वाराणसी (ब्यूरो)। अप्रैल महीने में ही गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। टेम्प्रेचर का टॉर्चर बाहर के अलावा घरों में भी दिखना शुरू हो गया है। गर्मी के कारण केबल बॉक्स डैमेज होने लगे हैं तो लोड बढऩे से नये केबल बाक्स नहीं चल पा रहे। साथ ही भूमिगत केबल भी पंचर होने की घटनाएं बढ़ गई हैैं। ट्रांसफार्मर पर लोड बढऩे से पिछले एक हफ्ते में बिजली विभाग को कई जगहों पर शटडाउन करना पड़ा। इन स्थानों पर ट्रांसफार्मर में कहीं ऑयल लीक हो रहा था तो कहीं तार डैमेज था। यहीं नहीं पोल लगाने, तार कसने के नाम पर विभिन्न फीडरों पर दो से 8 घंटे तक शटडाउन किया गया। विभाग के इस कटौती से कई एरिया की पब्लिक परेशान रही। फीडर में गड़बड़ी के चलते प्रतिदिन से 2 से 5 घंटे तक आम पब्लिक को बिना बिजली के रहना पड़ रहा है.
मंडुआडीह में 8 घंटे का शटडाउन
मंडुआडीह में 12 अप्रैल को फीडर में गड़बड़ी के चलते सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक शटडाउन किया गया। करीब 8 घंटे की कटौती होने से आम पब्लिक को भारी फजीहत झेलनी पड़ी। आठ घंटे की कटौती के चलते कैंट, काशी विद्यापीठ, अन्नपूर्णानगर, छित्तूपुर समेत कई एरिया में बिजली का संकट बरकरार रहा.
संकुलधारा में 3 घंटे का शटडाउन
13 अप्रैल को संकुलधारा में 33/11 केवीए विद्युत उपकेन्द्र में गड़बड़ी आने की वजह से पूर्वांह्न 11 बजे से लेकर 2 बजे तक शटडाउन किया गया तब जाकर बिजली आपूर्ति बहाल हुई। बिजली कटौती के चलते लक्सा, श्रीनगर, दुर्गाकुंड, रघुनाथनगर, बिरदोपुर, एवं आसपास के क्षेत्र प्रभावित रहा.
3 एरिया में एक साथ शटडाउन
14 अप्रैल को बिजली विभाग ने तीन एरिया में शटडाउन अपनी गड़बडिय़ों को दूर किया। ट्रांसफार्मर में आयल बहने से बिजली विभाग को शटडाउन करना पड़ा। इनमें सेंट्रल जेल रोड के पन्नालाल पार्क में अकला फीडर 12 से 1 बजे तक शटडाउन कर फाल्ट को ठीक किया गया। इसके बाद लेढूपुर में 11 केवी के उपकेन्द्र पर गड़बड़ी के चलते 12 बजे से लेकर 1 बजे तक शटडाउन किया गया। वहीं, दौलपुर फीडर में फाल्ट आने से 12 से 1 बजे तक शटडान किया गया। इसके चलते भीमनगर, पत्रकारपुरम, लक्ष्मनपुर, सिकरौल, पंचक्रोशी, दनियालपुर, पुरानापुल, पहडिय़ा रमरेपुर समेत दर्जनों एरिया संकट में रहा।
दो करोड़ मेंटेनेंस के लिए
अप्रैल की शुरुआत में ही प्रचंड गर्मी के चलते बिजली विभाग की व्यवस्था बेपटरी नजर आ रही है। फीडर को ठीक करने का जिम्मा बिजली विभाग के अधिकारियों को फरवरी में कहा गया था। इसके लिए दो करोड़ रुपए का बजट भी आया था। इसके बाद भी विभाग के अधिकारियों ने फीडर और ट्रांसफार्मर को मेंटनेंस करना भूल गया। अब इसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। न तो कटौती से राहत मिल रही है और न ही ट्रिपिंग की समस्या से।
बिजली की इतनी खपत
ट्रांसमिशन सर्किल के अनुसार गत 8 अप्रैल को 527 मेगावॉट बिजली खपत हुई। सबसे अधिक 10 अप्रैल को 560 मेगावॉट बिजली खर्च हुई। 11 अप्रैल को डिमांड 512 मेगावॉट रही। इतनी डिमांड पूरा न कर पाने की स्थिति में 33 केवी क्षमता के 43 उपकेंद्रों से कटौती शुरू हो गई। दिन हो या रात, प्रतिदिन 2 से लेकर 6 घंटे तक की कटौती हो रही है। 20 अप्रैल को 565 मेगावॉट की खपत हुई।
फैक्ट एंड फीगर
44 सबस्टेशन हैं वाराणसी में
180 फीडर्स से आपूर्ति होती है
2 से 5 घंटे की होती कटौती
28 मार्च को लोड : 446 मेगावॉट
21 अप्रैल को लोड : 570 मेगावॉट
इन एरिया में सर्वाधिक कटौती
लहरतारा, लेढूुपुर, पहडिय़ा, शंकुलधारा, मंडुआडीह, मढ़ौली, प्रहलादघाट, मच्छोदरी, बेनियाबाग। मैदागिन, जैतपुरा, नदेसर.
इन एरिया में ट्रिपिंग की प्रॉब्लम
सिगरा, सुंदरपुर, गोदौलिया, बांसफाटक, मंडुआडीह, सारनाथ, पहडिय़ा, पड़ाव भदऊं चुंगी, करसड़ा, बेटावर.
एक नजर में टेम्प्रेचर
एक नजर में मैक्सिमम टेम्प्रेचर (डिग्री सेल्सियस में)
13 अप्रैल 39.2
14अप्रैल 39.2
15 अप्रैल 40.8
16अप्रैल 41.4
17अप्रैल 40.1
18अप्रैल 40.2
19 अप्रैल 42.8
20 अप्रैल 43.7
21 अप्रैल 40.1
इस भीषण गर्मी में लोड बढ़ गया है। 20 दिन पहले 446 मेगावाट था, जो अब बढ़कर 570 हो गया है। ट्रांसफार्मर में आयल भरा गया था, वह हीट हो रहा है। इसके चलते शटडाउन करना पड़ रहा है.
अरविंद कुमार सिंघल, चीफ इंजीनियर