाने पर आपके दोस्तों और परिवार द्वारा ट्रैक करने की अनुमति देता है। ऐसी ही घटना सोमवार रात 9 बजे मिर्जामुराद में हुई। कार मालिक ने सक्रियता दिखाई और जीपीएस से इंजन बंद कर दिया। हाइवे पर कार का इंजन बंद हो जाने से एक बदमाश पुलिस के हत्थे लग गया, जबकि दूसरा भाग निकला.
पुलिसकर्मी बता बुक की कार
मिर्जामुराद थाने में सोमवार रात वाहन लूट का एक केस पहुंचा। लोहता थाना के विद्यापतिपुर (बनकट) निवासी संगम पांडेय ने बताया, उनके पिताजी हाईकोर्ट इलाहाबाद गए थे। उन्हें लेने उनकी वैगन आर कार (यूपी 62 सीबी 7595) को लेकर मझवां (कछवां) निवासी ड्राइवर महेश यादव घर से निकला और पैसेंजर्स के लिए कैंट रेलवे स्टेशन पहुंच गया। रात में प्रयागराज झूंसी जाने के लिए दो बदमाशों ने 1400 रुपए में कार बुक की। इनमें से एक बदमाश ने खुद को पुलिसकर्मी बताया और पुलिस की आईडी भी दिखाई। मिर्जामुराद फ्लाईओवर के पश्चिमी छोर पर लघुशंका करने की बात कह कर बदमाशों ने कार रुकवाई। इसके बाद चालक को दोनों बदमाशों ने असलहा सटाकर मोबाइल और जेब में रखे साढ़े तीन हजार रुपए छीन लिए। साथ ही कार लेकर कछवां रोड की ओर भाग निकले। चालक ने इसकी सूचना 112 नंबर डायल कर पुलिस को और उन्हें दी.
लॉक कर दी गाड़ी
एसओ आनंद चौरसिया ने बताया, सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे और चालक को साथ लेकर कछवां रोड की ओर निकले। साथ ही कार मालिक से संपर्क किया। कार मालिक ने जीपीएस से कार का इंजन बंद कर दिया। लेकिन, गाड़ी की स्पीड 88 किमी प्रति घंटा होने की वजह से काम नहीं किया। चारों तरफ से नाकाबंदी कर दी गई। टोल प्लाजा पर सूचना दे दी गई। चारों तरफ से घिरा होने के कारण वह गाड़ी खेतों में लेकर जाने लगे। भेड़हरा (खोचवां) गांव के पास हाइवे पर स्पीड 20 किमी प्रति घंटा से कम होने पर कार बंद हो गई। इस बीच पीछे से पुलिस टीम भी पहुंच गई। खेत की ओर भाग रहा बदमाश विकास कुमार तिवारी निवासी ग्राम ढोकरी सैदाबाद थाना हंडिया, प्रयागराज पकड़ लिया गया। जबकि दूसरा निकल भागा।
पुलिस का फर्जी प्रमाणपत्र, बढ़ाई धाराएं
आरोपी विकास कुमार तिवारी ने पूछताछ में बताया, उसके पास पुलिस का फर्जी प्रमाणपत्र है। वह इसे दिखाकर ही सारे गलत काम करता है। वह अवैध असलहा का शौकीन है, जिसके साथ उसके मोबाइल फोन में कई फोटो मौजूद हैैं। एसीपी आकाश पटेल ने लूट के मुकदमे में पुलिस की फर्जी आइडी कार्ड के उपयोग करने के लिए धाराएं बढ़ा दी.
5 मिनट में बदल देते थे ईसीएम
क्राइम ब्रांच और रोहनिया पुलिस ने शनिवार को इंटरस्टेट कार चोर गिरोह के सरगना समेत तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर पुलिस ने चोरी की दो थार समेत चार गाडिय़ां बरामद की थीं। इसके बावजूद कार चोरों का गिरोह सक्रिय है। गिरोह के पास लग्जरी गाडिय़ों के लॉक खोलने के उपकरण बरामद हुए थे, जिससे गाडिय़ों के इंजन और बॉडी पर कंट्रोल कर लेते थे। वह ईसीएम (इलेक्ट्रानिक कंट्रोल मॉड्यूल), बीसीएम (बॉडी कंट्रोल मॉड्यूल) और वाईफाई राउटर से गाडिय़ां चोरी करते थे। लग्जरी गाडिय़ों में लगी ईसीएम को पांच मिनट में बदल अपना ईसीएम और बीसीएम लगाकर अपनी चॉबी से गाड़ी पर कंट्रोल पा लेते थे। सबकुछ इंटरनेट आधारित होने से वाईफाई राउटर मददगार बनता है। दरअसल, चोरों ने गाडिय़ों का चेचिस नंबर मिटा दिया था। पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से उसका नंबर पता कर लिया था.
सेफ्टी टूल्स, जो कार की करते हैैं सुरक्षा
अगर आप भी एक कार मालिक हैं और अपनी कार सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं तो अब चिंता करने की कोई बात नहीं है। आपको बेस्ट कार जीपीएस ट्रैकर इन इंडिया और जीपीएस ट्रैकर प्राइस की लिस्ट की जांच करनी चाहिए। ये नए जमाने के कार जीपीएस ट्रैकर ऐसे एप के साथ आते हैं जो आपको वास्तविक समय में अपनी स्पीड, मार्ग और माइलेज जैसी चीजों को भी ट्रैक करने की अनुमति देता है.
क्या है जीपीएस ट्रैकर
एक ऐसा सेफ्टी टूल, जिसे कांफिडेंशियल तरीके से फिट किया जाता है, जो सिर्फ मालिक को पता होता है। जीपीएस ट्रैकर से गाड़ी की लोकेशन पता कर सकते हैं और गाड़ी की गतिविधि जान सकते हैं.
60 किमी। से ज्यादा चली कार तो मोबाइल पर मिलेगी इनफॉर्मेशन
वाहन में जीपीएस ट्रैकर लगाने के बाद गाड़़ी चोरी की संभावनाएं कम हो जाती हैं। अगर आपकी गाड़ी 60 किमी से ज्यादा चलती है तो मोबाइल के एप पर मैसेज के जरिए इनफॉर्मेशन मिल जाती है। इससे यह पता चल जाता है कि गाड़ी कहां है। अगर मोबाइल एप से इगनिसन ऑफ कर दें तो गाड़ी बंद हो जाएगी.
ट्रैकर की प्राइज रेंज : 3,000-4500 रुपए
एक्सपर्ट से समझिए जीपीएस ट्रैकर क्यों है जरूरी
1. कार रिपेयरिंग मैकेनिक अजय सोनकर ने बताया, अब तक कई गाडिय़ों में जीपीएस ट्रैकर लगाया है। जीपीएस ट्रैकर के बारे में सिर्फ मालिक व कार मैकेनिक को मालूम होता है। इसको लगाने का यह फायदा होता है कि आपकी गाड़ी चोरी होने से बच जाती है। अगर कोई आपकी गाड़ी चोरी करके ले जाता है तो आप अपने फोन से उस गाड़ी को बंद कर सकते हैं। जब हम ट्रैकर को फिट करते हैं तो उस वक्त एक एप का इस्तेमाल करते हैं। इससे गाड़ी की लोकेशन का पता चलता रहता है। इस वक्त 90 पर्सेंट गाडिय़ों में जीपीएस ट्रैकर लगाए जा रहे हैैं.
2. कार मैकेनिक नौसाद अंसारी का कहना है कि मैंने अब तक जितने भी जीपीएस ट्रैकर लगाए हैैं, सबकी वर्किंग अच्छे तरीके से होती है। इसको लगाने का फायदा यह होता है कि अगर आपकी गाड़ी 60 किलोमीटर से ज्यादा चलती है तो आपके मोबाइल एप पर एक मैसेज के जरिए दिखा देता है कि आपकी गाड़ी इस जगह किस लोकेशन पर है। इससे कार चोरी की आशंका कम हो जाती है.
कार चोरों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है। इंटरस्टेट कार चोर गिरोह के सरगना समेत तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। कार मालिकों से अपील है कि अपनी गाड़ी में जीपीएस ट्रैकर जरूर लगवाएं। यह गाड़ी चोरी हो जाने पर काफी मदद करती है.
सरवनन टी., एडीसीपी, वरुणा जोन